हरेली पर्व पर नव निर्मित मिनीमाता प्रतिमा,जोड़ा जैतखाम की साफ सफाई कर पूजा अर्चना कर सतनाम का प्रचार प्रसार किया गया

बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़ महिमा)। 19 जुलाई 2023, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक संस्कृति छत्तीसगढ़ का प्रथम त्योहार हरेली पर्व के अवसर पर ग्राम परसाडीह विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ में नव निर्मित छत्तीसगढ़ के प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की प्रतिमा स्थापित और जोड़ा जैतखाम की साफ सफाई कर पूजा अर्चना कर  सतनाम प्रचारक श्रवण कुमार के द्वारा प्रेस छत्तीसगढ़ महिमा द्वारा प्रकाशित संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी के संदेश स्टीकर छाया चित्र को पूरे गांव के घर - घर जा कर प्रचार प्रसार किया गया। जिसमें संत गुरू घासीदास, मिनीमाता, जैतखाम, गुरू अमर दास, गुरू बालक दास, कूतुंबमीनार ऊंचा जैतखाम गिरौदपुरी के स्टीकर छाया चित्र, गुरू संदेश, अमृत वाणी, आरती पुस्तिका निशुल्क वितरण कर प्रचार प्रसार किया गया।
एकता के प्रतीक ज्योति चौंक के जैतखाम, जांगड़े मुहल्ले के जैतखाम में भी पूजा अर्चना कर श्रीफल तोड़ कर बांटी गई। प्रति माह के प्रथम दिवस व विभिन्न अवसरों पर सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक जन जागृति कार्यक्रम के साथ संत गुरू महापुरूषों की जयंती पर्व पुण्यतिथि पर सतनाम सत्संग गुरू वंदना आरती कार्यक्रम आयोजन निरंतर प्रस्तावित सतनाम सत्संग भवन नव निर्मित सामुदायिक भवन में संचालन किया जाएगा। प्रेस छत्तीसगढ़ महिमा सुघर गांव रायपुर व
सत संदेश सत्संग समिति अमृत कुण्ड धाम गिरौदपुरी के विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ कार्यालय संचालित होते रहने से पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न समस्याओं से सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभावित रहे उसे गति प्रदान किया जाएगा। गांव के अनेकी बस्ती में सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन हेतु निर्मित भवन रंग मंच पास फैले अस्वच्छता जल भराव और कुछेक बेघर परिवारों के आश्रय स्थल बन जाने से जनहित कार्यों को काफी प्रभावित पड़ा है। जिस जटिल समस्याओं को लेकर ही श्रवण कुमार संपादक प्रेस छत्तीसगढ़ महिमा सुघर गांव, सतनाम प्रचारक के द्वारा पिछले लगभग 50 वर्षो से अपने पूर्वजों द्वारा शासकीय भूमि को सुरक्षित काबिज रख प्रस्तावित सतनाम सत्संग भवन निर्माण के लिए रखे गए थे। जिनका सही समय पर उनका उद्देश्य सकारात्मक रूप में बदलते दिखाई दे रहे हैं। यदि यह स्थल निर्माण के लिए सदुपयोग नहीं किए जाते तो गांव में अतिक्रमण अधिक होने से शासकीय भूमि पर कोई स्थान नहीं मिलने से निर्माण विकास कार्य हो पाना संभव नहीं था। जिसके आंखो देखा जमीनी हकीकत कई उदाहरण ग्राम विकास जनहित कार्यों को प्रभावित करता दिख जाएंगे।