
जिला खनिज विभाग कार्यवाही के नाम पर कर रहें खानापूर्ति
बलौदाबाजार जिले के खनिज विभाग की बात करें तो यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी संजीदगी से कार्रवाई को अंजाम देते हैं। उन्हें रात में होने वाले रेत उत्खनन नजर नहीं आता। यदि शिकायत आई तो परिवहन कर्ताओं पर कार्यवाही करते हैं, पर रेत खदान के ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करते। विशेष सूत्रों से मिले जानकारी से पता चला कि इन रेत ठेकेदारों की ओर से एक बड़ी रकम प्रदान किया जाता है।विशेष सूत्र के अनुसार कार्रवाई की जानकारी पहले रेत खदानों के संचालकों को मिल जाता है। जिसका बड़ा कारण यहां पर पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी हैं,जो बलौदाबाजार जिले में वर्षों से पदस्थ हैं। कलेक्टर की ओर से यदि कार्यवाही का आदेश होता है तो ये ठेकेदारों को सूचित कर देते हैं,जिससे बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाता है। विशेष सूत्र यह भी बताते हैं कि खनिज विभाग में पदस्थ नगर सेना के कर्मचारी अपनी पद स्थापना के लिए अधिकारियों को भी मोटी रकम देते हैं।
खनिज विभाग में अधिकारियों का बताते कमी
जिले में जब भी कार्यवाही की बात आती है तो खनिज विभाग अधिकारियों की कमी बताते हैं, जो सही भी है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी - कर्मचारी भी अवैध रूप से उत्खनन कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते और न कभी जांच करने आते हैं, जबकि पर्यावरण विभाग का क्लीयरेंस बहुत जरूरी होता है। रेत खदानों की ठेके की बात करें तो ठेका किसी के नाम पर होता है और चलाता कोई और है। यह जांच का विषय है। इन सबके बीच बलौदाबाजार जिले में आचार संहिता के दौरान भी धड़ल्ले से देर रात अवैध उत्खनन जारी है।