लक्ष्मी नारायण लहरे
सारंगढ़ (छत्तीसगढ़ महिमा)। सारंगढ़ नगर के सर्किट हाउस में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण मालाकार,पामगढ विधायक शेषराज हरवंश, सारंगढ़ विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े,पूर्व विधायक पदमा घनश्याम मनहर, नपा अध्यक्ष सोनी अजय बंजारे, सभापति जिला पंचायत अनिका विनोद भारद्वाज,पार्षद सरिता गोपाल,श्रीमती आनंद के द्वारा बलौदाबाजार में हुई ज्यादतियों के खिलाफ प्रेसवार्ता आमंत्रित की जिसमें लगभग 50 पत्रकार उपस्थित रहे। पत्रकारों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर विधायक पामगढ़ शेषराज हरवंश ने नाप तोल कर देते हुए दिख रही थी। इससे पूर्व बलौदाबाजार घटना की सम्यक जानकारी अरुण मालाकार के द्वारा दी गई। तदुपरांत सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। पामगढ विधायक शेषराज हरवंश ने कहा कि - बलौदा बाजार के मामले में विष्णुदेव साय सरकार अपनी नाकामी और पूरे देश में हुई बदनामी को छुपाने विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है। कांग्रेस के विधायक भाई देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को दर्शाता है। यह विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव बलौदाबाजार में ना भाषण दिए ना ही कलेक्टर ऑफिस के प्रदर्शन में शामिल हुए। वे भीड़ में 05 मिनट रुक कर वापस आ गये थे।
हरवंश ने आगे कहा कि - कहीं भी किसी हिंसक घटना में उनकी संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं और न ही वें किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे । पुलिस ने उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। सरकार व पुलिस बतायें किस किस भाजपा नेताओं को नोटिस दिया और उनसे पूछताछ की गयी । इस विषय पर न्याय संगत कार्य वाही होनी चाहिये । भाजपा सरकार का चरित्र, व्यवहार 8 माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है । विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमे में फंसाकर गिरफ्तार किया गया। बलौदा बाजार के मामले में सतनामी समाज व कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उन्हें जेलों में डाला गया। कांग्रेस भाज पा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं है । इस प्रकार के कृत्यों से हमारा कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बन सदन में उठायेगा । बलौदाबाजार में हुई आगजनी की भयावह घटना शासन प्रशासन की बड़ी लापरवाही व सरकार की इंटेलीजेंट के फैल हो जाने के कारण हुई ।
शेषराज ने आगे कहा कि - अगर समय रहते सरकार व प्रशासन सचेत हो जाता व अजा समाज ने सीबीआई जांच की मांग को पूर्व में ही मान लेता तो प्रदेश को शर्म सार करने वाली घटना से बचाया जा सकता था। इस पूरी घटना के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है,साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि - समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर उचित कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती। इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष पूर्व विधायक बिलाईगढ़ डॉ.सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो।
शेषराज हरवंश ने आगे कहा कि - महत्वपूर्ण सवाल यह है की धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमिशन दिलाने वाला कौन था ? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रूपयों की व्यवस्था किसने किया ? इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई ? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे ? सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखी ? रैली की शुरुआत से ही उपद्रव शुरु हो गयी थी उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया ? भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई ? आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे, लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी ? एसपी किसके इशारे पर शांत बैठे हुये थे ? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गये
? यह ऐसे अनुत्तरित प्रश्न है जिसका जवाब शासन और प्रशासन को देना होगा ।
विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े ने भी पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर दिए। इस दौरान नपा उपाध्यक्ष रामनाथ सिदार , संजय दुबे , सूरज तिवारी , पुरुषोत्तम साहू, पवन अग्रवाल, घनश्याम मनहर , राधे जायसवाल, गनपत जांगड़े, अजय बंजारे , गोल्डी नायक,शुभम बाजपेई, अभिषेक शर्मा , प्रमोद मिश्रा, बब्लू बहिदार , पत्रकारों में भरत अग्रवाल, राजेश यादव, रामकिशोर दुबे, ओमकार केसरवानी, मिलाप बरेठा, राहुल भारती, योगेश कुर्रे, दिनेश जोल्हे , गोविंद बरेठा के साथ ही साथ अन्य पत्रकार उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में सभी पत्रकारों को स्वल्पाहार कराया गया।