दिग्द दर्शन

                   
(गोपाल प्रसाद धीवर सरपंच ग्राम पंचायत गोढ़ी)
रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 24 अप्रैल 2024,
साहित्य कहता हैं कि, जब व्यक्ति पूजा,सिद्धांतों और नितियों से ऊपर चले जाये, तब यह समझ लेना चाहिए कि, मानव सभ्यता पर संकट की बादल मंडरा रहा है।क्योंकि देश काल और परिस्थितियों के अनुसार बदलने वाली अभिव्यक्तियां पूर्णतया आशक्तियो से रहित नहीं हो सकता,वही पर ज्ञान वह अत्यंत उत्कृष्टम स्थिर तत्व है, जिनसे पुरी कायनात की सृजन और संचालन निर्धारित होते है, इसलिए सृष्टि की उदभव और स्थिति की वही एक मात्र कारण भी है।
इस अंत्यंत दुर्लभ और जटिल संसार में असाधारण जन इस गुडतम रहस्यात्मक योग तथा प्राकृतिक योजनाओं की यथार्थता को न सिर्फ भली - भांति समझते हैं, बल्कि तदनुसार बरतते भी है। जिसमें प्रमुख रूप से ज्ञान, शान्ति, न्याय, अधिकार, शक्ति, प्रेम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि की अक्षुण्ण समन्वयन होता है।
वंदेविशुद्धविज्ञानौकविश्वरकपीश्वरौ,,
ईश्वरोंसर्वभूतानाम सेवाजोहार।