आल इंडिया संपादक संघ (भारत) रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन के समक्ष 10 सूत्रीय मांगों को रखा

रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 30 सितंबर 2023, 
आल इंडिया संपादक संघ (भारत) रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा पत्रकारिता अधिमान्यता एवं आरक्षण रोस्टर अंतर्गत शासन-प्रशासन के भू अभिलेख में मांगो को इंद्राज करने छत्तीसगढ़ शासन - प्रशासन के समक्ष 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पत्र प्रस्तुत किया गया। आल इंडिया संपादक संघ (भारत) रायपुर छत्तीसगढ़ में संघ का विस्तार एवं पत्रकार साथियों का जीवन संघर्ष को सुगमता तथा परिवार को सुखमयता से यापन और ईमानदारी से करने वालों के लिए। छत्तीसगढ़ शासन - प्रशासन के समक्ष 10 सूत्रीय मांगों को संप्रेषित किया गया। ताकि आगामी समयावधि में समस्त पदाधिकारियों, पत्रकार साथियों को शासकीय योजनाओं पर भी उत्तरदायित्व निर्वहन बखूबी से निभाया जानें की अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही सरकारी कार्यों नियोक्ताओं की भांति ही कार्यकारी संपादक,प्रधान संपादकों,विशेष संपादकों के पद पर पदाशीन संपादकों को लाभान्वित सुनिश्चित हों सकें। बीमा योजना,दीर्घ ऋण,लघु ऋण,उपलब्ध शासकीय सेवकों की तरह स्वास्थ्य,शिक्षा,अन्यत्र जनहित योजनाओं जैसे सुविधाओं को लागू सुनिश्चित होंगे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु कोसरिया, प्रदेश सचिव जीवमंगल सिंह टंडन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आल इंडिया संपादक संघ भारत रायपुर छत्तीसगढ़ के समस्त पदाधिकारियों का समूह छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपना कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी से कर रहे हैं। सभी संपादकगण अपने-अपने अखबार के माध्यम से सरकार शासन-प्रशासन द्वारा संचालित जनहितकारी चलाई जा रही योजनाओं को प्रकाशित किया जा कर आम जनता के बीच में सरलता एवं सुगमता पूर्वक प्रस्तुत कर रही है और आगे भी करते रहेंगे।
संघ की मांग निम्नांकित बिन्दुओं पर प्रस्तुत की गई हैं -
अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों के संपादकों के रूप में काम कर रहे श्रमजीवी पत्रकारों दैनिक समाचार अखबार सप्ताहिक अखबार मासिक पत्रिका प्रकाशित कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी निभाता आ रहा है। ऐसे संपादकों की आकस्मिक निधन आपात काल दुर्घटना वश किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटने की स्थिति परिस्थितियों पर राज्य सरकार सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत छत्तीसगढ़ द्वार उनके नामित व्यक्तियों माता-पिता पत्नि बच्चे नहीं होने की स्थिति में भाई बंधुओं को 50 लाख रुपए की सहायता राशि तदुप्रांत दिया जाना सुनिश्चित किए जाएं।
सामान्य तौर पर निधन होने पर 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मुआवजा के रूप में दिया जाएं साथ ही परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएं ताकि मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकें।
 राज्य सरकार द्वारा 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता बीमा योजना अंतर्गत राशि प्रदाय किया जाएं। अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों के संपादकों को राज्य सरकार द्वारा कानूनी मानक प्रमाण पत्र जारी किया जाएं  भूअभिलेख में दस्तावेजी इंदाज कर पत्रकारिता अधिमान्यता नियमावली में सुगमता एवं सहजता और औपचारिकता भर न रखें। स्थाई मानक मान्यता प्राप्त परिचय पत्र सुनिश्चित करें अथवा प्रेस कार्ड को पास माने। ताकि मंत्रालय के समस्त पदाधिकारियों विभागीय सचिवों को कार्यालयीन समयावधि में सुगमता एवं सहजता से मिला जा सके। आम जनता के जनहितकारी योजनाओं कार्यों को करवाने में सहुलियत हो। संघ के सभी पदाधिकारियों संपादकों की प्रेस कार्ड को समस्त शासकीय समुदाय कार्यालय निजी उद्योगों राष्ट्रीय भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (टोल प्लाजा में विशेष पास की मान्यता दिए जाएं। अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्गों के सभी पदाधिकारियों संपादकों की परिवारजनों पत्नि बच्चों को शासकीय कार्यालय निजी उद्योगों पर जनहितकारी योजनाओं में विशेष प्राधिकता प्रदाय किया जाएं। संघ में कार्यरत संपादकों पदाधिकारियों के बच्चों को शासकीय कार्यालयों, निजी उद्योगों की पदेन भर्ती प्रक्रिया में चिकित्सा संबंधी शैक्षणिक संस्थानों में औचक स्थान पर प्राथमिकता दी जाएं। संघ में कार्यरत संपादकों पदाधिकारियों को भी सरकारी कार्यालयों में पेशावर की भांति शासकीय योजनाओं पर व्यवस्थापित किया जा कर शादी गृह  शिक्षा ऋण उपलब्ध शासकीय एवं निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराएं जाने की सुविधा मुहैया कराई जाएं। संघ में कार्यरत संपादकों पदाधिकारियों को भी राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर व्यवस्थापित कर समुचित विकास अथवा लाभ दिया जाएं। रेल गाड़ियों बसों पर भी निःशुल्क सफर करने की सुविधा मुहैया कराई जाएं साथ ही प्रेस की आई कार्ड को पास माना जा कर अन्य व्यक्तियों की तरह प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी सामान्य तौर पर प्राथमिकता दी जाएं। शासकीय जगहों विश्राम गृह में भी संघ के राज्य स्तर एवं केंद्र स्तर के पदाधिकारियों को रात्रि विश्वास करने की सुविधा मुहैया कराई जाएं। पत्रकारों की हित में ऑल इंडिया संपादक संघ द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को पत्र प्रेषित किया गया हैं।