छत्तीसगढ़ को मिला स्वच्छता के लिए लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार लोकवाणी की 24 वीं कड़ी प्रसारित

छत्तीसगढ़ ने स्थापित किए विकास और न्याय के नये प्रतिमान - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
 छत्तीसगढ़ को मिला स्वच्छता के लिए लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार लोकवाणी की 24 वीं कड़ी प्रसारित 
     छत्तीसगढ़ महिमा आरंग। 13 दिसम्बर 2021, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 24 वीं कड़ी में ‘‘नवा छत्तीसगढ़ और न्याय के तीन वर्ष’’ विषय पर बात-चीत की शुरूआत जय जोहार के अभिवादन के साथ की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इन तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य को अपनी वास्तविक छत्तीसगढ़िया पहचान दिलाते हुए, विकास और न्याय के नए प्रतिमान स्थापित किए गए हैं। 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने तीन वर्षों में गरीबों तथा कमजोर तबकों के लिए ऐसे प्रयास किए हैं,
 जिनके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया था।
हाल में ही हमने 6 दिसम्बर को बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर का महा परिनिर्वाण दिवस मनाया।
 10 दिसम्बर को अमर शहीद वीर नारायण सिंह जी का बलिदान दिवस था और 18 दिसम्बर को संत गुरू  घासीदास बाबा जी की जयंती पर्व है। 
मैं इन विभूतियों को नमन करते हुए बताना चाहूंगा कि हमारी नीतियों में सभी के आदर्श हैं। 
विगत तीन वर्षों में हमने कमजोर तबकों को बराबरी के अवसर देकर उनके बताए रास्ते पर चलने में सफल रहे हैं। हमने ऐसी योजनाएं बनाई, जो वास्तव में आदिवासी अंचल हो व मैदानी क्षेत्र सभी का भला कर सके। 
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रतिमानक बोरा करना ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ लागू करने से वन आश्रित परिवारों की जिंदगी में नई रोशनी आई है।
 तीन साल पहले सिर्फ 7 वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही थी। लेकिन हमने 52 वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की। 
इतना ही नहीं, 17 लघु वनोपजों के लिए संग्रहण पारिश्रमिक दर अथवा समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोतरी भी की गई है। इस तरह लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी करने, प्रसंस्करण करने,इनमें महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ने और आदिवासी समाज के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका निभाने के लिए छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने 25 पुरस्कार प्रदान किए है। 
इतना ही नहीं बल्कि स्वच्छता के लिए भी तीन साल में छत्तीसगढ़ को लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। इस बार छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है और एक बार फिर छत्तीसगढ़ को देश के सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में मान्यता मिली है। 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि  छत्तीसगढ़ के किसान भाई उन परिस्थितियों को समझ रहे हैं, जिसमें हमें काम करना पड़ रहा है, और आप लोगों को इस बात का पूरा भरोसा हुआ है कि हम किसानों से संबंधित जो काम कर रहे हैं, उसकी दिशा सही है। 
मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि किसान मेरी जान है, मेरे प्राण है और किसानी मेरी धड़कन है।
 जिस दिन मैं किसानी नही करूँगा या किसानी की बेहतरी के लिए नहीं सोचूंगा, समझ लीजिए कि उसी क्षण वह व्यक्ति नहीं रहूंगा, जिसको आप लोग प्यार करते हैं। मैंने बचपन से जवान होते तक खेतों में काम किया है, इसलिए मुझे खेती किसानी की पूरी जानकारी है। 
हर फसल किसान के लिए एक सीढ़ी होती है। 
इनपुट कास्ट कम होना और आउटपुट का दाम अच्छा मिलना ही खेती को लाभदायक बना सकता है। इसलिए हमने सबसे पहले किसानों पर जो कर्ज का बोझ था, डिफाल्टरी का कलंक था, बकायादारी की जो बाधा था, उसे कर्ज माफी से ठीक किया। 
सिंचाई पंप कनेक्शन लगाने का काम सुगम किया, सिंचाई के लिए निःशुल्क या रियायती दर पर बिजली प्रदाय का इंतजाम किया। 
धान ही नहीं बल्कि सारी खरीफ फसलों, उद्यानिकी फसलों, मिलेट्स यानी लघु धान्य फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के दायरे में लाया। पहले साल जब हमने आपको 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान का दाम दिया तो इसमें कुछ लोगों ने रोड़ा अटकाया और हम उस बाधा को चीर कर कैसे बाहर निकले, यह कोई छिपी बात नहीं है। 
आगे भी ये सब सुविधाएं जारी रहेगी। 
हमारी सरकार चट्टान की तरह किसानों के साथ खड़ी रहेगी। कोई ताकत हमें अपने रास्ते से डिगा नहीं सकती। हमने तो धान की बंपर फसल का भी स्वागत किया है। इस साल 105 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का अनुमान है। हम केन्द्र सरकार से लगातार यह मांग कर रहे हैं कि धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति हो। यदि यह मिल गई तो समझिए कि फिर हमें किसी के सामने हाथ भी नहीं फैलाना पड़ेगा। 
हम ऐसी अर्थव्यवस्था बना देंगे कि किसान को अपनी उपज का मनचाहा दाम मिलेगा।     
 मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि  हमारा छत्तीसगढ़ मॉडल, समावेशी विकास का ऐसा मॉडल है, जिसके मूल में सद्भाव, करुणा तथा सबकी भागीदारी है।
छत्तीसगढ़ ने तीन वर्षों में यह साबित कर दिखाया है कि छत्तीसगढ़ के लोगों को सिर्फ अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नई और सही सोच के साथ काम करने वाले लोगों के रूप में पहचाना जाएगा।
श्रोता गणों ने कहा कि भूपेश सरकार सभी वर्गों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। वह किसान हितेषी हैं किसानो को उनकी उपज का उचित प्रतिफल मिलने लगा है। आज हमारे प्रदेश में चलाई जाने वाली योजनाओं की चर्चा देश के अन्य राज्यों में होने लगी है।
 इस अवसर पर ग्राम नरदहा के सरपंच नरेंद्र वर्मा,पंच गण अरुण वर्मा, अलख वर्मा, बिनु साहू, ईश्वरी लहरे, रेखा वर्मा, बीजे वर्मा, देवयानी वर्मा, सुनीता धीवर,पुष्पा यादव, इंद्राणी गोश्वामी, कुमारी साहू, दुलेश्वरी वर्मा, रोजगार सहायक, कौशल साहू, सुरेश यादव एवं अन्य ग्रामीण जन अधिक संख्या में उपस्थित रहे थे।