कभी चमड़े के जूते बनाते थे रविदास,ईश्वर की भक्ति और सेवाभाव ने बना दिया संत शिरोमणि : अशवंत तुषार साहू
छत्तीसगढ़ महिमा महासमुंद। 19 फरवरी 2022, विगत दिनों 16 फरवरी को संत रविदास जयंती मांघी पुन्नी गुरू पूर्णिमा के अवसर पर महासमुंद विधानसभा के अंतर्गत आने वाले पुरातत्व नगरी सिरपुर में संत रविदास मंदिर पहुंच कर किसान नेता अशवंत तुषार साहू ने माथा टेक आशिर्वाद प्राप्त किए। उन्होंने ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश में संत रविदास का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। भारतीय भक्ति आंदोलन के अगुआ संतों में उनकी गिनती होती है। उत्तर भारत में उन्होंने समाज में समताभाव फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
वे न केवल एक महान संत थे,बल्कि एक कवि,समाज सुधारक और दर्शनशास्त्री भी थे। निर्गुण धारा के संत रविदास की ईश्वर में अटूट श्रद्धा था। समाज में भाईचारा और बराबरी का संदेश प्रसारित करने में उनका बड़ा योगदान रहा। जाति को लेकर बनी रुढ़ीवादिता पर उन्होंने कड़ा प्रहार किया और समाज में बराबरी का भाव फैलाया। अपनी रचनाओं के जरिये उन्होंने आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिया है। मेहर समाज मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार तुरकाने,उपाध्यक्ष राजकुमार डांडेकर,सचिव ग्वाला राम डांडेकर,कोषाध्यक्ष साहस राम जांगड़े,संचालक रामशरण मारकंडे,संगठन सचिव केस राम जलसेद,रामेशवर संधारे,पूनमचंद संघारे, राधेश्याम कोटरे,बलराम मिर्जा,लीलक लहरी,खिलावन बघेल,जुलू राम मेहर,दुखित राम तुरकाने,चंद्रिका प्रसाद डांडेकरक,गणेशरा लहरी,मेघनाथ तुरकाने,मंगलू राम लहरी,झुमुक मिर्झा, हेसशंकर मिर्जा,तेजराम तुरकाने , बलराम सोनवानी,फेकू राम गजेंद्र,कृष्णा पटेल,नारायण पटेल,सहित विभिन्न स्थानों से पहुंचे लोग अधिक संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता गण व मातृशक्ति जन समूह उपस्थित रहे थे।