छत्तीसगढ़ महिमा गिरौदपुरी धाम। 15 मई 2022, छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा भूमि गिरौदपुरी धाम आज स्वतंत्र भारत की आजादी की 75 वर्ष बाद और वर्तमान सरकार की 4 वर्ष प्रगतिरत होते हुए भी विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे उपेक्षा का शिकार होते दिख रहे हैं। मुख्य मार्ग से लगे तपो भूमि प्रवेश द्वार से मुख्य गुरूगद्दी गुरूद्वारा चरण कुण्ड अमृत कुण्ड और नव निर्मित भव्य कुतुंबमीनार से ऊंचे जैतखाम परिसर अंदर चारों ओर तक बिजली आपूर्ति की अव्यवस्था अधिक रहता हैं। वार्षिक त्रिदिवसीय गुरू दर्शन मेला आयोजन से लेकर भीषण ग्रीष्मकालीन समय पर पानी की आपूर्ति नहीं हो पाता जिनसे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटक गणों की स्नान शुद्धि भोजन हेतु पेयजल पर्याप्त नहीं मिलने से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा हैं। तपो भूमि के नीचे करूणा माता जलाशय वार्षिक मेला से पहले सूखे हुए हैं और जन्म स्थली के समीप बस्ती अंदर मुख्य सफुरा माता सरोवर तालाब भी सूखे पड़े हैं। जल संकट गहराया हैं तो भीषण ग्रीष्मकालीन में संत श्रद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक गण को प्यास बुझाने तरसने पड़ रहा हैं। इस तरह जिले महासमुंद के पिथौरा होते बयां अर्जुनी महाराजी और रायपुर मार्ग अमोंदी और बरपाली से मड़वा होते गिरौदपुरी धाम पहुंच मुख्य मार्ग अत्यंत गड्डे धूल मय जर्जर हालत में तब्दील हो चुका हैं। इसके ही जैसे सारंगढ़ मुख्य मार्ग से पवनी होते मडवा और नर्धा से कौवाताल और गीधौरी से नगर पंचायत टुण्ड्रा होते गिरौदपुरी धाम पहुंच आवागमन मुख्य मार्ग की जर्जर हालत है। जिनको सड़क निर्माण विभाग द्वारा वार्षिक मेला के दौरान उक्त सड़कों को नाममात्र मरम्मत थूक पालिश कर खानापूर्ति किए जाते रहे हैं। जो कुछ समय बाद जस की तस जर्जर हालत में तब्दील हो जाते हैं। जिन्हे शासन प्रशासन द्वारा आज तक मजबूती नवीन सुगम मार्ग बनाने कोई सुध नहीं ली जा रही हैं।
करूणा माता जलाशय बांध से चरण कुण्ड तक पहुंच मार्ग सी सी रोड निर्माण कार्य और वहां छायादार यात्री प्रतीक्षालय धर्मशाला भवन निर्माण कार्य करने की नितांत आवश्यकता हैं। संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों की सुविधाएं को लेकर अमृत कुण्ड पास भी सतनाम सत्संग भवन और वहां की पुल पुलिया पर मरम्मत सौंदर्यकरण कार्य की जरूरत है वैसे ही पांच कुण्ड और छाता पहाड़ और जोंक नदी पास यात्री प्रतीक्षालय धर्मशाला भवन निर्माण कार्य कराने की अत्यंत आवश्यकता को मांग किया जाता रहा हैं। साथ ही अमृत कुण्ड से बघूवा मांडा होते पांच कुण्ड और छाता पहाड़ पहुंच तिराहा मार्ग तक सीढ़ी और कांक्रीटीकरण रोड निर्माण कार्य की मांग किया जा रहा हैं। पांच कुण्ड के पास ऊपर पहाड़ी में स्थित जैतखाम सतगुरु सुमरन ध्यान केंद्र स्थल तक सीढ़ी दार पहुंच मार्ग बनाने की मुख्य आवश्यकता हैं।
संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों द्वारा गिरौदपुरी धाम की मूलभूत सुविधाओं को लेकर प्रिंट सोशल इलेक्ट्रानिक मीडिया को यहां की विकास कार्यों की मुद्दे को उठाने शासन प्रशासन द्वारा उचित पहल कराने की बात जन प्रतिनिधियों तक पहुंचाने मांग किए जाते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे बड़े पर्यटन स्थल संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा भूमि आज भी उपेक्षित पिछड़ा हुआ हैं।
जहां प्रति दिन सैकड़ों हजारों सर्व समुदाय के देश विदेश प्रदेश भर से संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों का आवागमन होते रहते हैं। जहां बिना खर्च किए बुलाए 10 लाखों से अधिक संख्या में वार्षिक त्रिदिवसीय गुरू दर्शन मेला में लोगों की गरिमामय उपस्थिति बनी रहती हैं।
जिनको अनदेखा कर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गिरौदपुरी धाम की मूलभूत सुविधाओं समस्याओं को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं जिनका जीता जागता उदाहरण सबके सामने आइने की तरह साफ है। सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता गिरौदपुरी धाम को की दशा और दिशा को मौके पर पहुंच कर भली भांति वहां की गतिविधियों समस्याओं से अवगत हो सकते हैं।
छोटे बड़े अन्य पर्यटन स्थल पूर्ण रूप से सर्व सुविधा युक्त विकसित हो गए। लोगों को बड़े लंबे समय से आस है कि सर्व सुविधा युक्त विकसित गिरौदपुरी धाम आज नहीं तो कल होगा इस उन लोगो की मांग और आशय को शासन प्रशासन तक जनहित में सार्थक प्रयास किए जाने समाचार प्रकाशित कर पहुचाएं जाते रहे हैं।
जन आस्था और विश्वास की केंद्र बिंदु गिरौदपुरी धाम की मूलभूत सुविधाओं समस्याओं पर शासन प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की ध्यान पड़े। जिनसे वहां की जमीनी स्तर पर जरूरत मंद विकास कार्य पूर्ण हो जाएं उनसे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध हो सके।