बिना सूचना व जानकारी के मजदूरों को नोटिस 110 ठेकाकर्मियों को काम से बर्खास्त,कर्मचारियों में फूटी आक्रोश

कर्मचारियों में फूटी आक्रोश,दो दिन के भीतर कुसमुंडा खदान का काम अनिश्चितकालीन बंद 
प्रमोद कुमार बंजारे कोरबा (छत्तीसगढ़ महिमा)। 17 जुलाई 2024, कुसमुंडा जय अंबे आउटसोर्सिंग कंपनी प्रबंधक व बाहर से आए लोगों के विरुद्ध कार्यवाही का मांग, कुसमुंडा SECL कुसमुंडा खदान के अधीन कार्यरत जय अम्बे आउटसोर्सिंग निजी कंपनी प्रबंधक ने कंपनी में काम कर रहे लगभग 110 ठेकाकर्मीयों को अचानक 10 जुलाई 2024 को बिना सूचना व जानकारी के नोटिस दिए बगैर ही मनमानीपूर्वक काम से बैठा दिया गया है।जिस संबंध में SECL  कुसमुंडा प्रबंधक व जय अम्बे कंपनी प्रबंधक और साइड इंचार्ज अमरदीप एवं दीप मुखर्जी ने अपराधिक प्रवृत्ति और गतिविधियों में संलिप्त कुसमुंडा पार्षद अमरजीत सिंह का संरक्षण लेकर उसके आदमी अमीन मेमन, मिथिलेश बिहारी एवं उसके अन्य साथीयों ने खदान में घुसकर दादागिरी व मारपीट करने का प्रयास करते हुए जान से मारने की धमकी तथा सभी ठेकाकर्मियों को डरा धमका कर जय अम्बे कंपनी से भगा देने  संबंधित अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा आसपास के लोगों को कंपनी में काम पर रखवा कर कोयला प्रोटेक्शन का काम करवाने के लिए रखा गया है,जय अम्बे कंपनी से निकाले गए मजदूरों ने सीधा आरोप लगाया है,मजदूरों का कहना है,कि जय अम्बे कंपनी के मालिक तथाकथित रिंकू नामक व्यक्ति ने सभी मजदूरों को कंपनी में काम देने के लिए से साफ मना कर दिया है। इस संबंध में माननीय श्रम उद्योग व वाणिज्य मंत्री छत्तीसगढ़, जिला कोरबा मजिस्ट्रेट,SECL कुसमुंडा मुख्य महाप्रबंधक, कुसमुंडा थाना प्रभारी को सूचना व शिकायत करते हुए मामले की तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर कुसमुंडा कोयला खदान में मिट्टी,कोयला उत्खनन का काम बाधित कर जय अम्बे कंपनी में कार्यरत अर्थात काम से बैठाए गए। ठेकाकर्मियों के द्वारा 2 दिन के भीतर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है। आपको बता दे कि इस मामले पर कुसमुंडा महाप्रबंधक के साथ कल शाम सभी मजदूरों की बैठक किया गया है। इस दौरान कंपनी के मालिक तथा कंपनी के प्रबंधक एवं अन्य कंपनी के कार्यकर्ताओ की नामौजूदगी रही।SECL  अधिकारी से फोन पर कंपनी के मालिक रिंकू से बातचीत हुई है। पहले तो रिंकू ने सभी कर्मचारियों को काम पर रखने से साफ मना कर दिया। कारण पूछने पर कंपनी के किसी तथाकथित अधिकारी अमरजीत के ऊपर कर्मचारियों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया गया। इस संबंध में ठेका कर्मियों का कहना है,कि हमें कूट रचना और साजिश कर मारपीट जैसे आरोप लगाया गया है। संबंधित कुसमुंडा थाने में तिन ठेकाकर्मियों के ऊपर झूठी एफआईआर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। और जब बात नहीं बनी तो कंपनी के संचालक के द्वारा कुसमुंडा पार्षद अमरजीत का संरक्षण लेकर उसके आदमियों से गुंडागर्दी करवाते हुए सभी कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी से भगाए जाने का आरोप ठेका कर्मियों ने लगाया है।ठेका कर्मियों ने आरोप लगाया है कि संबंधित घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी थी। परंतु बेकसूरों के ऊपर आखिर एफआईआर दर्ज क्यों किया गया। और अमरजीत उसका नाम आखिर क्यों सामने नही आया क्यो छुपा रहा।अब सवाल यह बनता है कि तथाकथित जय अम्बे कंपनी के साइड इंचार्ज अमरदीप ने बेकसूर तिन ठेका कर्मियों को मारपीट की घटना को अंजाम देने का आरोप क्यो लगाया है, साथ ही कंपनी के मालिक से शिकायत कर तथा कुसमुंडा क्षेत्र के बाहरी लोगों से संरक्षण लेकर उन्हें कंपनी में बुलवाकर सभी कर्मचारियों के साथ गुंडागर्दी करवाने और काम से बैठाने एवं जान से मारने की धमकी देकर भगाने का क्या मतलब है।कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ श्रम मंत्री स्वयं निवासरत है उन्हीं के क्षेत्र में जब श्रम कानून और नियमों,अधिनियमों की पालन नहीं हो रही तो समुचित छत्तीसगढ़ में काम कर रहे मजदूरों की क्या दुर्दशा होगी।इसी प्रकार कार्य से निकाले गए मजदूरों ने कुसमुंडा थाने में गुंडो के विरुद्ध शिकायत किया है।उसके बावजूद कुसमुंडा खदान और संबंधित क्षेत्र में आए दिन लोहा, कोयला, डीजल, कबाड़ अन्य सामग्रियों को चोरी व दारू और गांजा तस्करी करते हुए अब कोयला खदान में घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट व शोषण किया जा रहा है तथा जिम्मेदार व जवाबदार अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही करने को लेकर घोर उल्लंघन, अनदेखा करते हुए कर्मचारियों की रक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की कोई सेफ्टी सुरक्षा प्रदान नही दिया जा रहा है। कुसमुंडा महाप्रबंधक, त्रिपुरा बटालियन के जवान तथा संबंधित थाने के प्रभारी की कार्य शैलियों पर सवाल उठाया जा रहा है।बता दें कि जय अम्बे कंपनी प्रबंधक ने कर्मचारियों की स्किल्ड पेमेंट नहीं करते हुए हाजिरी, पी एफ, मासिक पेमेंट अन्य सुविधाए से वंचित कर प्रतिमाह भारी भरकम कटौती की जाति है। SECL  कुसमुंडा महाप्रबंधक और जय अम्बे कंपनी प्रबंधक को बार-बार शिकायत करने बावजूद पिछले पांच महीनो में कर्मचारियों को स्किल्ड दर से पेमेंट भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है। क्या जय अम्बे कंपनी प्रबंधन के द्वारा रणनीति बनाकर सभी कार्यरत कर्मचारियों को एक साथ काम बैठाना एक साजिश किया जा रहा है।क्या कोरबा की जिला प्रशासन पीड़ित मजदूरों को न्याय दिला सकती है।क्या पीड़ित मजदूर कुसमुंडा कोयला खदान में उतरकर खुद से अपना न्याय और अपना खुद का हक, अधिकार के लिए खुद ही लड़ना पड़ेगा।