वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का हुआ जिला रायपुर में सफल समापन लाखो की संख्या में लोगों को मिला न्याय

रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 13 मई 2023,
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार आज 13 मई को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा कर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसमे समस्त न्यायाधीश गण, पक्षकार गण, अधिवक्ता गण, बैंक के अधिकारी गण, राजस्व अधिकारी,नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिंटियर, विधि छात्र छात्रायें उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया। लोक अदालत में पहली बार रायपुर में विभिन्न विधि विश्वविद्यालय जिसे एमिटी, कलिंगा छ.ग.लॉ कॉलेज के सैकड़ो विधि छात्र छात्रओं ने भाग लिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा के दूरदर्शिता एवं सतत मार्ग दर्शन के परिणाम स्वरूप नालसा की असंगठित क्षेत्र के श्रमिको विधिक सेवाएँ योजना 2015 के तहत जिले में पहली बार श्रमिक बंधु जो कि रायपुर जिले निवासी के भुगतान संबंधी विगत 04 वर्षो से भी लम्बित प्रकरण जिसका जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर में काउंसिलिंग के माध्यम से निराकरण किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप 10 से मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी डॉ मनोज प्रजापति सभापति/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जा कर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया। मोहल्ले वासियों द्वारा उनका फूलों से स्वागत किये गए उनके द्वारा 183 से अधिक प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया।
 लगभग स्थलो ईरानी डेरा, बी.एस.सयू.पी.कालोनी, दलदल सिवनी, जोन क्रमांक - 04, जोन क्रमांक 7 कुकुरबेड़ा, जोन क्रमांक 8 रायपुरा पर मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत का न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया।
"कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हेमंत सराफ द्वारा समझाइश पर बिटिया के भविष्य के लिए माता पिता विवाद भूल कर फिर से हुए एक बेटी ने कहा मै भी बनूंगी जज" 
हेमंत सराफ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर के खण्डपीठ ने तलाक लेने आये आवेदक जिसका विवाह 20.05.2007 को अनावेदिका के साथ बलौदाबाजार में हुआ था तथा आपस में पति - पत्नी के बीच छोटी - छोटी बातों को लेकर तनाव रहने लगा इस बीच उनकी एक पुत्री का जन्म हुआ जो अध्ययनरत है। अनावेदिका कई बार पारिवारिक विवाद के कारण आत्म हत्या की प्रयास की थी तब पति ने उसे मनोरोग चिकित्सक के पास उपचार भी कराया था तथा उक्त संबंध में थाने में शिकायत प्रस्तुत की गयी थी। अनावेदिका उसकी पत्नी 2020 की कोरोना काल में आवेदक को छोड़ कर चली गयी थी,जिसके पश्चात आवेदक ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय के द्वारा लगातार दोनों पक्षों को कई पेशियों तक समझाया गया कि आप लोगों की एक पुत्री भी है,जिस हेतु आप लोग आपसी मनमुटाव छोड़ कर एक साथ जीवन व्यतीत करे।
 अंततः दोनों पक्षकारों के द्वारा न्यायालय की परामर्श तथा राजीनामा हेतु समझाये जाने को स्वीकार कर पुनः नया जीवन साथ रह कर व्यतीत करने का फैसला लिया और आज आवेदक ने न्यायालय से अपना तलाक का आवेदन आपसी राजीनामा के आधार पर वापस लेते हुए नवीन जीवन की शुरुआत कराये जाने हेतु लोक अदालत को सफल बता कर अपने नवीन जीवन की शुरुआत हेतु मार्गदर्शी पाया। बिटिया ने कहा कि, मैं भी बनूंगी न्यायाधीश। दोनो को समझाने पर उन्होने आपसी राजीनामा से प्रकरण का निराकरण किया और बिटिया के साथ राजीखुशी घर गये।
  "चेक बाउंस के मामले में 10 वर्ष से लम्बित प्रकरण में दोनो पक्षकारो ने राजीखुशी हुआ राजीनामा" 
   उभय पक्ष के मध्य 15,00,000/- रूपये चेक के लेन देन का 10 वर्षो से प्रकरण लम्बित चला आ रहा था, न्यायालय श्रीमती श्वेता उपाध्याय गौर के समझाईश पर नेशनल लोक अदालत में उभय पक्ष के मध्य हुआ राजीनामा दोनों राजीखुशी राजीनामा कर अपने घर गये। न्यायालय श्रीमती नेहा यति मिश्रा की खंडपीठ में सर्वाधिक 181 चेक बॉउस के मामले नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए। नेशनल लोक अदालत की बड़ी उपलब्धि किशोर न्याय बोर्ड से विधिक से संघर्षरत किशोरों को मूल धारा में लाने के लिए एवं उनमें सुधारात्मक प्रवृत्ति का विकास करने हेतु राजीनामा के माध्यम से बाल सम्प्रेक्षण गृह रायपुर से 14 किशोरों को किया गया रिहा। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती अपूर्वा दांगी द्वारा विधिक से संघर्षरत किशोरों के उत्थान के लिए नेशनल लोक अदालत में सतत प्रयास करते हुए बाल सम्प्रेक्षण गृह रायपुर से 14 किशोरों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सुधारात्मक कदम बढ़ाते हुए उनके भविष्य की सुरक्षा हेतु शिक्षा के महत्व को बताते हुए जीवन में अग्रसर होकर समाजिक भूमिका के लिए रिहा किया गया।
"छ.ग.राज्य परिवहन अधिकरण रायपुर द्वारा नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में ऐतिहासिक आकड़ा प्राप्त किया"
 राज्य परिवाहन अधिकरण न्यायालय ओ.पी.गुप्ता द्वारा परिवहन विभाग से संबंधित 08 प्रकरणों का निराकरण कराया गया जो कि अभी तक की नेशनल लोक अदालत में सर्वाधिक आकडा रहा।
 इसी तरह श्रम न्यायालय- 25 प्रकरण, राजस्व न्यायालय- 93389 प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय - 103प्रकरण, छ.ग.राज्य परिवहन अधिकरण
- 08 प्रकरण, छ.ग.राज्य वाणिज्यिक न्यायालय - 03 प्रकरण, न्यायालय में लम्बित  9,290 प्रकरण का निराकरण। प्री - लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 45060 प्रकरण,
जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 385 प्रकरण,
मोहल्ला लोक अदालत के 183 प्रकरण सहित 
सभी प्रकार के राजीनामा योग्य 1,47,930 लगभग प्रकरण का निराकरण हुआ।