प्रमोद कुमार बंजारे
कोरबा (छत्तीसगढ़ महिमा)। 25 जून 2024,
कोरबा ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने गत दिनों 20 जून को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात कर एसईसीएल और सीएसईबी के भूविस्थापितों और प्रभावित ग्रामवासियों की रोजगार , बसाहट और मुआवजा से सबंधित समस्याओं के निराकरण करने के लिये मांगपत्र सौंपा। प्रतिनिधि मंडल के साथ श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन और कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल भी मौजूद रहे और कोरबा जिले में भूविस्थापितों की ओर से उठाए जा रहे मांगो का समर्थन कर उच्च स्तर पर कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि जल्द ही सबंधित प्रबन्धन और प्रशासन को दिशानिर्देश जारी करेंगे और समस्याओ के समाधान के लिए उचित कार्यवाही किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में सपूरन कुलदीप,विजयपाल सिंह तंवर,रूद्र दास,अनसुइया राठौर,सन्तोष चौहान,हरिनाम सिंह,संपत सिंह,विजय सिंह कंवर,गरीब सिंह कंवर आदि शामिल थे।
एसईसीएल और सीएसईबी के भूविस्थापितों की
प्रमुख मांगे
01.वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये।
अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण,एक खाता एक रोजगार नियम के विरुद्ध अलग अलग खाता का सयोजन से रोजगार से वंचितों को रोजगार प्रदान किया जाये। एस.ई.सी.एल.में लागू कोल इण्डिया पालिसी 2012 को वापस लिया जाये और हर खाते में स्थायी रोजगार/नौकरी प्रदान किया जाये चूकि वर्ष 2010 से इस पालिसी को अमल में लाने का फैसला लिया गया था उसके पहले वर्ष 2004-2009 के अर्जन के मामलो में सभी मूल खातेदार एवं पैतृक बंटवारे से सहखातेदार को रोजगार दिया जाये (रोजगार की लालच में खरीदी गयी जमीन को छोड़ कर) तथा भूविस्थापित परिवारों के शेष बेरोजगार युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार की 100% व्यवस्था किया जाए।
फंक्शनल डायरेक्टर्स मीटिंग की निर्णय पत्र क्र. SECL/BSP/CAD/642FD/EXTRACTS/18-19-198 date 30/05/2018 को सरायपाली सहित सभी खदानों में लागू किया जाये।
02. बसाहट के लिए 10 डिसमिल भूमि, बसाहट की एवज में 25 लाख रूपये की राशि दी जाये । शासन की योजनाओं से प्राप्त पट्टों / शासकीय/वन भूमि एवं भूमि पर बने मकानों का मुआवजा एवं सौ प्रतिशत सोलिशियम और बसाहट की पात्रता हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमो में संशोधन कर समुचित लाभ दिया जाये।
03. आंशिक अधिग्रहण को रद्द किया जाये और गाँव का सम्पूर्ण अर्जन किया जाये।
04. खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाए,कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र में अर्जन करते समय जमीन को नियत समय के बाद मूल खातेदारों को शेपस करने अथवा पुनः अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार लाभ दिलाने की शर्तों पर जिला प्रशासन के द्वारा दखल करने का आदेश दिया था। कोरबा क्षेत्र में कुछ जमीन की वापसी भी किया है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कब्जाधारियों को पट्टा प्रदान किया जा रहा है जबकिबाहरी लोंगो द्वारा अर्जित भूमि पर बलात कब्जा किया जा रहा है उसपर रोक लगाते हुए मूल खातेदारों को उनकी जमीन वापस किया जाये।
05. वर्तमान में दीपका, कुसमुंडा गेवरा में लागू बसाहट के एवज में राशि,भूविस्थापितों को टेंडर इत्यादि सुविधाओं को कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सरईपाली परियोजना एवं एस ई सी एल के सभी क्षेत्रों में लागू किया जाये।
06. अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये।
07. भूविस्थापितो के बच्चो को निशुल्क उच्च शिक्षा की पढाई लिखाई और परिवार को एस ई सी एल की अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा और सहयोग प्रदान किया जाये।
08. एस ई सी एल की सी एस आर के तहत प्रभावित क्षेत्रो का समुचित विकास कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। पुनर्वास ग्रामों में सर्वे कराया जाकर वहां पर सभी विकास कार्य किया जाये।
09. पुनर्वास ग्रामो व प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामो में जिला खनिज न्यास मद संस्थान के नियमानुसार 60 प्रतिशत खर्च करने शिक्षा,स्वास्थ और रोजगार सृजन के लिए सुनिश्चित करायी जाये।
10. आउट्सोर्सिंग कंपनियों में भूविस्थापित को 70% नियोजित करने एवं ठेका कामगारों को कोल इण्डिया द्वारा निर्धारित वेतन सहित समस्त सुविधाएं प्रदान किया जाये।
11. कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत अर्जित ग्राम पड़निया, चुरैल, आमगांव आदि ग्रामो का अर्जन वर्ष 2009 -10 में किया गया और आज तक भूमि बंधक बनाकर रख दिया गया। उसका मुआवजा पुराने दर से दिए जा रहे हैं। संशोधन कर किसानो को वर्तमान दर से मुआवजा का भुगतान किया जाए।
12. खदान विस्तार के लिए गाँव के 20 मीटर सीमा तक खनन कार्य किया जा रहा है जो कि खान सुरक्षा महानिदेशालय एवं कोल मायनिंग रेगुलेशन के गाईड लाइन के 500 मीटर की दुरी पर खनन, बलास्टिंग के नियम का उलंघन है और जान माल के लिए खतरा है अतः तत्काल रोक लगायी जाये।
13. कोरबा में माइनिंग कालेज की स्थापना की जाए और जिसमे भूविस्थापित परिवार के बच्चो की मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था किया जाए।
14. वर्तमान में मुआवजा प्रदान करने के बावजूद पुराने दर पर निर्धारण किया जा रहा है,नये अधिनियम के अनुसार मुआवजा व अन्य सुविधा प्रदान किया जाए। मुआवजा राशि में कटौती बंद हो।
15. राजस्व मामलो में देरी होने से किसानो को काफी परेशानी उठाना पड़ता है इस समस्या का समाधान हेतु नियमित शिविर का आयोजन किया जाए। इसके साथ ही सीएसईबी में रोजगार मुआवजा जैसी मांगो पर पृथक से मांगपत्र दिया गया है।