गर्भवती माताओं की पोषण ज़रूरतों को पूरा करने घर-घर जाकर पोषण पेटी बनवा रही: ऑगनबाड़ी कार्यकताएॅगर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए प्रोटीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण

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गर्भवती माताओं की पोषण ज़रूरतों को पूरा करने घर-घर जाकर पोषण पेटी बनवा रही: ऑगनबाड़ी कार्यकताएॅ

गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए प्रोटीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण

महासमुन्द 28 अक्टूबर 2021/ शिशु के जीवन के प्रथम 1000 दिन (गर्भ के 9 माह $ जन्म के बाद 24 माह) बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन 1000 दिनों में शिशु कभी कुपोषित ही न हो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने बताया कि इन 1000 दिनों में पूरे जीवन की सभी क्षमताओं के विकास की नींव पड़ती है। कुपोषण का प्रभाव अपरिवर्तनीय होता है अर्थात कुपोषण से शिशु के जीवन को जो हानि होती है उसकी भरपाई पूरे जीवनकाल में कभी नहीं हो पाती। इन 1000 दिनों में बच्चा यदि 100 दिन भी कुपोषित रहता है तो अपनी क्षमताओं (शारीरिक और मानसिक) में अन्य स्वस्थ बच्चों की तुलना में पूरे जीवनभर के लिए वह 10 प्रतिशत पिछड़ जाता है।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए महासमुन्द जिले में ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती माता, शिशुवती माता, ऊपरी आहार शुरुआत वाले बच्चों (6 से 10 माह) और 0-2 वर्ष के वृद्धि निगरानी वाले बच्चों जो विगत माह की तुलना में कम वृद्धि, स्थिर वज़न, वज़न में कमी के घर जाकर सतत गृहभेंट किया जा रहा है। गर्भवती माताओं की पोषण ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उनके परिवार को ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताएं प्रेरित करके हर गर्भवती के घर पोषण पेटी बनवा रही है। इसमें प्रति महीने 500-500 ग्राम चना, मूँग, मूंगफली, गुड़ और फूटा चना रखवा रही है और चना-मूँग अंकुरित करके, मूंगफली भिगाकर गुड़ के साथ खाने का परामर्श दे रही हैं। गर्भवती माताओं को हर रोज़ कोई एक चीज़ एक मुठ्ठी खाने को कहती है। यह लगातार हो इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित जानकारी दी जाती है।
जिससे गर्भवती माताओं के पोषण में प्रतिमाह 427 ग्राम प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि हो रही है। जो कि प्रतिमाह आवश्यक प्रोटीन जरूरतों के 25 प्रतिशत को पूरा करता है। गर्भवती माताओं को प्रतिदिन औसतन 60 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन आवश्यक है। प्रोटीन पोषण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि शरीर के सभी सेल और मांसपेशियों का निर्माण इन्हीं से होता है।