62 वीं जन्म दिवस 1 जुलाई पर विशेष
लक्ष्मीनारायण लहरे ' साहिल,
सारंगढ़ (छत्तीसगढ़ महिमा)। 01 जुलाई 2025,
बचपन की कुछ यादें आज भी मन को उमंगित करता है। बचपन में अक्सर पिता के पास रो कर किसी भी बात को मनवा लेना बड़ी बात नहीं होती है पर युवा अवस्था में पिता से कह पाना भी संभव नहीं होता है पर पिता पुत्र की वो सारी बातें समझ जाता है और वो सारी सुख सुविधा हर प्रयास देने की कोशिश करता है जो कर सके और पिता का फर्ज डटकर निभाता है यह बात किसी भी वर्ग में नहीं छिपा है। अभी तो बस मैंने अपनी जवानी ही संभाली थी बचपन को थोड़ा भुला था।
कैसे लोग जिंदगी जीते हैं समझने का कोशिश कर रहा था।आपकी कुछ यादें कुछ बातें कुछ जीवन के अनगढ़ लम्हे हृदय में आंसू की तरह भर रहे थे जो सुख गए। जब से मैंने बचपन की यादें भूली आपको खेत - खलिहान घर द्वार, सामाजिक सरोकारों में संघर्ष करते पाया जब भी मैंने आपको देखा एक सशक्त रूप में पाया। सुख हो या दुःख कभी आप पीछे नहीं हटे बस मुस्कुरा कर अपनी मंजिल की ओर चलते रहे। जब से आपने होंश संभाला अपने परिवार समाज की जिम्मेदारी बखूबी निभाई।
आज आपको जब कंधे से कंधा मिला कर चलना था तो रुठ गए और ऐसे रूठे की आप ने कुछ नहीं कहा न मैंने आपसे अंतिम बार बात कर पाया कितना दुखद समय था। एक पुत्र और पिता का अंतिम बात भी नहीं हो पाया।बाबू जी अभी मैं इतने सशक्त नहीं हो सका था और आपका जाना मेरे और परिवार तथा समाज के लिए अपूर्णक्षति है। बाबू जी आपका जन्म कोसीर नगर के सशक्त युवा वर्ग के प्रेरणा स्त्रोत सामाजिक कार्यकर्ता शिक्षा के दूत रहे दादा मुन्ना दास किसान के घर 01 जुलाई 1963 में हुआ था और परिवार में मंझला थे व परिवार में बड़े पुत्र आपके माता का नाम श्रीमति रामबाई था। आपका नाम त्रिलोचन आपके दादा पंचम दास ने रखा था। बचपन से ही आप संघर्ष भरी जीवन में उतर गए। आपका शैक्षणिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक बालक - कन्या शाला स्कुल में हुई और आप 6 वीं कक्षा तक ही पढ़ पाए। आप घर में बड़े थे तो आपके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी 16 वर्ष की ही उम्र में सौंप दिया गया और आपका विवाह सक्ति जिला के ग्राम बघौद के कृषक परिवार 07 भाई के जोड़े के घर पोकराम बंजारे की मंझली पुत्री नीरा बाई से हो गई और पूरा परिवार का जिम्मा आपके कंधे पर टिक गया तब से आप घर परिवार और समाज के प्रति सजक्ता के साथ खड़े रहे।
आप सरल सहज और मिलनसार रहे आपकी दोस्ती छोटे से लेकर बूढ़े वर्ग सभी से था आप का नाम गाँव में एक सरल ब्यक्तित्व और सशक्त कृषक के रूप में नाम लिया जाता है।आपका निधन 29 अक्टूबर 2018 की रात 07 बजे रायपुर के डॉ.भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल में अंतिम साँसे लिए वह पल मेरे बहुत दुखद रहा 25 अक्टूबर के बाद से आप आँख नहीं खोले मैं कुछ न कह सका आप 56 वर्ष की अल्प आयु में ही हमसे रुठ गए। आप मेरे और समाज के लिए हमेशा एक सशक्त ब्यक्तित्व के रूप में याद आते रहेंगे।
लक्ष्मी नारायण लहरे,साहिल,
साहित्यकार पत्रकार
कोसीर सारंगढ़