मस्तूरी (छत्तीसगढ़ महिमा)। 14 मई 2023, जिले बिलासपुर के मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायत व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मल्हार की एक बार फिर से हुआ उपेक्षा। मस्तूरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आगमन पर भी नगर पंचायत मल्हार के लिए स्थानीय कोई भी विकास कार्यों के लिए घोषणा नहीं की गई। इससे नगरवासियों में जन प्रतिनिधियों स्थानीय कांग्रेस नेताओं के प्रति उदासीनता नाराजगी देखा जा रहे है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। पर्यटन नगरी मल्हार के लिए कार्यक्रम के तहत मस्तूरी में कोई घोषणा नहीं की जिसके लिए नगरवासी विधानसभा के ग्राम सीपत पहुंचे थे।
यहां स्थानीय जिम्मेदार प्रतिनिधियों को दोषी मान रहे हैं।
नगर वासियों की मांग पर विभिन्न घोषणाओं के साथ करोड़ों लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री ने निर्माण विकास कार्यों का भूमिपूजन, लोकार्पण भी किया। उनके आने से क्षेत्र का लाभ होगा व यहां की उन्होंने सीपत व मस्तूरी को नगर पंचायत बनाने बहुप्रतीक्षित मांग कालेज, खेल मैदान, स्वामी की घोषणा के साथ पचपेड़ी में कालेज, आत्मानंद स्कूल, सड़क चौड़ीकरण, पर्यटन स्थल जयरामनगर में स्वामी आत्मानंद स्कूल, मस्तूरी को बढ़ावा देने विशेष पैकेज सहित कई में छात्रावास की सीट बढ़ाने, ग्राम कुटेला में घोषणाएं करेंगे, ऐसा कुछ नहीं हुआ।
क्या कहते हैं क्षेत्र के लोग
भाजपा मंडल महामंत्री रणजीत सिंह ने कहा नगर पंचायत मल्हार प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक देवनगरी है जो कि कांग्रेसियों की उपेक्षा का शिकार हैं। मुख्यमंत्री ने मल्हार के विकास के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं दी। सांसद प्रतिनिधि सुशील चौबे ने कहा कि पूरे विधानसभा में एक मात्र मल्हार नगर पंचायत को एक रुपए की न तो सौगात मिली और न ही कोई घोषणा हुई। मिथुन यादव कहते हैं कि जब तक मल्हार में कॉलेज नहीं खुल जाता तब तक यहां विकास संभव नहीं है।
एसडीएम को सौंपा था मांग पत्र
मुख्यमंत्री के आगमन पर मस्तूरी एसडीएम को मांग पत्र सौंपा गया था। पत्र के माध्यम से कालेज, मुख्य सड़क का चौड़ीकरण, पुरैना तालाब से डेम तक सीसी रोड,नदी किनारे के छोटे बड़े जंगल का उपयोग परिवर्तन तथा हायर सेकेंड्री स्कूल की अधूरी बिल्डिंग को पूरा करने की मांग की गई थी। हो सकता है कि हमारी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया ही नहीं गया, इसलिए घोषणाएं नहीं हुई।
अनिल कैवर्त,
अध्यक्ष नगर पंचायत मल्हार