
भाजपा सरकार ने जो नियम बनाए कांग्रेस सरकार ने 2019 में बदला
वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। इसके बाद वर्ष 2012 में राज्य की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे। प्राधिकरणों के गठन के बाद अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए। वर्ष 2019 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन किया था।जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया बल्कि इनके कार्याें की मानिटरिंग के साथ ही शासन प्रशासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रह गया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्राधिकरणों की निगरानी सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय से होगा।
मंत्रिमंडल की अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 का अनुमोदन। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्गम मूल्य तथा नागरिक आपूर्ति निगम को प्राप्त चना की मिलिंग एवं परिवहन दर को जोड़कर चना खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रुपये की स्वीकृत। बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के लिए 50-50 करोड़ रुपये का प्रविधान। ग्रामीण एवं अन्य पिछडा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 80 करोड़ रुपये का प्रविधान।
शराब खरीदी के लिए एफएल-10 व्यवस्था समाप्त
विदेशी मदिरा के थोक विक्रय एवं भंडारण के लिए नियमों में परिवर्तन किया है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी स्वीकृति मिली है। वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 एबी अनुज्ञप्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाइयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय किए जाने का अनुमोदन किया गया। विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लायसेंसियों द्वारा किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के साथ विदेशी मदिरा क्रय करने की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को दे दी है।
बृजमोहन ने दिया इस्तीफा, शिक्षकों की भर्ती पर चर्चा
रायपुर दक्षिण सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक के पद से इस्तीफा देने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया। इससे पहले उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की मैराथन बैठक ली, जिसमें 33 हजार शिक्षकों की भर्ती पर चर्चा की। साथ ही हर स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम, अधोसंरचना विकास के निर्देश अधिकारियों को दिए। बृजमोहन ने कहा कि 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का निर्णय मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री की स्वीकृति के बाद शीघ्र शुरु होगी। गौरतलब है कि बुधवार को आयोजित साय मंत्रिमंडल की बैठक में बृजमोहन अग्रवाल शामिल हुए थे। सोमवार को उन्होंने विधायक पद का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष डा.रमन सिंह को सौंपा था।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2,161 करोड़ का घोटाला
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2,161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला सामने आया था, जिसमें ईडी ने 1,300 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस मामले में शराब कारोबारी, सहित आइएएस सलाखों के पीछे हैं। ईडी ने जांच में पाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में प्रभावशील लोगों के इशारे में नकली होलोग्राम तैयार करवाया गया। इसके बदले कमीशन भी लिया गया। साथ ही सुनियोजित तरीके से पूर्ववर्ती सरकार ने आबकारी नीति में भी परिवर्तन कर दिया।