मृतका कांति राठिया, करतला के जोगीपाली गांव की निवासी थी। उसे प्रसव पीड़ा के बाद करतला सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों ने जच्चा और बच्चा की स्थिति को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
परिजन एंबुलेंस में मरीज को लेकर रवाना हुए, लेकिन रास्ते में महिला और नवजातों की तबीयत बिगड़ने लगी। पति के अनुसार, एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं दी गई, जिससे समय पर उपचार नहीं हो सका। जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही तीनों की मौत हो गई।
इस घटना से मृतका का परिवार सदमे में है। पति ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कड़ा सवाल उठाया है। उनका कहना है कि अगर एंबुलेंस में ऑक्सीजन दी गई होती, तो उनकी पत्नी और बच्चों की जान बच सकती थी।
कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी लचर व्यवस्थाओं और लापरवाही के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। बार-बार सुधार के वादों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।इस घटना ने स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना बेहद जरूरी है, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।