त्रिदिवसीय गिरौदपुरी धाम मेले में लाखों से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरूगद्दी जोड़ा जैतखाम में मत्था टेक गुरु दर्शन का लाभ आशीर्वाद प्राप्त किए
छत्तीसगढ़ महिमा गिरौदपुरी धाम। 11 मार्च 2022, मनखे - मनखे एक समान का देश दुनिया को सतनाम के अमर संदेश देने वाले छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा गुरू दर्शन भूमि गिरौदपुरी धाम में प्रति वर्ष के भांति त्रिदिवसीय वार्षिक गुरू दर्शन भव्य विशाल संत समागम सतनाम गुरू दर्शन मेले 7 से 9 मार्च 2022 तक आयोजित होकर संपन्न हुआ। संत समागम गुरू दर्शन मेले में देश भर के विभिन्न स्थानों से सतनाम धर्मावलंबी एवं संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों व समाज जनों ने कई लाखों से अधिक संख्या में पहुंच कर मुख्य मंदिर के गुरु गद्दी जोड़ा जैतखाम में मत्था टेक कर परम पूज्य संत गुरू घासीदास बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस भव्य वार्षिक संत समागम गुरू दर्शन मेला आयोजन में गुरु विजय कुमार अध्यक्ष गुरू घासीदास सेवा समिति व गुरूगद्दी नशी न गिरौदपुरी धाम, केबिनेट मंत्री गुरू रूद्र कुमार का आशीष भी लोगों ने गुरु दर्शन के माध्यम से प्राप्त किया। गिरौदपुरी धाम में त्रिदिवसीय मेले के अंतिम दिन 9 मार्च को संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों गणों की भीड़ और संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी के जयघोष के बीच जगतगुरु रुद्र कुमार केबिनेट मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने कुतुंब मीनार से ऊंचा भव्य जैतखाम व तपोभूमि के जोड़ा जैतखाम और मुख्य मंदिर पांच कुण्ड छाता पहाड़ में पालो चढ़ाया। जगतगुरु रुद्र कुमार ने उपस्थित दर्शनार्थियों को प्रसाद वितरण कर उपस्थित संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को आशीर्वाद भी दिए। संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की बताएं सतोपदेश अमृत कुण्ड को आत्मसात कर मानव जीवन को सफल बनाने की आव्हान कर बाबा जी के सतनाम अमर संदेश को जन जन तक पहुंचाने प्रचार प्रसार करते हुए अग्रसर होने की बात कही गई। तीनों दिन गुरू दर्शन मेला में गुरू विजय कुमार, कौशल गुरूमाता, गुरू प्रियंका दीदी संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को आशीर्वाद दे उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए गुरू घासीदास बाबा जी के बताएं सत मार्ग पर चलने आव्हान किया जाता रहा। गुरु रुद्र कुमार ने विशाल मंच से हजारों से अधिक संख्या में उपस्थित संत समाज जनों को आशीर्वचन दिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ की जनता की खुशहाली और तरक्की के लिए परम पूज्य संत बाबा गुरु घासीदास जी से कामना की। उन्होंने बाबा जी के सतोपदेश संदेशों अमृत वाणी को जन-जन तक पहुंचाने का संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों गणों को संकल्प दिलाया।
साथ ही उन्होंने जैतखाम में चढ़ने वाले पालो (धर्म ध्वजा) के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि जिस तरह से हम सफेद पालो जैतखाम में चढ़ाते हैं स्वच्छ, साफ और सुंदर। वैसे ही हमें अपने अंतर्मन को स्वच्छ, साफ, सुंदर और अपने कर्मों को ऐसा करें कि हर समाज के साथ, हर वर्ग के साथ जुड़कर हम विश्व शांति स्थापित कर सके। उन्होंने गुरु परिवार के इतिहास योगदान की जानकारी देते हुए अपने वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट जगत गुरु सतनाम पंथ डॉट कॉम के बारे में भी बताता। उन्होंने कहा आज कल तरह-तरह की किताबें मिलती है जिसमें इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। ऐसे में इस वेबसाइट के माध्यम से आपको संपूर्ण जानकारी सतनाम पंथ के विषय में एक जगह पर मिल जाएगी। इस वेबसाइट की यही खासियत है कि इसमें किसी तरह की इतिहास से कोई छेड़ छाड़ नहीं की गई है।
आस्था विश्वास से संत श्रद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक गण जमीन लौटते गुरुदर्शन के लिए पहुंचते रहे
गिरौदपुरी धाम में संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की आशीर्वाद प्राप्त करने जमीन पर लोट कर दंडवत प्रणाम करते हुए हजारों से लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे थे। जमीन पर लोट कर जाने वाले संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों के लिए शासन प्रशासन द्वारा अलग से बैरिकेड की व्यवस्था की और नीचे कारपेट बिछाई गई थी ताकि श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
पंथी नृत्य से बाबा का दिए गए संदेश
मेला परिसर में मुख्य मंच में प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों से आए लोक कलाकारों द्वारा संत गुरु घासीदास बाबा जी के द्वारा मानव जाति के लिए दिए गए सत्य, अहिंसा के संदेश को उपस्थित संत श्रद्घालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों के बीच प्रस्तुत कर उन्हें सतनाम के अमर संदेशों को आत्मसात करने का आग्रह किया जा रहा था।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम,चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए थे
गिरौदपुरी धाम मेले में देश भर से कई लाखों से अधिक संख्या में संत श्रद्घालु गुरुदर्शन के लिए आवागमन करते रहे। मेले में आने वाले अपार भीड़ को देखते हुए शासन प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। गिरौदपुरी गांव से लेकर छाता पहाड़ तक, पंच कुंडीय,अमृत कुंड,चरण कुंड,मुख्य मंदिर, मेला परिसर, विश्व के सबसे बड़े जैतखाम,जन्म भूमि सफरा माता समाधी तालाब आदि सभी जगह पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए थे।
संत गुरु घासीदास बाबा जी के जन्मभूमि एवं कर्मभूमि तपोभूमि में मत्था टेकने के लिए दूर दराज के लोग यहां पहुंचे। मेला परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिस बल तैनात किये गये थे। मेला देखने जाने वालों के लिए दाल-भात सेंटर महिला स्वयं सहायता समूहों व समितियों द्वारा संचालित और संत समाज द्वारा निशुल्क भोजन भंडारण सतनाम प्रसादी भोजनालय अनेकों स्थानों पर खोला गया था। पूज्य गुरु घासीदास बाबा के जन्म भूमि व कर्मभूमि, तपोभूमि में मन्नत मांगने के लिए भक्त लोट मारते हुए मंदिर के मुख्य द्वार पहुंच कर गुरु घासीदास बाबा का दर्शन व पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद ले रहे हैं। मेला स्थल में श्रद्धालुओं की सुविधा की दृष्टि से छाता पहाड़ से लेकर पंचकुंडी, अमृतकुंड, मेला स्थल की सभी स्थानों पर पर्याप्त बिजली और पानी की व्यवस्था की गई थी। मुख्य मंच से जगतगुरु रूद्र कुमार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वार्षिक गुरू दर्शन मेला की समाप्ति की घोषणा की गई। तीन दिवसीय गुरुदर्शन मेले का समापन के अवसर पर प्रदेश भर के विभिन्न पार्टियों के जन प्रतिनिधि सहित लाखों से अधिक की संख्या में राजमहन्त,संत श्रद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक गण उपस्थित रहे थे।