गुरू घासीदास सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित जाति उत्थान राज्य अलंकरण से सम्मानित पंथी के पितामह पुरानिक लाल चेलक

 गुरू घासीदास सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित जाति उत्थान राज्य अलंकरण से सम्मानित पंथी के पितामह पुरानिक लाल चेलक 
छत्तीसगढ़ महिमा दुर्ग। 4 नवंबर 2021, पंथी कला और समाज के लिए पुराणिक लाल चेलक के जीवन भर के समर्पण का प्रतिसाद योग्यता के आधार पर एक उचित व्यक्ति को 2021 में छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा के नाम से सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित उत्थान राज्य अलंकरण सम्मान मिलना छत्तीसगढ़ राज्य और हम सभी के लिए गर्व की बात है। इस प्रसन्नता को चंद शब्दों में बयान कर ही नहीं किया जा सकता। एक कलाकार इस तरह राज्य अलंकरण से अलंकृत हुए उन्हें कितनी खुशी हो रही होगी यह भी हम बयान नहीं कर सकते, किन्तु छत्तीसगढ़ शासन ने उन्हें सम्मानित करने में बहुत देरी भी किया है इस बात को नकार भी नहीं सकते।
आप एक आकाशवाणी गायक भी हैं जिनके हजारों पंथी और छत्तीसगढ जन जागृति गीत हैं आप आज भी अपने विचारों से और ओजस्वी भाषण से एक युवा हैं। पंथी गीतों पर अपनी कई रचानाएं एवं पंथी गीत रचना संकलन कर समाज को अनमोल धरोहर देने वाले श्री चेलक एक कुशल और प्रशिक्षक पंथी नर्तक हैं। पुराणिक लाल चेलक जब 79 वर्ष के उम्र में पंथी नृत्य करेंगे तब एक युवा की तरह ही जोश और उमंग के साथ करेंगे क्योंकि मैं उन्हें 74 वर्ष के उम्र में ऐसा नृत्य करते देखा चकित रह गया। गुरू गुड़ ही रहता है और चेला शक्कर हो जाता है ऐसा कहते हम अधिकतर सुनते हैं किन्तु श्री चेलक के पंथी के प्रभाव ने यह प्रमाणित किया है। आज अन्तर्राष्ट्रीय पंथी नर्तक स्व.देवदास बंजारे और अन्तर्राष्ट्रीय पंडवानी गायिका श्रीमती उषा बारले को सतनाम भजन एवं पंथी गायिका के रूप में आप हम सब परिचित ही हैं। 2021 में पंथी के पितामह पुरानिक लाल चेलक को गुरू घासीदास सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित उत्थान राज्य अलंकरण सम्मान से सम्मानित होने पर पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं श्री चेलक  को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया गया है।
उक्त जानकारी संजो कर असकरन दास जोगी युवा साहित्यकार संपादक सतगुरु कैलेण्डर रायपुर ने दी है।