बेमेतरा (छत्तीसगढ़ महिमा)। 28 अप्रैल 2024,बिरनपुर में हुए सांप्रदायिक हिंसा की सी.बी.आई.जांच प्रारंभ हो गया है,जिसको लेकर सीबीआई की दल ग्राम बिरनपुर पहुंची। सी.बी.आई. दल के अधिकारी रायपुर एयरपोर्ट पहुंची। फिर वहां से टीम सीधे बिरनपुर के लिए रवाना हो गया। इसके पूर्व में साजा के विधायक ईश्वर साहू ने विधानसभा में बिरनपुर में हुई हिंसा की जांच सीबीआई से कराने की मांग किया था,जिसके बाद विष्णुदेव कैबिनेट में सी.बी.आई.जांच का निर्णय लिया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के आधार पर भारत सरकार ने सी.बी.आई.जांच की अधिसूचना जारी की थी। बिरनपुर में हुए हिंसा के मामले में एफ.आई.आर.दर्ज कर 12 लोगों को आरोपित बनाया था। इस मामलें में स्थानीय स्तर पर पहले ही मामला दर्ज किया गया था। अब पूरे मामले को सी.बी.आई.अपने तरीके से जांच प्रारंभ करेगा। उल्लेखनीय है कि बिरनपुर में दो समुदायों के बीच हुए झड़प में साजा विधायक ईश्वर साहू के पुत्र भुवनेश्वर साहू की हत्या हुआ था। दो समुदायों के बीच हिंसक बना बिरनपुर मामला विधानसभा चुनाव में बना रहा मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भी बिरनपुर में हुई हत्या एक बड़ा मुद्दा बना था। भारतीय जनता पार्टी और विभिन्न हिन्दू संगठनों ने इस मामले की सी.बी.आई. जांच कराने को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया था। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की केबिनेट ने बिरनपुर हत्याकांड की गंभीरता और जनभावना को देखते हुए। इसकी सी.बी.आई.जांच कराने का निर्णय लिया था। छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को सी.बी.आई.को सुपुर्द कर दिया है।
अमित शाह के दौरे के दूसरे दिन पहुंची सीबीआई टीम
इस पूरे घटना क्रम में एक बारगी से कहीं नजर दौड़ाई जाए तो निश्चित रूप से इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि लोकसभा चुनाव की ध्यान में रखते हुए इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया जा रहा है। 27 अप्रैल को जहां जिला मुख्यालय बेमेतरा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में ग्राम बिरनपुर की घटना क्या जिक्र करते हुए संबोधन की शुरुआत की, वहीं दूसरे दिन सीबीआई की टीम ग्राम बिरनपुर जांच में पहुंची। कहीं ना कहीं इस पूरे घटना क्रम को प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा की आम सभा में किए गए उल्लेख का ही परिणाम मान रहे हैं। हालांकि इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में सी.बी.आई.जांच की घोषणा भी कर दी थी। बहरहाल आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा सी.बी.आई. जांच के बाद मामले में क्या मोड़ आता है, कितने आरोपित नामजद किए जाते हैं यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। किंतु लोकसभा चुनाव के मतदान के लगभग 10 दिन पहले सी.बी.आई. की टीम का ग्राम बिरनपुर पहुंचना कहीं ना कहीं राजनीतिक रंग की ओर इशारा अवश्य ही कर रहा है।