छत्तीसगढ़ महिमा गिरौदपुरी। 16 जून 2022,
विद्युत वितरण विभाग सब स्टेशन गिरौदपुरी के अधिकारीयों- कर्मचारियों की मनमानी से आम जनता बहुत ही परेशान रहते रहे है। बिजली बंद का कोई निश्चित समय नही है और हर एक- दो घंटे के अंतराल में जब चाहे तब बिजली बंद कर देते है। जिस समस्या से संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा भूमि गिरौदपुरी धाम में आने वाले विभिन्न दूरस्थ स्थानों से पहुंचे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को जूझना पड़ रहे है। बिजली विभाग द्वारा मेंटेनेंस व नए केबल लाईन के नाम पर कई बार लंबे समय से बिजली बंद किया जाता रहा है किंतु जैसे ही गर्मी शुरू हुई वैसे ही बिजली विभाग की सारी पोल खुल कर सबके सामने आ गई है। क्षेत्र में सबसे गंभीर समस्या यदि है तो वह है विद्युत की समस्या जिसका सुधार न हो पाना काफी चिंतनीय है। कभी इंसुलेटर फाल्ट तो कभी जंफर उड़ना और कभी केबल टूटना जैसे समस्या बताते हुए असमय बिजली बंद कर दी जाती है और जब विद्युत अधिकारी अथवा कर्मचारियों से विद्युत समस्या के बारे में पूछा जाता है। तब उनका रटा- रटाया जवाब कि फाल्ट सुधार चल रहा है तथा भारी- भरकम व्यस्तता का हवाला देकर फोन काट देते है। वर्तमान भीषण गर्मी में जहां लोग कूलर- पंखे के सामने रहना पसंद कर रहे है, लेकिन सही तरीके से उन्हें विद्युत का लाभ न मिल पाने के कारण उमस भरे मौसम से वे परेशान है। वही प्री मानसून की दस्तक हो ही चुकी है और आने वाले दिनों में पूर्ण बरसात का मौसम भी आ जाएगा, तब जमीन पर रेंगने वाले विषैले जीव- जंतु का भी खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में बिजली का हाल इसी तरह रहा तो रात्रि के समय यह खतरा दुगुना रहेगा।
ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की हालत दयनीय
बिलाईगढ़,कसडोल,भटगांव के विद्युत सब स्टेशन अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में तो बिजली का हाल ही बेहाल है और सुधार व्यवस्था भी दयनीय है जिसके कारण ग्रामीण वर्ग ज्यादातर लालटेन युग में जीवन बिताने को मजबूर है। ग्रामीण क्षेत्र की बिजली यदि एक बार चली जाए तो कई - कई दिनों तक आते ही नहीं और गांव के लोगों को चिमनी दिया की रोशनी में रात गुजारनी पड़ती है। अगर बिजली रहे भी तो लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है।
जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स समान या तो जल्दी खराब हो जाते है या फिर शो पीस बन कर रह जाते है।
जिसके निदान के लिए विद्युत विभाग कभी गंभीर नहीं दिखा। अनन फनन्न में बिजली बिल ज्यादे मनमाने तरीके से भेज कर आम जनता की कमर तोड दिए हैं।
व्यवसाय पर पड़ रहा असर
बिजली की आवाजाही से व्यापारियों के व्यवसाय पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।
फोटोकॉपी सेंटर,हालर मिल,होटल,शासकीय कार्यालयों, बैंक जैसे संस्थान में इसका सीधा असर पड़ रहा है।
नगर में केबलिंग का कार्य तो 06 माह पूर्व पूर्ण किया जा चुका है और तब जिससे लोगों को लग रहा था कि अब बिजली समस्या से निजात मिलेगी लेकिन लोगों की सोच सही साबित नही हो पाई और समस्या जस की तस बनी हुई है। जिसे लेकर व्यवसायी वर्ग आक्रोशित है।
पानी की नही हो पा रही ढंग से सप्लाई
गिरौदपुरी धाम में बिजली का ऐसा आलम देखने को मिल रहा है कि पानी की सप्लाई ठीक ढंग से नही हो पा रही है और विद्युत की आवाजाही से लोगों के दिनचर्या में असर पड़ रहा है। मंदिर परिसर की ओर कभी पर्याप्त बिजली की सुविधाएं उपलब्ध नहीं रहती।
सुबह के समय यदि बिजली बंद हो जाए तो पूरे गिरौदपुरी धाम के बस्ती और तपो भूमि मंदिर परिसर प्रांगण के पानी टंकी नल में पानी की सप्लाई नही हो पाता और फिर पानी के लिए लोगो को जद्दोजहद करते देखा जाता है। दूरस्थ स्थानों से पहुंचे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को इस दौरान चरण कुण्ड अमृत कुण्ड जोक नदी की पानी से स्नान भोजन पीने के लिए मजबूर होना पड़ता हैं। ग्रीष्मकालीन समय के अलावा विभिन्न समय भी जल व्यवस्था का खस्ता हालत रहता हैं। विद्युत विभाग को इस समस्या से अवगत भी कराया गया है लेकिन विभाग भैंस के आगे बिन बजाए- भैंस खड़ी पोगराए की कहावत को चरितार्थ करने में लगे रहते है।
आखिर कब सुधरेगी नगर की विद्युत व्यवस्था..?
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पर्यटन मण्डल गिरौदपुरी धाम के लिए विद्युत की समस्या कोई नई बात नही है। आंख मिचौली से पहले भी यहां बिजली की समस्या से ग्रामवासियों को जूझना पड़ रहा था और आज भी उक्त समस्या बरकरार है। बिजली सुधार को लेकर अनेक जन प्रतिनिधि भी प्रयास कर चुके है लेकिन इससे अभी तक निजात नही मिल पाया हैं।