
जांजगीर- चांपा : जिला पंचायत परिसर स्थित आडिटोरियम में नए कानूनों के संबंध में कार्यशाला का आयोजन जिला एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जांजगीर चाम्पा विधायक ब्यास नारायण कश्यप, विधायक अकलतरा राघवेन्द्र कुमार सिंह,नगर पालिका अध्यक्ष भगवानदास गढेवाल,नगर पालिका अध्यक्ष चांपा जय थवाईत,जिलाधीश आकाश छिकारा एवं पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला उपस्थित रहें। विधायक ब्यास नारायण कश्यप ने कहा कि नवीन कानून संहिता लागू होने से आम नागरिकों को पारदर्शी एवं त्वरित न्याय व्यवस्था प्रदान करने के साथ ही आपराधिक व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई कर पीड़ित को न्याय दिलाया जा सकेगा। नवीन कानूनों का पालन करना हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।
विधायक अकलतरा राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि नए कानून के लागू होने से कम समय में न्याय मिलेगा। पुराना कानून ब्रिटिश काल का था। इसकी व्यवस्था पुरानी हो गई थी जिसे अब अपडेट किया गया है। उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ हमें भी नवीन कानूनों के संबंध में अपडेट होना चाहिए। कलेक्टर आकाश छिकारा ने कहा कि 1 जुलाई से नये कानून लागू हो रहे हैं। इसके संबंध में अधिकारियों के साथ ही नागरिकों को जानकारी होना चाहिए। एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभावी होंगे। इसका उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। सभी के लिए आवश्यक है कि स्वयं भी इन कानूनों को समझें तथा दूसरों को भी जागरूक करें। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर दुर्गा प्रसाद अधिकारी, अपर कलेक्टर एसपी वैद्य, एएसपी राजेन्द्र जायसवाल, सभी एसडीएम, एसडीओपी,देवेश सिंह सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन व पुलिस के अधिकारी गण उपस्थित रहें।
दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता: पुलिस अधीक्षक
एस.पी.विवेक शुक्ला ने नए कानून के संबंध में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता,तकनीक का समावेश तथा नए प्रावधानों को रेखांकित किया गया है। उन्होंने बताया कि नए कानून में भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है। इसी तरह दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है।
नए कानून का मुख्य उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव,नागरिक केिन्द्रत एवं कल्याणकारी अवधारणा, महिला सुरक्षा एवं न्याय,अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजीटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रावधान, उचित नियंत्रण एवं संतुलन के साथ पुलिस का सामन्जस्यपूर्ण सशक्तिकरण और समयबद्ध प्रक्रिया,साक्ष्य संग्रह और प्रस्तुति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के साथ ही मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना है।