जय बिरतिया बाबा कैथा का दर्शन मेला प्रतिवर्ष के भांति 2 अगस्त को भरेगा तैयारी जोरों पर चल रहे हैं

  छत्तीसगढ़ महिमा जैजैपुर। 24 जुलाई 2022,
छत्तीसगढ़ राज्य की जिले जांजगीर चांपा के विधान सभा क्षेत्र जैजैपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत
कैथा एकमात्र ऐसा हैं जहां किसी भी विषैले सांप बिच्छू के काटने से बिरतिया बाबा की असीम कृपा से लोगों को नए जीवन दान मिलता है। ऐतिहासिक धरोहरों में जिले में  इनका अलग ही पहचान पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर में प्रसिद्ध हैं ग्राम पंचायत कैथा की जय बिरतिया बाबा का दर्शनीय महिमा स्थान। छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न स्थानों से विषैले सांप बिच्छू काटे हुए दर्द से पीड़ित बेहोश लोगों को जय बिरतिया बाबा कैथा की भूमि उनके स्थापना मंदिर द्वार पर लेकर आते रहते हैं।
यहां बिरतिया बाबा का दर्शन भूमि के पुजारी राजेश कुमार शुक्ला बताते हैं कि ग्राम पंचायत कैथा के गौटिया थे जिनका कोई संतान नहीं था उन्हे नागदेव ने स्वप्न दी की गांव की एक खैया खेत में किसी जीव की सेवन करने से उनके गले में हड्डी फंस गए हैं।
तब गौटिया ने वहां जाकर देखा तो बड़ा सा सर्प खेत पर पड़ा गले में हड्डी फसने से दर्द से पीड़ित छटपटा रहे थे।
गौटिया को सर्प ने देखा तो कहा कि डरो मत मैंने स्वप्न देकर सहायता के लिए बुलाया है मेरे गले की हड्डी को जीभ में चड़ कर निकाल दो।
तब निडर होकर सेवा भाव से गौटिया ने बड़े सर्प की मुंह पर घुस जीभ पर चढ उनके गले में फंसे हड्डी को बाहर निकाला तभी सर्प ने पीड़ा से राहत की सांस ली।
सर्प गौटिया की सेवा भाव से प्रसन्न हो कर बोले कि जो चाहिए मांगे दूंगा तब सर्प से गौटिया ने कहा सब कुछ तो पास हैं क्या मांगू सोच समझ लो तब गहन विचार करते हुए नेक कार्य ख्याल आया कि यहां गांव में किसी भी विषैले जीव जंतु से जन धन को हानि न पहुंचे।
ऐसा वरदान दे इसे नहीं लेने की बात सर्प ने कहा पर  गौटिया अपने प्रतिज्ञा से नहीं हटे उन्हे प्रदान करते हुए कहा की गांव के मुख्य बीच बस्ती स्थल पीपल वृक्ष के पास जय बिरतिया बाबा की मंदिर निर्माण कर इसका स्थापना कर देना। जब मंदिर निर्माण पूर्ण हो जाएगा तब आपका निधन हो जाएगा। जनहित में गौटिया ने अपने जीवन का परवाह न करते हुए समर्पण कर दिया।
तब से जय बिरतिया बाबा के नाम से यहां की महिमा सर्वोपरी प्रसिद्ध हैं। जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग विभिन्न स्थानों से विषैले सांप बिच्छू जीव जंतु से काटे व्यक्तियों को लेकर आते हैं और जय बिरतिया बाबा की सुमरण कर एक श्रीफल दो अगरबत्ती मात्र भेंट कर वहां की मिट्टी को खिलाई जाती हैं जिनसे पीड़ित व्यक्ति जीवन दान पा कर जय बिरतिया बाबा की जयकारा लगाते हुए खुशी से वापस लौटते हैं। प्रति वर्ष यहां नग पंचमी के दिन विशाल बिरतिया बाबा के दर्शन के लिए भव्य मेला आयोजन होता आ रहा हैं। जिसमें ग्राम पंचायत वासियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर प्याऊ जल खीर पूड़ी प्रसादी की व्यवस्था कर संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को वितरण किया जाता हैं। सुबह से ग्राम पंचायत कैथा में चारों ओर से भक्तों दर्शनार्थियों की तांता लगा रहता हैं।
 इस बार नाग पंचमी को बिरतिया बाबा के दर्शन
 मेला 2 अगस्त को भरेगा।
"गुरू घासीदास बाबा की जैतखाम स्थापना का भी है ऐतिहासिक महत्व"
बिरतिया बाबा के मुख्य मंदिर स्थापना के पीछे कुछ दूरी पर स्थित जैतखाम एकता अखंडता के रूप में स्थापना किया गया हैं। जहां बिरतिया बाबा के साथ ही संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों द्वारा मांथा टेक आशीर्वाद प्राप्त करते रहे हैं। संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की सत्य महिमा साक्षात प्रमाण हैं उनके दिए मानव मानव एक समान के अमर सतनाम संदेश अमृत वाणी बीज रूप में आज भी अंकुरित हैं।
सतनाम के सुमरण कर सत अमृत से विषैले सर्प काटे बुधारू बाल शाखा मित्र को जीवित कर सतनाम का आलोक जगाया था। आज भी उनके जैतखाम बिरतिया बाबा के मुख्य मंदिर के समीप स्थापित हैं जहां पीड़ित व्यक्ति की पुकार सुना जाता हैं। बिरतिया बाबा के साथ ही संत गुरू घासीदास बाबा जी का भी महिमा कृपा लोगों पर बना हुआ हैं। जिन्हें ग्राम वासियों और विभिन्न स्थानों से पहुंचे लोगों ने जानकारी देते हुए बताया।
 ग्राम पंचायत कैथा में बिरतिया बाबा की स्वागत द्वार,मुख्य मंदिर,संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा की जैतखाम महत्वपूर्ण तस्वीरे संग्रह कर साझा किया गया जो महत्व पूर्ण हैं। बिरतिया बाबा की दर्शनीय मेला की तैयारी जोरो पर चल रही हैं उक्त जानकारी राम रतन धनुवार सरपंच, उप सरपंच श्रीमती कमला बाई, पूर्व सरपंच कृष्णों प्रसाद खूंटे, विकास बंजारे सचिव ग्राम पंचायत कैथा से रूबरू होने पर जैजैपुर संवाददाता को दी गई हैं।