
बम्हनीडीह (छत्तीसगढ़ महिमा)। 25 अप्रैल 2024,
भाजपा सरकार आने के बाद अब स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय की स्थापना फिर से होगा। इसके लिए संचालनालय पंचायत ने अविभाजित जांजगीर चांपा जिले की 101 ग्राम पंचायतों का चयन किया है। इस बार उन पंचायतों में वाचनालय खोला जाएगा जहां की आबादी 2 हजार से अधिक है। ऐसे पंचायत में पुस्तक खरीदी के लिए तीन - तीन लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है और राशि भी आवंटित किया जा चुका है। भाजपा सरकार के समय में पंचायतों में स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय का संचालन हो रहा था । कुछ सालों तक इसका संचालन ठीक ठाक हुआ मगर बाद में पंचायतों ने इसमें रुचि नहीं ली और अधिकांश पंचायतों में ये वाचनालय बंद हो गए। वर्ष 2018 से 2023 तक कांग्रेस की सरकार रहा। मगर सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब जब फिर से भाजपा की सरकार आई है तो आत्मांनद वाचनालय की सुध फिर से लिया गया है। राज्य सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 2 हजार से अधिक आबादी वाली पंचायतों में स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय खोलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संचालनालय पंचायत से पहले ही आदेश जारी हो चुके हैं और वाचनालय खोलने के लिए जिले की 101 पंचायतों के लिए तीन करोड़ तीन लाख रूपये राशि भी आवंटित किया गया है। प्रत्येक पंचायत में तीन लाख रूपये के हिसाब से पुस्तकों की खरीदी की जाएगी। इस लाइब्रेरी में कृषि संबंधी पुस्तकों के अलावा युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित किताबें भी रहेगा। बुजुर्गों के लिए कहानी और देश दुनिया की जानकारी से संबंधित पुस्तकें रहेंगा। इसे लेकर स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय के लिए चिन्हांकित ग्राम पंचायतों में तैयारी शुरू हो गया है। निर्देश भी दिया जा चुका है। लाइब्रेरी खुलने से इसका लाभ ग्रामीणों को मिलेगा। मगर इसे लेकर पंचायत प्रतिनिधियों को भी जागरूक होना पड़ेगा। अन्यथा पिछली बार की तरह ये वाचनालय भी बंद न हो जाए।
स्व. अजीत जोगी पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रारंभ हुआ था योजना
प्रदेश में सबसे पहले लाइब्रेरी की शुरुआत छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के शासन कांग्रेस सरकार में वर्ष 2001 में हुआ। उस समय इसका नाम राजीव गांधी ग्रामोदय वाचनालय था। उस समय एक-एक पंचायत में पुस्तक खरीदने के लिए दस-दस हजार रुपये का आवंटन हुआ था। मगर तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों ने लाइब्रेरी संचालन में गंभीरता नहीं दिखाया और अधिकांश पंचायतों में वाचनालय बंद हो गया।
पुस्तक खरीदी में हुआ था जमके कमीशन खोरी
उस समय वाचनालय तो खोला गया मगर पुस्तकों की खरीदी जनपद पंचायत के माध्यम से किया गया। इसमें अधिकांश किताबें इस तरह खरीदे गए जो ग्रामीणों के काम के नहीं थे। पुस्तक खरीदी में ग्रामीणों की रूचि के बजाय कमीशन पर अधिक ध्यान दिया गया था। इस कारण वाचनालय की किताबें धूल खाता रहा और इसका लाभ किसी को नहीं मिल पाया।
कुछ पंचायतों में खुलेगा वाचनालय
अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के नौ ब्लाक के 101 पंचायतों में स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय खोला जाएगा। ऐसे गांव का चिन्हांकित किया गया है जिसकी आबादी 02 हजार या उससे अधिक है। इनमें नवागढ़ ब्लाक की पंचायत खोखरा, सलखन, केरा, सरखों, धुरकोट, महंत , तुस्मा, सेमरा, सिवनी, बनारी, गोधना, पामगढ़ ब्लाक के कोनार, धरदेई, तनौद, मेऊ, भैंसों, बम्हनीडीह ब्लाक के बम्हनीडीह, बिर्रा, सक्ती ब्लाक के टेमर ,पोरथा, नगरदा, जैजैपुर ब्लाक के कचंदा, मल्दा, भोथिया, कांशीगढ़ के अलावा सभी ब्लाकों की 101 पंचायत शामिल हैं।
वर्जन - अभिमन्यु साहू उप संचालक,पंचायत का
स्वामी आत्मानंद ज्ञानोदय वाचनालय खोलने के लिए अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के 09 ब्लाक के 101 पंचायतों को चिन्हांकित किया गया है। जिन गांवों की आबादी 02 हजार या उससे अधिक है ऐसे गांव में वाचनालय खोले जाएंगे। इसके लिए शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों को तीन- तीन लाख रूपये की स्वीकृति दिए गए है। राशि भी शासन से जारी हो गया है।