युवा कांग्रेस ने आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह के खिलाफ अवैध शराब बिक्री पर, जनदर्शन में की शिकायत, वही शाह के खिलाफ अजाक थाना में पीड़ित ने की जातिगत गाली गलौज की शिकायत, जबरन रोककर 35,000 अवैध रुपए वसूली की भी शिकायत, 50,000 की रकम क्षेत्र से बाहर भी की है अवैध वसूली, राजनीतिक सफेदपोस से जुडें तार, जाने आरोप सिद्ध होने पर कौन-कौन से धाराओं में हो सकते है मामला दर्ज

अरविंद कुमार, ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़
मुंगेली । छत्तीसगढ़ महिमा । मुंगेली विधानसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मंजीत रात्रे के नेतृत्व में आज युवा कांग्रेस ने जिला प्रशासन से अवैध शराब बिक्री और आबकारी विभाग में चल रही कथित अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंगेली के आबकारी उप निरीक्षक अमित शाह क्षेत्र में अवैध रूप से शराब की बिक्री करवा रहे हैं और निर्दोष लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर वसूली कर रहे हैं। इस दौरान जिला कलेक्टरेट में जनदर्शन के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई और तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। मंजीत रात्रे ने कहा कि अमित शाह पर पहले भी कई बार ऐसे आरोप लगे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका हौसला बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में नशे का कारोबार खुलेआम चल रहा है, जिससे युवाओं और बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके चलते क्षेत्र में अशांति का माहौल बन गया है। रात्रे ने यह भी आरोप लगाया कि कंतेली शराब दुकान के सुपरवाइजर के माध्यम से कोचियों को अवैध शराब बेची जा रही है। इसी वजह से मुंगेली क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

       व्यक्तिगत शिकायतें भी आईं सामने

ग्राम कोदवाबानी निवासी राजकुमार ध्रुव ने भी आरोप लगाया कि जब वह कंतेली शराब दुकान से शराब लेकर जा रहे थे, तो उप निरीक्षक ने उन्हें बीच रास्ते में रोककर पैसे की मांग की। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई और जबरन उनसे ₹35,000 वसूले गए। वहीं, ग्राम बरमपुर निवासी तारन भास्कर ने भी उप निरीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें शराब बेचने के लिए जबरन दबाव डाला गया और उनके साथ जातिगत गाली-गलौच की गई। तारन भास्कर ने इस मामले की लिखित शिकायत अजाक थाने में दर्ज कराई है।

                  प्रदर्शन की चेतावनी

मुंगेली युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन द्वारा इन मामलों में तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो युवा कांग्रेस उग्र प्रदर्शन करेगी और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस दौरान सूर्यभान अनंत, विशाल जोगांश, अंकुश साहू, पीड़ित राजकुमार ध्रुव, राजाराम, और मोनू अनंत समेत कई लोग मौजूद थे।युवा कांग्रेस ने साफ किया है कि अगर प्रशासन इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो क्षेत्र में नशे का कारोबार और बढ़ सकता है, जिससे युवाओं और समाज को गंभीर नुकसान हो सकता है।

इससे पूर्व भी 11 जनवरी 2024 को  स्थानीय समाचार पत्र में शीर्षक, "अपने क्षेत्र छोड़ दूसरी जगह शराब जब्ती की कार्यवाई आबकारी उपनिरीक्षक की कार्यशैली पर उठे सवाल" जैसे शीर्षक में खबर  छपी थी, जिसमें आबकारी उप निरीक्षक अमित शाह पर 50 हजार की अवैध वसूली की खबरें थी.... 


आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह की कार्यशैली पर फिर से उठे सवाल

जनवरी 2024 में क्षेत्रीय समाचार पत्र में आबकारी विभाग से जुड़े विवाद ने सुर्खियां बटोरी थी। 11 जनवरी 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। खबर में बताया गया है कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध वसूली की है, अमित शाह पर 50,000 रुपये की अवैध वसूली का आरोप लग चुका है, जो विभाग की छवि को धूमिल करता है। इस बार की घटना ने एक बार फिर से विभाग की आंतरिक जांच प्रणाली और अनुशासनहीनता पर ध्यान केंद्रित किया है। स्थानीय प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और आबकारी विभाग इस मामले को कैसे संभालता है।

आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह पर भाजपा नेत्री से संरक्षण मिलने का आरोप

आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह पर लगे आरोपों का मामला और पेचीदा होता जा रहा है। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि शाह को भाजपा की एक प्रमुख नेत्री से करीबी संबंधों के कारण राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। यह आरोप तब और गंभीर हो गए हैं जब आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह पर 50,000 रुपये की अवैध वसूली और अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया था।
सूत्रों की मानें तो आबकारी उपनिरीक्षक अमित शाह और भाजपा नेत्री के बीच गहरे रिश्ते होने की बात कही जा रही है, जिसके चलते शाह के खिलाफ उठने वाली शिकायतों पर उचित कार्रवाई नहीं हो पाती। इस मामले में राजनीतिक मोड़ लेने की संभावना है, विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध सकती है और प्रशासनिक ढीलापन और भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठा सकती हैं। हालांकि, अब तक शाह या भाजपा नेत्री की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जनता और प्रशासन की नजर इस पर बनी हुई है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है।

यदि उपरोक्त मामले में आरोपों की पुष्टि होती है, तो भारतीय न्याय संहिता (IPC) और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कई धाराएं लागू हो सकती हैं।

1. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 – धोखाधड़ी (Cheating):  
   यदि आबकारी उप निरीक्षक अमित शाह द्वारा अवैध शराब बिक्री और निर्दोष लोगों से पैसे की जबरन वसूली का आरोप सही साबित होता है, तो यह धोखाधड़ी का मामला बन सकता है।  
   सजा: 7 साल तक की सजा और जुर्माना।  
   प्रासंगिक मामला: पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उनसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूले गए, जो कि धोखाधड़ी के अंतर्गत आता है।

2. IPC की धारा 506 – आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation):  
   अगर आरोपी ने किसी को जान से मारने या अन्य गंभीर नुकसान की धमकी दी है, तो इस धारा के तहत मामला दर्ज हो सकता है।  
   सजा: सामान्य तौर पर 2 साल तक की सजा और जुर्माना; यदि जान से मारने की धमकी हो तो 7 साल तक की सजा।  
   प्रासंगिक मामला: राजकुमार ध्रुव ने आरोप लगाया कि उन्हें पैसे देने से इनकार करने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई।

3. IPC की धारा 34 – समान उद्देश्य के लिए किया गया कार्य (Acts done by several persons in furtherance of common intention):  
   अगर यह सिद्ध होता है कि अवैध शराब के कारोबार में और भी लोग शामिल थे, तो सभी व्यक्तियों पर इस धारा के तहत कार्यवाही की जा सकती है।  
   सजा: मुख्य अपराध की सजा के समान।  
   प्रासंगिक मामला: कंतेली शराब दुकान के सुपरवाइजर पर भी आरोप लगाए गए हैं, जिससे यह धारा लागू हो सकती है।

4. IPC की धारा 383 – जबरन वसूली (Extortion):  
   जबरन किसी व्यक्ति से डर या धमकी देकर पैसे वसूले जाने पर यह धारा लागू होती है।  
   सजा: 3 साल तक की सजा और जुर्माना।  
   प्रासंगिक मामला: पीड़ित राजकुमार ध्रुव ने ₹35,000 जबरन वसूली का आरोप लगाया है, जो इस धारा के अंतर्गत आता है।

5. IPC की धारा 341 – गलत तरीके से रोके रखने का अपराध (Wrongful Restraint):  
   अगर किसी व्यक्ति को अवैध रूप से रोककर जबरन पैसे की मांग की गई हो, तो इस धारा के तहत मामला दर्ज हो सकता है।  
   सजा: एक महीने तक की सजा और जुर्माना।  
   प्रासंगिक मामला: राजकुमार ध्रुव को कथित रूप से शराब लेकर जाते समय रोका गया और पैसे की मांग की गई।

6. SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 –  
   यदि पीड़ित ने शिकायत की है कि उनके साथ जातिगत आधार पर गाली-गलौच और अपमान किया गया है, तो यह अधिनियम लागू होगा। यह अधिनियम अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।  
   सजा: 6 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा और जुर्माना, गंभीर मामलों में आजीवन कारावास।  
   प्रासंगिक मामला: तारन भास्कर ने शिकायत की है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव और गाली-गलौच की गई।

7. IPC की धारा 504 – शांति भंग करने के उद्देश्य से अपमान (Intentional insult with intent to provoke breach of the peace):  
   जानबूझकर किसी को अपमानित करने या उकसाने के मामले में यह धारा लागू होती है।  
   सजा: 2 साल तक की सजा और जुर्माना।  
   प्रासंगिक मामला: अगर जातिगत गाली-गलौच की पुष्टि होती है तो यह धारा भी लागू हो सकती है।

8. आबकारी अधिनियम, 1915 – अवैध शराब का उत्पादन और बिक्री (Illicit Manufacture and Sale of Liquor):  
   यदि आरोपित व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा अवैध शराब का व्यापार किया जा रहा है, तो राज्य के आबकारी कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।  
   सजा: अवैध शराब बिक्री पर राज्य के अनुसार सजा और जुर्माना, जिसमें कारावास भी हो सकता है।  
   प्रासंगिक मामला: कंतेली शराब दुकान के माध्यम से अवैध शराब बिक्री का आरोप लगाया गया है।

9. IPC की धारा 166 – लोक सेवक द्वारा कानून का उल्लंघन (Public servant disobeying law with intent to cause injury to any person):  
   अगर सरकारी अधिकारी ने जानबूझकर कानून का उल्लंघन कर किसी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है, तो यह धारा लागू हो सकती है।  
   सजा: 1 साल तक की सजा या जुर्माना, या दोनों।  
   प्रासंगिक मामला: अगर आबकारी अधिकारी अमित शाह द्वारा सरकारी पद का दुरुपयोग साबित होता है, तो इस धारा के तहत मामला दर्ज हो सकता है।

10. IPC की धारा 120B – आपराधिक साजिश (Criminal Conspiracy):  
   अगर यह साबित होता है कि आबकारी उप निरीक्षक और सुपरवाइजर ने अवैध शराब बिक्री के लिए मिलकर साजिश रची, तो इस धारा के तहत कार्यवाही हो सकती है।  
   सजा: मुख्य अपराध के अनुसार सजा।  
   प्रासंगिक मामला: अवैध शराब के व्यापार में कंतेली के सुपरवाइजर का शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

और अन्य धाराओं के तहत संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है, अगर आरोपों की पुष्टि होती है।