बम्हनीडीह (छत्तीसगढ़ महिमा)। 18 फरवरी 2023, अधिगम अक्षमता एवं बौद्धिक नि:शक्ता आधारित समावेशी शिक्षा अंतर्गत प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण गत दिनों 16 से 17 फरवरी 2023 को बीआरसी कार्यालय बम्हनीडीह के प्रशिक्षण हाल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्राथमिक स्कूलों के 40 शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य निशक्त जन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार 21 दिव्यांगता से परिचय,दिव्यांग बच्चों के चिन्हांकन,समावेशी का अर्थ,परिभाषा, महत्व व उद्देश्य,दिव्यांगता का कारण व रोकथाम के उपाय,दिव्यांगों को पहचानने हेतु विभिन्न प्रश्नावली, दिव्यांग बच्चों से संबंधित कक्षा कक्षा में किए जाने वाले प्रायोगिक कार्य(सांकेतिक भाषा,ब्रेन लिपी प्रशिक्षण) दिव्यांग जनो बच्चों हेतु विकास खंड संसाधन स्रोत केंद्र का परिचय व व्यवस्था, दिव्यांग बच्चों के परीक्षा क्रियान्वयन हेतु दिशा निर्देश, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिव्यांगों हेतु संचालित महत्वाकांक्षी योजनाएं,सुगम्य भारत अभियान,समावेशी शिक्षा को सफल बनाने हेतु किए जाने वाले सकारात्मक उपाय,दिव्यांग विद्यार्थियों के चिन्हांकन,मानसिक मंद व अधिगम निशक्तता से प्रभावित छात्रों को प्रशिक्षण के माध्यम से किस प्रकार से सामान्य बच्चों की तरह मुख्यधारा में लाया जा सके। विकास खंड शिक्षा अधिकारी एम डी दीवान ने प्रथम दिवस प्रशिक्षितों को दिव्यांग बच्चों के शिक्षण में विशेष ध्यान देने एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षण देने की बात कही।एपीसी एच आर जायसवाल ने उपस्थित शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि समावेशी शिक्षा के बारे में कितने लोग जानते हैं। बीआरसीसी एच के बेहार ने कहा कि समावेशी शिक्षा प्रत्येक दिव्यांग बच्चों के लिए उच्च और उचित उम्मीदों के साथ उसकी व्यक्तिगत शक्तियों का विकास करती है। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र के साथ - साथ उनकी भावनात्मक क्रियात्मक बोधात्मक संवेगात्मक इत्यादि क्षेत्रों में पुनर्बलन प्रदान करती है। मास्टर ट्रेनर्स शशिबाला सिंह साथ में सहयोगी धरमदास मानिकपुरी प्रशिक्षण का संचालन डॉ उमेश दुबे ने किया।