
गत दिनों अक्टूबर 2023 में नवागढ़ ब्लाक के 25 स्कीम में से 18 स्कीम धनौरा, मोहलाइन, कामता, पुटपुरा, झाल, सलहेघोरी, अमोरा, खैरा, खेड़ा नंबर वन, गोढ़ी कला, गनियारी, गिधवा, पेंड्री, एरमशही, गिधवा रेनो, कुरदा, एवं बेलदहरा जलाशय में शत प्रतिशत जलभराव था। बिनैका में 75 फीसदी से अधिक जलभराव था। मोतीमपुर, मुरकूटा, खेड़ा नंबर 2 परसड़ा एवं लालपुर में 50 फीसदी से अधिक जलभराव था। 29 अप्रैल 2024 की स्थिति में 50 फीसदी से अधिक जल भराव मोहलाइन एवं एरमसही जलाशय में है। 25 फीसदी से अधिक गनियारी एवं बेलदहरा में है। 21 जलाशय में 25 फीसदी कम यानी सुख चुके हैं।
गहरीकरण कराना हैं आवश्यक
नवागढ़ ब्लाक के भौगोलिक स्थिति के जानकार प्रेमलाल वर्मा ने कहा कि ब्लाक की स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग की जितनी भी स्कीम है इनमें से 80 फीसदी से कोई सिंचाई नहीं होता। 80 के दशक में लोगों को रोजगार देने पलायन रोकने के लिए बनी इन योजनाओं को अब गहरीकरण कराने की अत्यंत आवश्यकता है। कामता,गोढ़ी में तो बच्चे क्रिकेट खेलते थे। गहरीकरण हुआ तो जल संरक्षण हुआ। गांव का भूजल स्तर में सुधार हुआ। श्री वर्मा ने कहा कि पूरे ब्लॉक में गहरीकरण अभियान चला कर स्कीम को जल भराव योग्य बनाया जा सकता है अन्यथा भविष्य में लोग जलाशय में खेती करेंगे प्रशासन को इनके लिए पानी की व्यवस्था करना पड़ेगा।