छत्तीसगढ़ महिमा भटगांव। 25 जुलाई 2022,
ग्राम रिकोटार के सरपंच द्वारा शासन की महत्वाकांक्षी योजना गौठान व चारागाह को लेकर इतना आक्रमक हो गया है कि ग्राम वासियों द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए सरपंच ने डंडा लेकर फैसला करने लगे तो देश में कानून बनाने की क्या आवश्यकता है ? सरपंच की दबंगई देख ग्राम वासियों को डर सताने लगी है और ग्रामवासी कहने लगे हैं कि अगर हमें कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार सरपंच होगा।
ग्राम पंचायत रिकोटार के सरपंच ने अवैध अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी कर 7 दिवस के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है। हम लोग 30- 40 साल से यहा अपना जीवन यापन निस्तारी करते आ रहे हैं।
30/35 सालों से निवास करने वाले लोग आखिर बरसात के मौसम में कहां जायेंगे। इतना ही नहीं रिकोटार के सरपंच द्वारा खुद अवैध अतिक्रमण कर बेचारा बना हुआ है आखिर सरपंच द्वारा जो अवैध अतिक्रमण कर चारागाह के लिए चिन्हित किए जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को दुसरे जगह भूमि देने का जो वादा किया गया था। उस संबंध में तहसीलदार बिलाईगढ़ को गुहार लगाई गई है। लेकिन इन लोगों का फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। इस ग्राम में अधिकांश लोगों द्वारा अतिक्रमण कर अपना आशियाना बनाया गया है लेकिन इन्हीं लोगों का आशियाना तोड़ने के लिए क्यो मजबूर किया जा रहा है? जबकि सरपंच द्वारा 2 से 3 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया है।
फिर भी जिम्मेदार लोग मौन साधे हुए हैं और गरीब परिवार के लोगों का आशियाना तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। जबकि यहां गौठान व चारागाह के लिए पर्याप्त भूमि होने के बाद भी सरपंच द्वारा दबंगई करने की शिकायत मिल रहा है और प्रशासन कुम्भकरणी निद्रा में सोए हुए हैं। अतिक्रमण को सरपंच हटा रहा है तो सरपंच भी जमीन घेर कर रख मकान भी बेजा कब्जे कर शासकीय भूमि पर ही बनाया है अगर चारागाह बनाना ही है तो सरपंच के बेजा कब्जे वाली जमीन में बननी चाहिए। हम अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस बरसात में कहां जाएंगे। हमारे द्वारा इसकी शिकायत तहसीलदार बिलाईगढ़ से की गई है। सुमित्रा (शासकीय भूमि पर काबिज पीड़ित परिवार )
गौठान बनाने के लिए हम लोगों को हटा रहे हैं यहां चारागाह बनाना चाहते हैं। सरपंच भी जमीन घेर रखा है और भी लोग घेरे हैं। हम लोग भी चाहते हैं कि हम लोगों को भी जीवन यापन गांव में निस्तारी करने पर्याप्त जगह मिले। तहसीलदार से शिकायत की गई है उन्होंने कहा कि आपस में बातचीत कर हल निकालने को कहा है।
कंचन साहू ( शासकीय भूमि पर काबिज पीड़ित परिवार )
ग्राम वासियों से आपसी मनमुटाव के चलते बदले की भावना से उन्हें हटाया जा रहा है जबकि सरपंच द्वारा उन्हें नहीं हटाने का वादा किया गया था। जिससे वे मुकर कर एक पक्षीय द्वेष भावना से कुछेक लोगों को परेशान कर अतानाशही रवैए अपनाएं जा रहा हैं।
इस संबंध में जगदीश साहू,अमृत राम सेवक चंदू लाल, कंचन,मनी राम ने तहसील दार को उचित कार्यवाही कर समस्याओं का समाधान करने लिखित पत्र सौंप कर मांग किया गया हैं। समाचार आंचलिक प्रिंट सोशल इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया हैं। अब देखना होगा कि शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही किया जाएगा या नहीं।