अरविंद कुमार, छत्तीसगढ़ ब्यूरो चीफ
मुंगेली । छत्तीसगढ़ महिमा । जिले के कलेक्ट्रेट ग्राउंड के आसपास पार्किंग व्यवस्था की लापरवाही दिन-ब-दिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। जहां प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर के सामने वाहनों की अव्यवस्थित कतारों को रोकने के लिए पार्किंग की व्यवस्था की है, वहां अक्सर देखा जाता है कि वाहन पार्किंग स्थल के बजाय सड़क किनारे ही खड़े होते हैं। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी राजेंद्र कुमार साहू की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वे अधिकारी की गाड़ियों के बीच आराम से खड़े नजर आ रहे हैं, जबकि आम जनता की गाड़ियों को हटाने या पार्किंग नियमों का पालन करवाने में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। कार्यालय कलेक्ट्रेट के सामने यह तस्वीर यह सवाल उठाती है कि क्या पुलिसकर्मियों की ड्यूटी केवल अधिकारियों की गाड़ियों की निगरानी तक सीमित है, और आम जनता की गाड़ियों को अव्यवस्थित पार्किंग के लिए अनदेखा किया जा रहा है? इससे न केवल आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि कलेक्ट्रेट में काम करने वाले अधिकारी और आम लोग भी इस अराजकता से जूझते हैं। जिम्मेदार ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी राजेंद्र कुमार साहू इस समस्या की अनदेखी करते हैं, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।
पार्किंग व्यवस्था की बदहाल स्थिति
कलेक्ट्रेट के ग्राउंड में पार्किंग स्थल की व्यवस्था होने के बावजूद, कई वाहन चालक इसे नजरअंदाज करते हुए अपनी गाड़ियां कलेक्ट्रेट के मुख्य सड़क के किनारे पार्क कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि मुख्य मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है और आने-जाने वालों को असुविधा होती है। सबसे चिंता का विषय यह है कि इस पर नियंत्रण करने के लिए तैनात पुलिसकर्मी द्वारा ठोस कदम उठाने में असफल रहते है। उनकी निष्क्रियता के कारण पार्किंग की यह अराजकता लगातार बढ़ती जा रही है।
पत्रकारों के साथ हो रहा भेदभाव
इस समस्या का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि जहां एक तरफ सामान्य वाहन चालकों की लंबी कतारों पर ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती, वहीं पत्रकार, जो जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए कलेक्ट्रेट आते हैं, उन्हें महज कुछ मिनट के लिए अपनी गाड़ी खड़ी करने पर परेशान किया जाता है। कुछ देर के लिए भी अपनी गाड़ी सड़क किनारे खड़ी करते हैं, तो ड्यूटी में तैनात राजेंद्र कुमार साहू उनकी गाड़ी की हवा निकाल देते हैं या उन्हें अन्य तरीकों से परेशान करते हैं। इस भेदभावपूर्ण रवैये से पत्रकार समुदाय में नाराजगी फैल रही है, क्योंकि वे जनहित के मुद्दों को उठाने का प्रयास कर रहे हैं और इसके बदले उन्हें इस प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी राजेंद्र कुमार साहू की लापरवाही पर सवाल
कलेक्ट्रेट के सामने की यह अराजक स्थिति सीधे तौर पर वहां तैनात पुलिस कर्मी राजेंद्र कुमार साहू की लापरवाही को उजागर करती है। पार्किंग व्यवस्था को सही तरीके से संभालना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। लोगों की मानना है कि पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए केवल दिखावे के लिए तैनात रहते हैं। वे सड़क पर खड़ी गाड़ियों की अव्यवस्था को नजरअंदाज करते है जिससे जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
जनता की परेशानी
सड़क के किनारे अव्यवस्थित रूप से खड़ी गाड़ियां सिर्फ ट्रैफिक को बाधित नहीं करतीं, बल्कि पैदल यात्रियों के लिए भी मुश्किलें पैदा करती हैं। महिलाएं, बुजुर्ग, और बच्चे इस भीड़भाड़ वाली जगह से गुजरने में असहज महसूस करते हैं। मांग या शिकायत लेकर आने वाले बुजुर्गों को मार्ग पार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इन अव्यवस्थित कतारों के कारण समय पर मौके पर नहीं पहुंच पातीं।
प्रशासन की निष्क्रियता और मांगें
मुंगेली के पत्रकारों का कहना है कि इस समस्या को हल करने के लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। ड्यूटी में तैनात पुलिस को चाहिए कि वे कलेक्ट्रेट के सामने वाहनों की अव्यवस्थित कतारों पर सख्ती से कार्रवाई करें। पार्किंग स्थल का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, पत्रकारों के साथ हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार पर भी रोक लगाई जाए ताकि वे बिना किसी बाधा के जनहित के मुद्दों को उठाने में सक्षम हो सकें। पार्किंग की इस समस्या का समाधान प्रशासन और पुलिसकर्मियों के सक्रिय सहयोग से ही संभव है। पार्किंग नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए और वाहन चालकों को पार्किंग स्थल का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही, कलेक्ट्रेट परिसर के आसपास सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि पार्किंग नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान कर उन पर जुर्माना लगाया जा सके।