रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 03 जुलाई 2024, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण दैव गौतम (1992 बैच) व हिमांशु गुप्ता (1994 बैच) को राज्य सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) से पदोन्नत करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजी) बनाने आदेश जारी किया। डीजी की दौड़ में आई.पी.एस. अधिकारी पवन देव का नाम फिलहाल लिफाफे में बंद है। छत्तीसगढ़ में डीजी के दो पद हैं,वहीं राज्य सरकार दो और पद सृजित करने का अधिकार है। राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा अगस्त महीने में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। विभागीय पदोन्नति समिति (डी.पी.सी.) से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया है। दोनों आई.पी.एस.अधिकारी वर्तमान में छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी है। आई.पी.एस.अरुण देव गौतम मूलत: उत्तर प्रदेश कानपुर के रहने वाले हैं। वे वर्तमान में गृह जेल एवं परिवहन विभाग के सचिव हैं, वहीं आई.पी.एस.हिमांशु गुप्ता मूलत: राजस्थान के जयपुर रहने वाले हैं। वर्तमान में वे ए.डी.जी. प्रशासन के पद पर कार्यरत हैं। डी.जी.पी. के लिए दोनों अधिकारियों के नाम डीजीपी की दौड़ में दोनों अधिकारियों के नाम प्रमुख हैं। इसमें अरुण देव गौतम का नाम पहले लिया जा रहा है। नक्सलियों के खिलाफ रणनीति व प्रभावित क्षेत्र में लंबे अनुभव की वजह से भी उन्हें आगे किया जा सकता है। आने वाले दिनों पुलिस विभाग के शीर्ष पदों पर महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है। विभागीय जांच की आंच इसलिए पवन देव पिछड़े 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी पवन देव के खिलाफ विभागीय जांच की वजह से उनका नाम पदोन्नति में शामिल नहीं किया जा सका है। डीपीसी ने उनका नाम लिफाफे में बंद कर दिया है। निकट भविष्य में अगर उनके खिलाफ जांच खत्म हो जाती है तो उन्हें बिना डीपीसी के पदोन्नति दी जा सकती है। पवनदेव के लिए डीपीसी ने उनका पद सुरक्षित रखा है। अरुण देव गौतम के बारे में आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम संयुक्त राष्ट्र पदक व राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके हैं। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने गांव के स्कूल से प्राप्त की। वे राजनीति में एमए हैं। 12 अक्टूबर 1992 को उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में नौकरी शुरु की। अविभाजित मध्यप्रदेश में उन्हें सबसे पहले मध्यप्रदेश कैडर प्राप्त हुआ था। 25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले के बाद अरुण देव को बस्तर आइजी बनाकर भेजा गया। इससे पहले 2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में 29 पुलिस कर्मियों के बलिदान के बाद उन्हें राजनांदगांव का एसपी बनाया गया था। डीआइजी बनने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स, सीआइडी, मुख्यमंत्री सुरक्षा, योजना, प्रशासन में महत्वपूर्ण सेवाएं दी।हिमांशु गुप्ता के बारे में
हिमांशु गौतम का जन्म 30 जून 1969 को हुआ। बीई इलेक्ट्रानिक्स से स्नातक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की। 10 जनवरी 1995 को उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में नौकरी शुरु की। सरगुजा व दुर्ग रेंज के आइजी होने के साथ-साथ हिमांशु गुप्ता धमतरी, कोरबा, जगदलपुर आदि जिलों के एसपी रह चुके हैं। दुर्ग आइजी रहते हुए उनका एडीजी के पद पर पदोन्नति हुई। हिमांशु गौतम के नेतृत्व में योजना, प्रशासन सहित अन्वेषण में पुलिस विभाग को महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुईं। वे आइजी गुप्ता वार्ता के बाद एडीजी गुप्ता वार्ता बने थे।