
विभाग की 04 टीमों ने कई राज्यों का किया दौरा
ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, केरल, उत्तर प्रदेश और गुजरात का दौरा करने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की चारों टीमों ने रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया है। साय सरकार की होने वाली कैबिनेट बैठक में रेडी टू ईट की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह की महिलाओं को देने का निर्णय लिया जा सकता है। इससे प्रदेश की 20 हजार से अधिक महिलाओं को रेडी टू ईट का काम मिल जाएगा। प्रदेश भर में 1,786 महिला समूह हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार का हवाला देते हुए रेडी-टू-ईट योजना का संचालन महिला समूहों से लेकर राज्य बीज विकास निगम को सौंप दिया था। इससे महिलाओं के स्वजन को मिलाकर करीब तीन लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए थे।
सरकार बनते ही लिया निर्णय प्रदेश में रेडी-टू-ईट को स्व सहायता समूहों को देने विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की गारंटी में शामिल किया था। चुनाव के बाद सरकार बनते ही रेडी-टू-ईट का संचालन फिर से महिला समूहों को सौंपने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में रेडी-टू-ईट के बेहतर क्रियान्वायन के लिए दूसरे राज्यों में संचालन की स्थिति का अध्ययन करने का निर्णय लेकर महिला एवं बाल विकास की चार टीमें गठित की गई। टीम में आठ सदस्य थे। सूरजपुर, जशपुर, महासमुंद और कवर्धा के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को भी शामिल किया गया था।
08 राज्यों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई है।
रिपोर्ट तैयार करने इन्हें दी गई जिम्मेदारी
महिला एवं बाल विकास के गठित अध्ययन दल में संयुक्त संचालक, उप संचालक और सहायक संचालक को शामिल किया गया था। ओडिश और महाराष्ट्र का दौरा संयुक्त संचालक अर्चना राणा और उप संचालक श्रुति नेरकर,कर्नाटक का संयुक्त संचालक क्रिस्टिना लाल और सहायक संचालक शिव सोनी,मध्यप्रदेश और झारखंड का संयुक्त संचालक दिलदार सिंह व उप संचालक मुक्तानंद खूंटे तथा केरल,उत्तरप्रदेश और गुजरात का उप संचालक प्रियंका केशर और सुनील शर्मा को दिया गया था।
रेडी टू ईट की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूहों को दिया जाना है। इसके लिए टीम गठित की गई थी,जिन्हाेंने रिपोर्ट सौंप दिया है। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा,जिसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। - लक्ष्मी राजवाड़े मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़