बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान,पुण्य और धर्म -।कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं। यह स्नान लाभ की दृष्टि से अंतिम पर्व है। इस दिन मिष्ठान,सत्तू,जल पात्र,वस्त्र दान करने तथा पितरों का तर्पण करने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सत्य विनायक पूर्णिमा भी मनायी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के दरिद्र मित्र ब्राह्मण सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे तो श्रीकृष्ण ने उनको सत्य विनायक व्रत का विधान बताया।
इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता जाती रही तथा वह सर्व सुख सम्पन्न और ऐश्वर्यशाली हो गया।
इस दिन धर्मराज की पूजा करने का विधान है।
इस व्रत से धर्मराज की प्रसन्नता प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। किसान नेता अशवन्त तुषार साहू ने क्षेत्र वासियों को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।