अवैध उत्खनन के कारोबार में मालामाल हो रहे जांजगीर - चाम्पा जिले के रेत माफिया

Janjgir-champa News : रेत के अवैध कारोबार में मालामाल हो रहे माफिया
जांजगीर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 27 अप्रैल 2024,
जांजगीर- चांपा जिले में केवल 01 रेत घाट ही खनिज विभाग के रिकार्ड में अभी संचालित है। जबकि 05 रेत घाट का टेंडर निकाल कर स्वीकृति के लिए सालभर पहले पर्यावरण विभाग को भेजा गया था मगर अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इसके बाद भी हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के बंद रेत घाटों से पिछले डेढ़ साल से दिन रात धड़ल्ले से उत्खनन हो रहा है। कभी कभार परिवहन में लगे 02 - 04 हाइवा और ट्रैक्टरों को पकड़ कर खनिज विभाग कार्रवाई की खानापूर्ति कर लेता है। जिले के पीथमपुर, हथनेवरा, केवा,भादा, शिवरीनारायण, तनौद, देवरघटा, बसंतपुर, किकिरदा,बलौदा क्षेत्र के रेत घाटों का ठेका डेढ़ साल पहले समाप्त हो चुका है। अभी केवल बोरसी रेत घाट का ठेका है। जबकि घुठिया,लक्षनपुर,बरबसपुर,चांपा और नवागांव सहित 05 नए रेत घाटों के लिए टेंडर निकाला गया था जो स्वीकृति नहीं मिलने के कारण आज तक शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में जिले के बंद रेत घाटों में डेढ़ साल से अवैध उत्खनन हो रहा है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अनुमति के लिए पर्यावरण विभाग को भेजा गया है। मगर एक माह बाद भी पर्यावरण विभाग से नए घाटों के लिए हरी झंडी नहीं मिल पाया है। ऐसे में इन रेत घाटों से अवैध उत्खनन जारी है। रेत माफिया बिना रायल्टी के नदियों का सीना चीर कर रेत खनन कर साल भर तक सरकार को करोड़ों रूपए का चूना लगा चुके हैं और यह खेल अनवरत जारी है। जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं। अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई केवल दिखावे के लिए की जा रही है जिसके कारण बेखौफ हो कर रेत माफिया खनन और ट्रांसपोर्टर परिवहन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रोजाना इन घाटों से रात में मशीन के माध्यम से बड़ी मात्रा में रेत उत्खनन कर बेचा जा रहा है। रेत घाटों से रेत का अवैध उत्खनन और परिहवन के संबंध में पक्ष जानने के लिए जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा के मोबाइल पर संपर्क किया गया मगर उन्होंने काल नहीं उठाया।

पामगढ़ से रोज रात में गुजर रहे सैकड़ो वाहन

महानदी का सीना चिरकर रेत घाटों से किस तरह रेत का उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजाना पामगढ़ से रेत से भरे हाइवा और ट्रैक्टर सैकड़ों की संख्या में गुजरते हैं। महानदी के देवरी, खोरसी, तनौद और देवरघटा रेत घाट से रेत निकाल कर उसे बिलासपुर में अधिक कीमत में खपाया जा रहा है। यहां एक हाइवा रेत 16 हजार रूपये में बिक रही है।

वाहन को रोकते ही पहुंच जाता है जिला मुख्यालय से अधिकारी का फोन

लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा को लेकर एफएसटी और एसएसटी टीम बना कर कई स्थानों पर अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वाहनों को रोक कर जांच करने के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं। रेत लेकर गुजरने वाले वाहनों को चेक पोस्ट में रोका जाता है तो जिला मुख्यालय से वाहन को छोड़ने के लिए के एक अधिकारी का फोन पहुंच जाता है। वहीं पामगढ़ एसडीएम कार्यालय का एक कर्मचारी भी ट्रैक्टर और अन्य वाहनों को छुड़वाने में सक्रिय रहता है।

रायल्टी वाले वाहन को पकड़ कर किया जा रहा कार्रवाई

परिवहन कर्ताओं का कहना है दिन और रात नदी से रेत उत्खनन कर रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जबकि खनिज नियमों के साथ रायल्टी लेकर रेत परिवहन करने वाले वाहनों को कार्रवाई के नाम पर पकड़ा जाता है और पैसे लेकर छोड़ दिया जाता है। ठेकेदार ठेका के नियम शर्तो का धज्जी उड़ाते हुए शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बिना रायल्टी के रेत को बेच रहे हैं जिसकी वजह से जरूरत मंदों को रेत अधिक दर पर मिल रहा है।

शासन को हो रहा राजस्व का भारी नुकसान

रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि बंद रेत घाटों से रेत का खनन किया जा रहा है। जिले के हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के रेत घाटों को रेत खनन के लिए ठेका में दिया गया था। जिसका ठेका अक्टूबर महीने में समाप्त हो चुका है। मगर रेत माफियाओं के द्वारा रेत घाटों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। रेत माफिया बिना रायल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मौके पर पहुंच कर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है।