
मुंगेली (छत्तीसगढ़ महिमा)। 04 मई 2024,
हाईकोर्ट निर्देश के बाद भी मुंगेली जिले में धान का उठाव अब तक नहीं हो पाया रहा हैं। विपणन विभाग की लापरवाही का खामियाजा समितियों को भुगतना पड़ेगा। वर्षा,धूप और चूहों के बारदानों को कुतरने से धान पड़े - पड़े धान खरीदी केंद्रों में सड़ रहा है। समिति के सदस्य इस बात से चिंतित हैं कि अगर जल्द धान का उठाव नहीं हुआ तो शार्टेज की भरपाई कैसे करेंगे।
मुंगेली जिले के 83 धान उपार्जन खरीदी केंद्रों में करीब 03 लाख 25 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे असुरक्षित पड़े हैं। इससे आने वाले दिनों में एक बार फिर शार्टेज की स्थिति बन रहा है। जिसे शासन को बड़े पैमाने पर आर्थिक रूप से नुकसान होगा। इस संबंध में समितियों के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार द्वारा धान समर्थन मूल्य में किसानों की धान खरीदी 04 फरवरी तक की गई हैं, इसके बाद 28 फरवरी तक धान का उठाव हो जाना था लेकिन 02 माह बीतने के बाद भी जब समिति केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ। इस पर समिति के सदस्यों ने हाईकोर्ट की शरण लिया। मामले में हाईकोर्ट ने 01 अप्रैल से 30 दिन के भीतर धान उठाव और निराकरण के लिए मार्कफेड को निर्देश दिया, लेकिन उदासीनता का आलम ऐसा रहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों के अंतिम दिन 30 अप्रैल बीत जाने के बाद भी जिले में धान उठाव का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। जिम्मेदारों की उदासीनता का नतीजा है कि धान का उठाव नहीं हुआ है। राज्य में धान उठाव के मामले में मुंगेली जिला प्रदेश में 31वें नंबर पर है।
समितियों की कमीशन राशि में कटौती होंगे
सहकारिता विभाग के ए.आर.सी.एस.हितेश कुमार श्रीवास ने बताया कि जिले के 105 उपार्जन केंद्रों में करीब 55 लाख क्विंटल धान की खरीदी किया गया हैं। 22 धान उपार्जन केंद्रों में शत - प्रतिशत धान उठाव के साथ करीब 52 लाख क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। अब जिन धान खरीदी केंद्रों में धान रखे हुए हैं,वहां धूप और चूहे की वजह से खराब होते जा रहे हैं। बारदाने में धान अंकुरित होने से धान खराब हो रहा है। वहीं दूसरी ओर धान सूखने का भी खतरा है। इससे समितियों को शासन की ओर से मिलने वाली कमीशन राशि में कटौती हो सकता है।
समिति के कर्मचारियों ने विपणन विभाग
के डी.एम.ओ. को कराया अवगत
समिति कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा भी धान उठाव को लेकर विपणन विभाग के डी.एम.ओ.को अनेकों बार पात्रचार किया जा रहा था। अनुबंध के मुताबिक 28 फरवरी तक धान का उठाव हो जाना था, लेकिन कारण वश नहीं हो पाया है तो अब करना चाहिए। जिसके चलते धान उपार्जन केंद्रों में सूखत की यदि स्थिति निर्मित होगी तो उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
जिम्मेदार अधिकारी ने दी सफाई
धान उठाव का जिम्मेदार अधिकारी डी.एम.ओ.शीतल भोई का कहना है कि जिले मुंगेली के धान उपार्जन केंद्रों में रखे धान का डी.ओ.कट चुका है। पड़ोसी जिले से भी धान का उठाव किया जा रहा है। यहां का धान शीघ्र उठाव किया जाएगा।