
धान खरीदी केंद्रों से अभी तक नहीं किया गया पूर्ण उठाव
जिले के 128 धान खरीदी केन्द्रों में से बेमेतरा,बीजा, लेजवारा,कन्हेरा,बांसा,हरदी,भिभौरी,अछोली,सुरहोली, लोलेसरा,पहंदा व मावलीभाठा,कुंरा सहित अनेकों केन्द्र में ही धान का पूर्ण उठाव हुआ है। 11 धान खरीदी केन्द्रों में 100 क्विंटल से कम का स्टॉक है। 32 धान खरीदी केन्द्रों में 142 से लेकर 987 क्विंटल का स्टॉक है। 59 धान खरीदी केन्द्रों में 1000 से लेकर 9878 क्विंटल का स्टॉक खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। 26 धान खरीदी केन्द्रों में 10378 से लेकर 30660 क्विंटल धान रखा हुआ है।
प्रति क्विंटल 1 से 2 किलो की कमी आने की आशंका
विशेष सूत्रों की माने तो,धान खरीदी के बाद से धान का वजन कम होता जा रहा है। रखे गए धान का जब - जब भार नापा जाता है, तो उसका वजन कम निकलता है। अनुमानित तौर पर प्रति क्विंटल के वजन में 1 से 2 किलोग्राम की कमी आने की जानकारी मिल रहा है।
एक पैर कलेक्टोरेट में तो दूसरा पैर धान खरीदी केन्द्र में
हालत को देखते हुए प्रभारियों ने अपने संगठन के माध्यम से एक माह के दौरान 4 बार अधिकारियों के यहां चक्कर लगा चुके हैं। हालत को बयां करते हुए प्रभावितों ने बताया कि बारिश होने के बाद उनका एक पैर कलेक्टोरेट के अंदर होता है तो दूसरा पैर धान खरीदी केन्द्र में होता है। यानी दोनों जगहों पर लगातार भाग - दौड़ कर रहे हैं,जिससे धान का उठाव हो सके। धान खरीदी के दौरान जीरो शॉर्टेज का टारगेट दिया जाता है। यानी खरीदे गए पूरे धान का उठाव करना है। इस बीच कमी आने की स्थिति में नुकसान की भरपाई के लिए प्रबंधक पर ठीकरा फोड़ा जा सकता है।
कितना नुकसान,अभी नहीं बता सकते:जिला नोडल अधिकारी
जिला नोडल अधिकारी आर.के.वारे ने कहा कि पूरे धान का उठाव अभी नहीं हो पाया है। समितियों में अभी भी 7 लाख क्विंटल से अधिक धान रखा हुआ है। नुकसान हुआ है पर कितना ये अभी नहीं बता सकते। यह कहना हैं जिला नोडल अधिकारी का।
बड़ी दुर्भाग्य की बात हैं कि खाद्य मंत्री के जिले की यह हाल हैं तो छत्तीसगढ़ अन्य जिलों की क्या दूरदर्शाता हो रही होंगी।