संस्कृति विभाग द्वारा जीर्ण क्षीर्ण हालत में छोड़ पंथी नृत्य पिरामिड को नव निर्मित नहीं कर किए जा रहे उपेक्षित

  छत्तीसगढ़ महिमा रायपुर। 24 जून 2022, 
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की हृदय स्थल ऐतिहासिक धरोहरों का संग्रहालय स्थल महंत घासीदास संग्रहालय के नाम से प्रसिद्ध हैं जहां संस्कृति विभाग का मुख्यालय हैं। प्रदेश के हृदय स्थल के रूप में जिले कलेक्ट्रेट, नगर घड़ी संत गुरू घासीदास चौंक,भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर चौक, दाऊ कल्याण सिंह जिला व प्रदेश के मुख्य अस्पताल आस पास शासन प्रशासन की मुख्य विभागीय कार्यालय स्थित हैं। महंत घासीदास संग्रहालय में अंतरराष्ट्रीय पंथी नर्तक देवादास बंजारे की पंथी नृत्य प्रदर्शन की मुख्य पिरामिड अकार में 11 पंथी नर्तक के साथ प्रतिमा स्थापना किए गए थे। जिन्हें सौंदर्यकरण नवीन निर्माण न कर आज उन्हे जीर्ण क्षीर्ण हालत में तब्दील कर पंथी नृत्य प्रदर्शन पिरामिड को आधे अधूरे छोड़ कुछ प्रतिमाओं को ही वहां से गायब कर दी गई हैं। छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की सतोपदेश अमृतवाणी को पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही भारत वर्ष और विभिन्न देश विदेश में देवादास बंजारे ने अपने पंथी नृत्य प्रदर्शन पिरामिड कर गीत संगीत के माध्यम से मानव मानव एक समान के अमर सतनाम संदेश को जन - जन तक प्रचार प्रसार किया था।
उन्हे राज्य अलंकरण गुरू घासीदास सम्मान सहित विभिन्न सम्मान प्रदान की गई हैं। जिन्हें आज पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय पंथी नर्तक के नाम से जाना जाता हैं। जिनके पंथी नृत्य प्रदर्शन पिरामिड को जीर्ण क्षीर्ण हालत में तब्दील कर नवीन स्थापित सौंदर्यीकरण न कर संस्कृति विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार अनुसूचित जाति और सतनाम पंथ के अनुयाई की सद भावनाओं को आहत पहुंचाते हुए उपेक्षित किए जाने का कार्य कर रहे हैं।
महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर संस्कृति विभाग का मुख्य केंद्र बिंदु है जहां आज छत्तीसगढ़ी पकवान गढ़ कलेवा संचालित है और उनके सामने पर्यटकों को पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की पर्यटन स्थल भ्रमण की सूचना केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। जहां छत्तीसगढ़ प्रदेश के और देश विदेश से लोग आवागमन करते रहते हैं।
लोगों की कहना है कि पंथी नृत्य प्रदर्शन पिरामिड से तेज गति की नृत्य से बढ कर कोई नहीं है। अंतरराष्ट्रीय पंथी नर्तक देवा दास बंजारे की साथियों पंथी टोली की नृत्य प्रदर्शन पिरामिड संस्कृति विभाग की प्रांगण में स्थापित आम जनता को प्रेरणा देने का कार्य करते हैं।
जिन्हें संस्कृति विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार ध्यान नहीं दे कर जीर्ण क्षीर्ण हालत में तब्दील कर उपेक्षित कर रहा हैं जिनके द्वारा शीघ्र उन्हे सौंदर्यीकरण नवीन निर्माण कार्य कर स्थापित करने की मांग समाज व आम जनों द्वारा किए गए हैं। जिनके तस्वीरें अपनी सच्चाई बयां कर रहे हैं उन्हे समाचार प्रकाशित कर संस्कृति विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार को जनहित में अवगत कराया जा रहा हैं ताकि बेसुध हो कर न रहे शीघ्र नव निर्मित सौंदर्यकरण कर सार्थक प्रयास किए जाएं।