06 दिनों से बंद एप की निकासी,मांग रहे 6000 रूपये केवाईसी शुल्क

Korba Qlof News : छह दिन से बंद एप की निकासी, मांग रहे छह हजार केवाईसी शुल्क
     प्रमोद कुमार बंजारे 
कोरबा (छत्तीसगढ़ महिमा)। 30 जून 2024,
एप क्यूलाफ में राशि निवेश करने वालों की निकासी गत दिनों 24 जून से बंद कर दी गई है। इसके लिए कहा गया कि कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों ने कंपनी के प्लेटफार्म रिचार्ज चैनल की खामियों का उपयोग किया है। जिस कारण भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो के साथ सहयोग करने के लिए हमारे मंच सिस्टम सुरक्षा स्तर को उन्नत किया है। यह जानकारी देते हुए केवाईसी प्रमाणन के लिए 6000 रुपये का शुल्क मांगा गया हैं। इसके बाद से निवेशकों में राशि डूबने की आशंका से हड़कंप मचा हुआ है। यह जान कर हैरानी होगी कि इस शेयर ट्रेडिंग एप से न केवल कोरबा के साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), एनटीपीसी, बालको के कर्मचारी जुड़े हुए थे, बल्कि प्रशासनिक व पुलिस के कर्मचारी भी इस एप के माध्यम से ट्रे़डिंग कर रहे थे। इक्के- दुक्के लोग ही हैं,जिनकी बड़ी राशि लगे होगें, ज्यादातर लोगों की अधिकतम 06 से 12 हजार रूपये ही लगे हैं। 40 प्रतिशत लोग अपनी कंपाउंड मनी विड्राल कर चुके हैं। यही वजह है कि कोई भी निवेशक इसकी शिकायत करने सामने नहीं आ रहा है। आमतौर पर एक - दूसरे से इसकी चर्चा तो सभी कर रहे हैं, पर पुलिस या प्रशासन तक कार्रवाई के लिए नहीं पहुंचे हैं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि घरेलू महिलाएं भी इस एप के चक्कर में पड़ गई थी। शारदा विहार निवासी एक महिला ने बताया कि करीब 02 माह पहले उसने ट्रेडिंग किया और 01 माह के अंदर ही 06 हजार रूपये आहरण कर लिया और अतिरिक्त रूप से 06 हजार रूपये निकाल लिए हैं, जो बैंक खाते में पहुंच चुके हैं। ग्रहणी ने एक नकारात्मक पहलू बताते हुए कहा कि उन्होंने जो 04 निवेशकों को जोड़ा था, उनमें से ज्यादातर लोगों के 03 से 06 हजार रूपये तक फंस गए हैं। दर्री क्षेत्र में रहने वाले एक युवक का कहना है कि जनवरी माह से ही वह ट्रेडिंग कर रहा है। उस वक्त उसे 03 हजार रूपये जमा करना पड़ा था। उसके पास कोई रोजगार का साधन नहीं था, इसलिए इससे प्रतिदिन लोगों को निवेशक के रूप में जोड़ने लगा। 06 माह के अंदर उसने 100 से अधिक लोगों को जोड़ चुका था। इस वजह से उसकी सैलरी बढ़ती गई और वह 02 लाख रूपये तक राशि आहरित कर चुका है। इतनी ही राशि और उसे निकालन था, पर बीच में ही आईडी को ब्लाक कर दिया गया। उसके सामने परेशानी यह है कि उसके बनाए गए निवेशकों में आधे लोगों की मूल राशि निकल पाई है। शेष लोग अब आईडी ब्लाक हो जाने से उसे परेशान कर रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के एक इलेक्ट्रानिक व्यापारी का कहना है कि मुझे पता था यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। मैं थोड़ा विलंब से ट्रेडिंग शुरू किया और मेरी राशि लगता है अब डूब गई।       
चिटफंड घोटाला में पहले ही डूब चुके है लोगों के 200 करोड़ रुपए 
इसके पहले भी छत्तीसगढ के 20 लाख से ज्यादा लोगों के 100 से ज्यादा चिटफंड कंपनियां करीब 200 करोड़ रुपये डूबा चुके है। इस पर खूब राजनीति भी हुई। भाजपा शासन काल में हुए इस घोटाले के पीड़ितों को राशि वापस करने का वादा करते हुए अपने घोषणा पत्र में शामिल किया,पर पीड़ित केवल कलेक्ट्रेट में लंबी कतार लगा आवेदन जमा किए। 05 वर्ष गुजर गए,पर गिनती के कुछ लोगों को ही कुछ रुपये वापस मिले। महादेव सट्टा एप का भी संचालन दुबई से किया जा रहा था। इसके भी आरोपित अभी भी पकड़े जा रहे हैं। अब राज्य में क्यूलाफ एप शेयर ट्रेडिंग घोटाला का मामला सामने आया है।

निवेश करने पूर्व कंपनी की अच्छी तरह कर लें जांच : मोहित साहू 

साइबर एक्सपर्ट, रायपुर मोहित साहू का कहना है कि सेबी के दिशा - निर्देशों के अनुसार ही निवेश करें। कोई भी एप में निवेश करने से पहले उसकी कंपनी की जानकारी एमसीए से जांच करें, कंपनी इंडिया में रजिस्टर्ड हो और सेबी से विनियमित हो,उसका ध्यान रखें। क्रिप्टो में निवेश जोखिम से भरा हुआ है, क्रिप्टो निवेश से बचना चाहिए, क्योंकि यह विनियमित नहीं है। अपनी पूरी पूंजी एक ही जगह निवेश करने से बजाएं, कई पोर्टफोलियो में निवेश करें, इसलिए नुकसान को कम किया जा सके।