छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार से लोग परेशान

रायपुर(छत्तीसगढ़ महिमा)। 24 जून 2024, छत्‍तीसगढ़ में राजस्व के मामले में लंबित मामले और हो रहे भ्रष्टाचार से लोग परेशान हैं। आलम यह है कि प्रदेश में अधिकतम 90 दिनों के भीतर होने वाले कार्य भी 01 से 05 साल से लंबित पड़े हैं। इसके अलावा समय पर काम नहीं होने से लोगों की जेब भी कट रही है। सरगुजा के उदयपुर अनुविभाग कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसडीएम के साथ अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा रायगढ़ की एक महिला पटवारी सुलोचना साव का कथित रूप से रिश्वत लेते हुए वीडियो भी प्रसारित हुआ।
सीमांकन,नामांतरण,बी-वन नक्शा - खसरा, बंटवारा, फौती कार्य समय में नहीं होने से लोगों को महीनों चक्कर काटना पड़ता हैं 
  राजस्व विभाग में हो रहे मनमानी कामकाज और भ्रष्टाचार की चर्चा आम हो गया है। प्रेस ने पड़ताल किया तो पाया कि जमीन के सीमांकन,नामांतरण, बी - वन नक्शा - खसरा,बंटवारा, फौती,नए पर्ची बनवाने की कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं जिससे लोगों को कई महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। साथ ही राजस्व विभाग को आम जनता एवं किसानों के द्वारा पटवारियों को 1500, 2500, 3500, 5000, 7500,10000 रूपये देने पड़ रहें हैं। उक्त कार्य राजस्व विभाग में सिटीजन चार्टर बना है या नहीं किस काम के लिए कितना समय लगेगा सब कुछ तय है लेकिन तय समय पर काम नहीं हो पा रहे हैं।
पटवारी,राजस्व निरीक्षक,तहसीलदार,एसडीएम स्तर के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले भी दर्ज हैं
 कुछ क्षेत्रों में पटवारी से लेकर राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसडीएम स्तर के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं। अभी भी यह खेल अनबरत जारी है। रायपुर निवासी माेहन बताते हैं कि नामांतरण के लिए वैसे स्वत: ही प्रक्रिया हो जाती है मगर बी-वन, खसरा आदि की आनलाइन एंट्री के लिए पटवारी घुमा रहे हैं। इसी तरह बेमेतरा के गौरव ने बताया कि राजस्व निरीक्षक और पटवारी को बार-बार कहने के बाद और विभागीय मंत्री तक शिकायत करने के बाद सीमांकन तो किया गया पर अभी तक सीमांकन की रिपोर्ट नहीं मिली। इसी तरह राजनांदगांव के शशांक बताते हैं कि सीमांकन कराने के लिए राजस्व अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया और मुश्किल के बाद ही सीमांकन हो पाया। मार्च 2024 में राजस्व के लंबित मामलों को लेकर दायर एक याचिका में बिलासपुर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को शपथ पत्र में प्रदेश के लंबित राजस्व मामलों की जानकारी देने को कहा था। इसके बाद से व्यवस्था को सुधारने की कवायद जारी है मगर अभी जमीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिख रहा है। इसके बाद अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने राजस्व मामलों के निराकरण और डायवर्सन में भ्रष्टाचार को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था। इसके अनुसार तहसीलों में लंबित मामलों की रिपोर्ट मंगाते हुए राजस्व के केस आनलाइन ही लेने का निर्देश दिया गया था।

केस 01: सीमांकन के लिए ढाई लाख की मांग

18 मई 2024 को बिलासपुर के गांव तोरवा निवासी प्रवीण कुमार से सीमांकन कराने के नाम पर राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन ने ढाई लाख रुपये की मांग की थी। आरोप है कि देवांगन ने एडवांस के रुप में एक लाख रुपये मांगे। प्रवीण ने इसकी सूचना एसीबी को दी। एंटी करप्शन ब्यूरो ने संतोष कुमार देवांगन को एक लाख रुपये के साथ रंगे हाथों दबोच लिया।

केस 02: पत्र के निराकरण के लिए मांगे सात लाख

मई 2024 में जगदलपुर जिले के तुषार देवांगन का कोंडागांव में स्टापडेम बनाने का काम चल रहा था। इसके सप्लीमेंटरी ईश्यू और टर्मिनेशन लेटर के निराकरण के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर टीआर मेश्राम ने सात लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। पहली किस्त के रुप में पचास हजार रुपये लेकर आने को कहा। तुषार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत कर दी। एसीबी ने मेश्राम को पचास हजार रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

केस 03: जमीन के डायवर्सन के लिए मांगे पैतीस हजार

दो महीने पहले अंबिकापुर के वसीम बारी वीरेंद्र नगर में स्थित अपनी जमीन का औद्योगिक रुप में डायवर्सन कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी के पास आवेदन दिया। अनुविभागीय अधिकारी ने नो ड्यूज के लिए इस आवेदन को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग कार्यालय को भेजा। यहां पर सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और सहाकर मानचित्रकार निलेश्वर कुमार धुर्वे ने अनापत्ति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पैंतीस हजार रुपये की मांग की। एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। राजस्व प्रकरणों में गड़बड़ी की शिकायतों को दूर करने  राज्य सरकार गंभीरता से कर रहें कार्य : राजस्व मंत्री 

छत्तीसगढ़ राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा,राजस्व के प्रकरणों में गड़बड़ी की शिकायतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से काम कर रही है। हम जल्द ही व्यवस्था को पूरी तरह से आनलाइन करेंगे। पुराने लंबित प्रकरणों का जल्द निराकरण किया जाएगा। जियो रेफरेंसिंग का काम चल रहा है, जिससे किसानों के सीमांकन-बटांकन के सारे विवाद समाप्त हो जाएंगे।इतने दिनों में होना है कार्य दिवस

प्रकरण सूची (राजस्व न्यायालय) 7 दिन,भुइयां से नकल (भूमि दस्तावेज़ आदि ) 15 दिन,नान डिजिटाइज्ड नकल (भूमि दस्तावेज़ आदि ) 15 दिन,न्यायालय आदेश प्रमाण पत्र (राजस्व न्यायालय) 15 दिन,राजस्व सेवाएं (5 लाख से 25 लाख तक) 90 दिन,राजस्व सेवाए (कृषि भूमि/परिवर्तित आरबीसी 6(4) 90 दिन,राहत सहायता (प्राकृतिक आपदा) 90 दिन,कृषि भूमि/परिवर्तित किसान किताब 90 दिन,कृषि भूमि/परिवर्तित नामांतरण 90 दिन,परिवर्तित सीमांकन के लिए 90 दिन।

इस तरह लंबित हैं राजस्व विभाग के मामले               20,18, 953 कुल दर्ज प्रकरण,18,42,205 निराकृत हुए मामले,1,76,748 मामले अनिराकृत,4,055 मामले 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित,12, 180 मामले 2 से 5 वर्ष तक लंबित,24, 282 मामले 1 से 2 वर्ष से लंबित हैं।                                                           

      जिला में पड़े लंबित प्रकरण                           सरगुजा 9,624,दुर्ग 9,553,रायपुर 9,065, बलोदाबाजार-भाटापारा 9,050,बिलासपुर 8,305, सूरजपुर 7,845,रायगढ़ 7,336,कोरबा 7,161, राजनांदगांव 6,554,बालोद 6,049,जांजगीर-चांपा 5,820,बलरामपुर-रामानुजगंज 5,767,महासमुंद 5,529,कबीरधाम 5,253,जशपुर 5,036,कांकेर 4,271,धमतरी 4,149,गरियाबंद 3,927,मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर 3,730,गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 3,559,सुकमा 3,521,कोंडागांव 3, 365,बस्तर 3,260,मुंगेली 3,099,सारंगढ़-बिलाईगढ़ 3, 080,बेमेतरा 3, 031,सक्ति 2,851,खैरागढ़-छुईखदान-गंडई 2,402,दन्तेवाड़ा 2,118,कोरिया 1,968,बीजापुर 1,477,मोहला-मानपुर-चौकी 1,407,नारायणपुर 546। विभागीय सूत्रों से मिले जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश के उक्त सभी जिले में राजस्व विभाग के दर्ज प्रकरण लंबित हैं।