
श्याम बाई साहू
सक्ति (छत्तीसगढ़ महिमा)। 25 जून 2024, आपातकाल में अविभाजित जांजगीर - चांपा जिले के 35 लोगों को जेल जाना पड़ा था। ये सभी लोग जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर तत्कालीन सरकार के विरूद्ध में प्रदर्शन किए और इन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत जेल जाना पड़ा। अविभाजित जिले जांजगीर चाम्पा के ग्राम पिहरीद में सर्वाधिक मीसाबंदी थे यहां से 16 लोग गिरफ्तार किए गए थे। अब इनमें से 9 लोगों की मृत्यु हो गई है जबकि 7 लोग अभी भी जीवित है और वे आपातकाल की पीड़ा और सच्चाई बयां कर रो पड़ते हैं। पिहरीद निवासी स्वतंत्रता सेनानी गोपाल शर्मा ने बताया कि वे 17 माह तक जेल में रहे। 17 नवंबर 1975 को सक्ती में सरकार के विरूद्ध प्रदर्शन करने पर गांव के कुछ मीसाबंदियों 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया और सक्ती के एस.डी.एम.के.के.शर्मा के न्यायालय में पेश किया गया मगर किसी ने जमानत का आवेदन नहीं दिया।
उन्हें रात भर थाने में रखा गया और सुबह होते ही बिलासपुर जेल भेज दिया गया।
खराब भोजन देने पर जेल में जेलर से होते थे बहस
गोपाल शर्मा ने बताया कि वहां बद्रीधर दीवान भी पहले से ही जेल में थे उनके नेतृत्व में खराब भोजन देने पर जेल में भी जेलर से बहस हो जाती थी। जेल का खाना बहुत ही खराब होता था। चूंकि भूख लगती थी और जिंदा रहना भी जरूरी था इसलिए चावल में पड़े कीड़े को एक - एक कर निकालते थे और भोजन करते थे।आपत्ति जताने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती थी उल्टे उनके साथ मारपीट की जाती थी। उनके बैरक में रामभरोस चंद्रा,लक्ष्मण सिंह चंद्रा,बद्री प्रसाद चंद्रा और रामाधार चंद्रा भी थे। वैसे तो गांव से 16 लोग थे लेकिन वे अलग - अलग बैरकों में थे। मीसाबंदी रहे लक्ष्मण सिंह चंद्रा ने बताया कि उस समय जय प्रकाश नारायण जेल में थे और इसके विरोध में देशभर में आंदोलन हो रहा था मगर सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा था और उसकी दमनकारी नीति जारी थी। ऐसे हुआ था गिरफ्तारी रामाधार चंद्रा ने बताया कि गांव में नियमित संघ की शाखा लगती थी तब गांव की आबादी महज 500 के आस पास थी मगर हर घर का मुखिया और युवा नियमित शाखा जाते थे। इसी कारण यह गांव प्रशासन की नजर में पहले आया और आपातकाल लगने पर यहां के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
17 नवंबर 1975 को गांव के 16 लोग साइकिल से 22 किमी.दूर पगडंडी से होते हुए वे सब सक्ती पहुंचे उस दौरान बोराई नदी में पुल भी नहीं बना था। ऐसे में कंधों में साइकिल रख कर नदी पार किए और सक्ती के कचहरी चौक में वे प्रदर्शन कर रहे थे उन सबको गिरफ्तार किया गया और उनके विरूद्ध धारा 107, 116,151 लगाया गया। गोपाल शर्मा बताते है कि किसी ने जमानत की अर्जी नहीं लगाई और आपातकाल के खिलाफ नारेबाजी करते रहे तो इनके विरूद्ध मीसा लगाया गया। गिरफ्तार लोगों में मयाराम चंद्रा,बाबूलाल, मेलचंद चंद्रा,तिलकराम,बद्री प्रसाद चंद्रा भी शामिल थे। गांव व शहरों में हुआ आपातकाल का विरोध जिले में चांपा के स्व.बलिहार सिंह,स्व.जीवनलाल साव, पोरथा से रमेंद्र राठौर,जांजगीर से स्व.जंगीराम चंदेल, स्व.टुंडी लाल वकील,महादेव प्रसाद गुप्ता,नरेश शर्मा, अमोरा के दिवाकर तिवारी,तिलई के कृपाराम कौशिक, लखाली के ईश्वरीलाल चंद्रा,लुखर्री के हरिशंकर वैष्णव, बलौदा के कमल नयन सराफ,फेकन दाऊ अग्रवाल, जावलपुर के बद्री देवांगन सहित अकलतरा व अन्य स्थानों से भी आपातकाल का विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया गया। मीसाबंदियों का किया जाएगा सम्मान छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के सत्ता में वापसी के साथ मीसाबंदियो के सम्मान निधि बहाली के साथ हर महीने लोकनायक जय प्रकाश नारायण सम्मान निधि मुहैया कराने के साथ 25 जून को को प्रत्येक जिला भाजपा कार्यालय में आपातकाल के दौरान 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक मीसा,डीआईआर में निरुद्ध रहे राजनीतिक बंदियों का सम्मान जिला भाजपा कार्यालय में 25 जून मंगलवार को दोपहर 1 बजे पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की उपस्थिति में जिला भाजपा कार्यालय में किया जाएगा। कार्यक्रम में जिला भाजपा अध्यक्ष गुलाब सिंह चंदेल ने मीसा बंदियों को उपस्थिति होने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री आवास में होगा सम्मान समारोह
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा 26 जून को मुख्यमंत्री निवास में मीसाबंदियों की सपरिवारों के लिए सम्मान समारोह तथा भोजन का आयोजन किया गया है।
यह जानकारी देते हुए गोपाल शर्मा ने सभी मीसाबंदियों की सपरिवार को कार्यक्रम में पहुंचने का आग्रह किया है।