गौरेला (छत्तीसगढ़ महिमा)। 13 मई 2023,
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के शिक्षा इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खिया बटोर रहा है। इसकी वजह जिले की शिक्षा नही है बल्कि विकास खंड शिक्षाधिकारी संजीव शुक्ला है, जो कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी होते हुए ही जिला शिक्षा अधिकारी से ऊपर है। संजीव शुक्ला अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जा कर कभी - कभी जिला शिक्षा अधिकारी का काम भी करते है जिला शिक्षा अधिकारी के अनुमति के बिना लेन देन करके ये प्रमाण पत्र जारी कर देते है। जिस मामले में खुलासा होने के बाद केवल दिखावे मात्र के लिए नोटिस जारी कर मामले को खत्म कर दिया जाता है जबकि ऐसे गंभीर मामलों में संजीव शुक्ला जैसे अनुशासनहीन अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए था। परंतु संजीव शुक्ला के पहुंच के आगे सभी नत मस्तक थे जिसकी वजह से ही इतने बड़े मामले को कार्यवाही न कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। मामले के खुलासा होते ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ था कि एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर व्याख्याताओं को अधीक्षक पद पर कार्य करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सकता है,कार्यवाही के किए लेटर भी जारी हुआ परंतु आज महीनो बीत गए के बाद भी कार्यवाही होते कोई नजर नहीं आ रहा हैं। बल्कि संजीव शुक्ला को समग्र शिक्षा जिला परियोजना कार्यालय का नोडल अधिकारी बना दिया गया। भ्रष्टाचार के बदले अभयदान के साथ पुरुस्कार...!!
जानिए क्या था मामला..
विकास खंड शिक्षा अधिकारी,गौरेला संजीव शुक्ला द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर शिक्षकों को अधीक्षक पद पर कार्य करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति के बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है जो कि जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। ज्ञात हो कि, मामला अनेक माध्यमों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रा के संज्ञान में जब आया तब उन्होंने इसे छ.ग.सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विपरीत अनुशासनहीनता मानते हुए गौरेला विकास खंड शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। तत्पश्चात BEO,गौरेला द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के जवाब को संतोषप्रद ना मानते हुए DEO द्वारा भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नही किये जाने की चेतावनी मात्र दे कर छोड़ दिया गया। यह भी ज्ञात हो कि, संबंधित जिस विभाग के लिए BEO, गौरेला द्वारा NOC दी गई है चर्चा यह भी है कि, पदस्थ उस अधिकारी को ये अपना रिश्तेदार बताते हैं मामले को शायद तभी दबवाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मामले में शामिल कुछ अन्य के नाम भी सामने ना आ सके बताया जा रहा है कि अगर इसकी विस्तृत जांच किया जाए तो ऐसे और भी कई मामले सामने आ सकते हैं। बता दे कि, गौरेला विकास खंड शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला पर पहले कोटा BEO रहते हुए भी कई मामलों में आरोप लग चुके है तथा विकास खंड शिक्षा अधिकारी संजीव शुक्ला द्वारा अपने स्वभाव के अनुरूप पूर्व की भांति ही गौरेला विकास खंड के एक और मामले में जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को दरकिनार कर एक शिक्षक को संरक्षण दिया गया है।