
महासमुंद (छत्तीसगढ़ महिमा)। 26अप्रैल 2024,
भीमखोज खल्लारी के ऐतिहासिक चैत्र पूर्णिमा मेला में इन दिनों प्रतिवर्षानुसार मेला देखने दूर-दराज विभिन्न स्थानों से लोग खल्लारी में अधिक संख्या में पहुंचे। खल्लारी मेला देखने पहुंचे लोग विभिन्न प्रकार के मिठाई जलेबी,लड्डु, पेड़ा, बताशा, बड़ा, भजिया सहित खास कर ओखरा एवं गन्ना और विभिन्न प्रकार के दैनिक उपयोग के समाग्रियों की खरीदी भी किए। गत दिनों 22 अप्रैल से प्रारंभ यह खल्लारी मेला का 25 अप्रैल की शाम समापन हुआ। इस दौरान ऐतिहासिक चैत्र पूर्णिमा मेला महोत्सव के लोक कला संस्कृति से जुड़े विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन खल्लारी स्थित माता राऊर प्रांगण में लोक कलाकारों द्वारा 23 और 24 अप्रैल को रात्रिकालिन आयोजन हुआ। इस तरह दो दिनों तक खल्लारी मेला महोत्सव में देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लोगों न उठाया।
इस बार लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता का असर भी खल्लारी मेले में दिखा। माता राउर स्थित खल्लारी मातेश्वरी मंदिर के मुख्य महराज भवानीदास वैष्णव ने बताया कि इन दिनों पहाड़ा वाली खल्लारी मातेश्वरी और माता राऊर स्थित खल्लारी मातेश्वरी के दर्शन के लिये श्रध्दालु भक्तों की भीड़ उमडा। चैत्र पूर्णिमा खल्लारी मेले में इस बार भी मौत कुएं में मारूती कार और मोटर सायकलों का एक साथ हैरत अंगेज कारनामा दिखा। हवाई झूला,आकाश झूला, सुपर ड्रेगन, ब्रेक डांस झूला, टोरा डॉसिंग झूला, मिक्की मॉऊस एवं बच्चों के लिए विशेष रूप से पानी में बोट, धूम मोटर सायकल व रेल गाड़ी, हेलीकॉटर झूला आदि विशेष आकर्षण का केन्द्र बना। प्रतिवर्षानुसार खल्लारी में लगने वाले भीड़ को मद्देनजर इस बार भी पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए। यहां यातायात पुलिस की भी ड्युटी लगया गया था। पुलिस के जवान मां खल्लारी के दोनों मंदिरों,मेला महोत्सव स्थल, खल्लारी मेला स्थल आदि जगहों पर भी तैनात नजर आए।