छत्तीसगढ़ माटी म संस्करीति,साहित्य अउ कला बसे हे। छत्तीसगढ़ के अइसे कोनो भी कोंटा नइ होही जिन्हा लोक गीत, लोक गायन, लोक कला, लोक परम्परा, कहिनी नइ होही। अइसने म हमर छत्तीसगढ़ के संस्करीति के लोकगाथा भरथरी ल पूरा देस- दुनिया म बगरइया हमर पुरखा दाई सुरुज बाई खांडे के गोठ मेहा आपमन ल बतावत हव। सुरुज बाई खांडे के जनम 12 जून 1949 म किसान परिवार म घसिया घृतलहरे के इंहा गांव पौंसरी तहसील बिल्हा जिला बिलासपुर म होये रहिस हे। सात बछर के उमर म जब सुरुज बाई खांडे ह अपन नाना राम सहाय संग भरथरी गीत गाये ल सुरू करिस त कोनो नइ जानत रहिस हे कि ये लइका ह बड़े हो के अपन नाव ल पूरा देस बिदेस म बगरा दिही अउ अपन छत्तीसगढ़ राज के नाव ल आघू बढाही। नाना राम सहाय ले भरथरी गीत के संगे - संग ढ़ोला मारू, चंदैनी, आल्हा उदल गीत घलो सीख डाले रहिस हे। अपन गायन सैली म सुरुज बाई खांडे के जगा - जगा नाव बगरे के बाद पहली घव मंच म गाये के मौका रतनपुर के मेला म मिलिस। आदिवासी लोक कला परिसद के कोती ले सुरुज बाई खांडे ल बिदेस (रूस) आयोजित ‘भारत महोत्सव म अपन भारतीय संस्करीति लोक कला ल बगराये के अवसर मिलिस। जेमा अपन गायन शैली ले पूरा बिस्व म भारत देस के नाव रोसन करिस। भरथरी के परिचय - भरथरी ह लोक गाथा गायन सैली हवयत जेमा राजा भरथरी अउ रानी पिंगला के जीवन ले जुड़े कथा हवय। भरथरी गीत ल नाग पंथी गायक मन जादा गाथें। ये गाथा ह पूरा भारत देस म दंत कथा के रूप म बगरे हे। जेला लोक गीत म नाटक के संग गीत गायन कर मंच म प्रस्तुत करथे।
भरथरी गीत - घोड़ा रोवय घोड़सार मा,घोड़सार मा वो।
हाथी रोवय हाथीसार मा। मोर रानी ये वो, महलों मा रोवय मोर राजा रोवय दरबार मा,दरबार मा,भाई ये दे जी। सरगवास - संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी के जयंती 18 दिसंबर के बेरा म गुरु घासीदास विवि कोनी बिलासपुर म सुरुज बाई खांडे ल अतिथि के रूप म नेवता दे रिहिस हे। जेमा आखरी पइत वोहा मंच म अकेला भरथरी गीत के गायन करे रहिस हे। ऐकर बाद 10 मार्च 2018 के ये लोक कलाकार ह अपन नाव ल दुनिया म बगरा के ये दुनिया ल छोड़ के चल दिस। पहली के होये सडक़ हादसा म सुरुज बाई खांडे ह कमजोर होगे रहिस हे। जेखर सेती अचानक दिल के दौरा पड़े ले उंकर मृत्यु होंगे। अउ परमात्मा के संग जा के मिल गे।
ओ कर 6 वा पुण्यतिथि 10 मार्च 2023 म सुरुज ट्रस्ट के माध्यम ले रेल्वे स्टेशन चकरभाठा जिला बिलासपुर के ओबर ब्रिज के पास म सुरुज के सुरता म सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजन करे गए हैं। जेमा जाने माने विभूति ल सम्मान करे जाही।