जांजगीर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 29 जून 2024, नक्शा देने के नाम पर किसान से 3500 रूपये रिश्वत की मांग करने वाले पनगावं पटवारी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्यालय में रंगे हाथों पकड़ा और उसे विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत शैलेंद्र चौहान को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। पामगढ़ तहसील के ग्राम पनगांव निवासी संजय कुमार खुंटे ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी कि उसके द्वारा ग्राम पनगांव में 25 डिसमिल जमीन की खरीदी किया जा रहा है। इस जमीन का नक्शा काटने के लिए पटवारी विजय लहरे उससे 3500 रूपये की मांग कर रहा है। उसकी शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर की टीम पनगांव में पटवारी कार्यालय साधारण कपड़ों में पहुंचे और ग्रामीण संजय कुमार खुंटे ने एसीबी द्वारा दिए गए नोट को पटवारी विजय लहरे को दिया। इसी बीच एसीबी की टीम ने उसे नोटों के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत गिरफ्तार कर लिया और पंचनामा और अन्य कार्रवाई के बाद विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तहत विजय लहरे को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। विजय लहरे पटवारी 02 हल्कों का प्रभार में थे
पटवारी विजय लहरे ग्राम कोसला और भंवतरा 02 हल्का का पटवारी थे। उसके प्रभार क्षेत्र में कोसला,पेंड्री, भंवतरा और पनगांव आता था। ग्रामीणों ने बताया कि उसके विरूद्ध रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लगातार आ रहा था।
फोन पे से रिश्वत लेने वाला कानूनगो शाखा के लिपिक निलंबित
कलेक्टोरेट कार्यालय में कानूनगो शाखा के लिपिक द्वारा फोन पे के माध्यम से रिश्वत लिए जाने के मामले में उसे निलंबित कर दिया गया। इसका भी वीडियो प्रसारित हुआ था। जानकारी के अनुसार एक किसान से लिपिक श्यामाकांत देवांगन ने जमीन का खसरा बी - वन तथा नक्शा देने के लिए 400 रूपए की रिश्वत किसान से मांगे। किसान ने बताया कि उसने पहले 100 रूपए दिया। आवेदन देखने के बाद श्यामाकांत देवांगन ने और 300 रूपए मांग किया। किसान ने जब नगदी नहीं होने की बात कही और फोन पे के माध्यम से रूपए देने की बात कही तो लिपिक तैयार हो गया और अपना नंबर देकर 300 रूपए फोन पे पर ट्रांसफर करा लिया। इस मामले का विडियो किसी ने बना दिया और उसे प्रसारित कर दिया। हालांकि इस मामले में लिपिक श्री देवांगन को निलंबित कर दिया गया लेकिन इस आदेश को पंचायत सचिव,शिक्षक और पटवारियों की निलंबन की तरह प्रसारित नहीं किया गया।