गिग वर्कर्स को कानूनन मान्यता,संरक्षित हो मानदेय,केंद्र सरकार जारी करे यूनिक आईडी एवं आवश्यक लाभ

रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 09 अगस्त 2023,
अखिल भारतीय असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.प्रकाश अनंत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हाल में ही राजस्थान सरकार द्वारा गिग वर्कर्स के हित में अति महत्वपूर्ण कदम उठाया ऐसे ही कानून लागू करने केंद्र सरकार से मांग किया जाता रहा हैं। गीग वर्कर्स अति जरूरत मंद कामगार है जिनकी कोई व्यक्तिगत पहचान नहीं होती और ना ही उनके संबंध में किसी प्रकार के कानून को मान्यता दी गई है। इन्हे सामान्य भाषा में डिलीवरी ब्वाय के नाम से जाना जाता है। जो गैर स्थायी श्रमिक है। जबकि आज का व्यापार व्यवसाय तीव्र गति पे चलायमान है। आज किसी भी उत्पादक अथवा उपभोक्ता को अधिक समय तक प्रतीक्षा नहीं करना पड़ता और ना ही किसी सामान के लिए दुकानों का चक्कर लगाना पड़ता है। उत्पादक (दुकान) और उपभोक्ता के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ये गीग वर्कर्स हैं। जो उत्पादित वस्तुओं को उपभोक्ता तक उनके घर तक पहुंचाने का काम करता है। जबकि इतने महत्वपूर्ण होने के बाद भी इनके संरक्षण में किसी भी प्रकार से योजना, कानून नही बनाया गया है। जो स्पष्ट दर्शाता है कि मोदी सरकार केवल पूंजीपतियों की पार्टी है। गरीब तबके के लोगों के लिए किसी प्रकार की सुविधा, कानून नही है। जबकि कांग्रेस की सरकार में ग्रामीण मजदूरों के हित में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 लागू किया गया। जिसे मनरेगा के नाम से जाना जाता है। गिग वर्कर्स के हित में राजस्थान सरकार ने 24 जुलाई को गिग कर्मकार (रजिस्त्रीकरण व कल्याण) बिल 2023 तथा गांधी वाटिका न्यास जयपुर विधेयक 2023 पारित किया गया। जिसमे गिग वर्कर्स के लिए बोर्ड का गठन जिसमे कम से कम दो गिग वर्कर्स को बोर्ड का सदस्य बनाया जायेगा। बोर्ड को यह ध्यान रखना अनिवार्य होगा की जिन भी संघ या समुदाय में गिग वर्कर काम कर रहे हैं उन्हें समय पर मानदेय का भुगतान हो रहा है या नहीं। सरकार द्वारा यह भी प्रावधान रखा गया है की समस्त गिग वर्कर्स के लिए कल्याण निधि तय की जावेगी ताकि उनके संकट में मदद मिल सके। साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा प्रत्येक गिग वर्कर को एक पहचान की यूनिक आई डी दी जायेगी। राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.प्रकाश अनंत द्वारा केंद्र सरकार से मांग की गई है की पूरे भारत देश में लगभग आठ से बारह करोड़ गिग वर्कर कार्यरत है जो अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए जान जोखिम में डालकर जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है की गिग वर्कर्स के लिए न्यूनतम मानदेय सरकार द्वारा तय किया जाए। प्रत्येक वर्कर्स के  जीवन बीमा को अनिवार्य किया जाए एवम प्रत्येक वर्कर्स का कल्याण निधि सुनिश्चित किया जावे। 
सबसे महत्वपूर्ण बात वर्कर्स के काम के घंटों को भी निर्धारित किया जाना अत्यंत आवश्यक है।