गिरौदपुरी धाम में निशुल्क प्याऊ जल सेवा कार्य के जनक रायपुरा निवासी : जीवन लाल घृतलहरे

रायपुर (छत्तीसगढ़ महिमा)। 27 मई 2023, छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के हृदय स्थल महादेव घाट रायपुरा निवासी जीवन लाल घृतलहरे ने संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो महिमा गुरू दर्शन भूमि गिरौदपुरी धाम के मेला प्रांगण के समीप बाबा महंगु दास माता अमरौतिन के दर्शन स्थल पांच मंदिर में प्रति वर्ष वार्षिक मेला में निशुल्क प्याऊ जल व्यवस्था करते रहे। उनका समाज सेवा में निशुल्क प्याऊ जल व्यवस्था कार्य को सर्व प्रथम माना जाता हैं जो उनके परिजनों के माध्यम से आज भी निरंतर जारी रखा गया हैं। श्री घृतलहरे जी का जन्म 12 जून 1953 को हुआ था इनके पिता संत इतवारी घृतलहरे जी वैद्यराज थे। वे आजीवन समाज के लिए समर्पित रहे इनके बारे में एक और मुख्य बात बता दे कि जीवन लाल घृतलहरे जी परम पूज्य संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी के बड़े भाई ननकू - मनकू इन्ही दोनों भाइयों में से एक के वंशज है। जीवन लाल घृतलहरे जी समाज सेवा करते हुए 23 जनवरी 2011 को रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस लेते हुए सतलोक गमन कर गए।
        "जीवन लाल घृतलहरे नगर निगम में नौकरी 
         करते अनेकों परिवार को दिलाई नौकरी"
  श्री घृतलहरे जी के जीवन अशिक्षित होते हुए भी बहुत ही तेजस्वी व्यक्तित्व के धनी थे सन् 1970 में वे रायपुर के नल घर में लगे नल नगर निगम में काम करने  पैदल जाया करते थे जो अस्थायी नौकरी थे इसके बाद में 1982 में वे स्थायी हो गए। धीरे - धीरे अपने बुद्धिमत्ता और तर्क क्षमता से नगर निगम रायपुर में अपना अच्छा परिचय बना कर अपने सामाजिक कर्तव्य को निभाते हुए समाज के 40 लोगो को नगर निगम में काम में लगा दिया जो कुछ दिनों बाद सभी का नौकरी स्थायी हो गए।
 जीवन लाल घृतलहरे जी सरकारी नौकरी के साथ- साथ बोरिंग ठेकेदारी भी करते हुए समाज के लोगो युवाओं को बोरिंग के काम सिखाते रहे उनका सोच था कि समाज के युवाओं का भविष्य छोटे से सरकारी नौकरी से परिवार का भरण पोषण जीवन यापन के साथ सुनहरा हो सके। जिसमे से कई लोग आगे चलकर मिस्त्री बने तो कई लोग ठेकेदार बन आज भी लोग सुंदर जीवन यापन कर रहे है।
       "जीवन लाल रायपुरा सतनामी समाज के
          भंडारी रहते समाज का किया कुशल नेतृत्व"
जीवन लाल घृतलहरे रायपुरा सतनामी समाज के भंडारी के साथ ही समाज के मुखिया थे। रायपुरा के सतनामी पारा मोहल्ला में कोई भी मांस मंदिरा नशा पान,जुआ खेलते हुए धृतलहरे जी को देख कर वहां से भाग जाते थे।  लोगो के बीच ऐसा वर्चस्व था कि लोग उनके सम्मान करते थे। एक दिन एक मिस्त्री बिजली करंट से चिपक रहे थे अपने सूझ बूझ से बचाया और एक बार तो पारा के युवा को कोई गुंडे मार रहे थे तो उसे अपने घर में जगह दे उनके जान बचाए और उन गुंडों को पूरा रायपुरा सतनामी समाज द्वारा मिल कर सबक सिखाया गया।
रायपुरा में घुरवा जमीन को खरीदकर उसमे लोगो को बसाया जिसे आज सतनाम नगर के नाम से जाने जाते है जो किराए में रहते है।
    "गिरौदपुरी धाम में बोर खनन कर सर्व
 प्रथम किया प्याऊ जल व्यवस्था की शुभारंभ"
    जीवन लाल ने सन 1990 में खुद के खर्चे से मुहल्ले के लोगो को गिरौदपुरी धाम में दर्शन करने ले जाते रहे।
इसी बीच उन्होंने ध्यान किया गिरौदपुरी धाम में पानी के बहुत समस्या है, इसीलिये जीवन लाल ने गिरौदपुरी धाम में सर्वप्रथम निःशुल्क प्याऊ जल वितरण प्रारंभ किया। वे अपने खर्चे से गिरौदपुरी धाम में बोर भी करवाये एक गिरौदपुरी मेला अंदर तो दूसरा छाता पहाड़ में जिससे देश विदेश भर के विभिन्न स्थानों से आवागमन करने वाले संत समाज श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को प्याऊ जल की कोई समस्या न हो और इस परंपरा को आज भी आदरणीय घृतलहरे जी के परिजन सुपुत्र नोहर घृतलहरे बखूबी निभाते आ रहे है। प्रत्येक वर्ष गिरौदपुरी धाम में मुख्य मंच मेला प्रांगण के बगल में  प्याऊ जल वितरण के साथ सतनाम प्रसादी खीर पुडी वितरण किया जाता रहा है।
      "सदैव समाज सेवा में समर्पित रहते थे
          जीवन लाल घृतलहरे"
श्री घृतलहरे जी दयालु व्यक्तित्व के धनी थे, उनके यहां कोई भी सहायता के लिए जाते थे वो कभी खाली हाथ नही आते थे इसीलिए सतनामी समाज के अलावा हिंदू समाज के लोग भी उनके सहृदय से सम्मान करते थे।
गिरौदपुरी धाम में अपने सर्वश्रेष्ठ समाज सेवा से सबके दिल जीतने वाले घृतलहरे जी का गिरौदपुरी धाम मंच में गुरु वंशज गुरु विजय कुमार जी अध्यक्ष गुरू घासीदास सेवा समिति मेला गिरौदपुरी धाम के हाथों सम्मानित किया गया है। रायपुरा में 16 दिसंबर सतनाम शोभायात्रा अपने स्वयं के बलबूते निकालते थे, समाज के वरिष्ठ समाज सेवक श्री नरसिंह मंडल,सुंदर लाल लहरे उनको अपने छोटे भाई के रूप में मानते थे। समाज के बैठक में जीवन लाल जी अपने खर्चो पर करवाते रहे। आज भी रायपुरा सतनामी समाज मे मुहल्ले में कई लोगो के घर आदरणीय घृतलहरे जी के फोटो मिलेंगे। जो लोग उनके किये कार्य को जानते मानते है। इस तरह अनेकों महान पुण्य के कार्य कर किए जीवन लाल जी ने जिसके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इनके अलावा गुरू गद्दी आसान सत्संग समिति रायपुरा के प्रमुख संत कृपाल दास देशलहरे, संत पुनीत दास घृतलहरे के नेतृत्व में प्रति वर्ष गिरौदपुरी धाम मेला के छाता पहाड़ पास सतनाम प्रसादी निशुल्क भोजन भंडारा आयोजित किया जाता आ रहा।
  "रायपुरा सतनामी समाज का पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में बना हुआ हैं एक अलग ही पहचान"
छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के हृदय स्थल महादेव घाट रायपुरा के सतनामी समाज में जीवन लाल घृतलहरे के बाद से अब तक घृतलहरे परिवार की आज पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में एक दुर्लभ अलग ही पहचान बन गया हैं जो निरंतर प्रगति पर है। प्रदीप घृतलहरे द्वारा गिरौदपुरी धाम वार्षिक मेला के बाद ग्रीष्मकालीन लगते ही सतनाम गुरूद्वारा भवन रायपुरा में निशुल्क प्याऊ जल व्यवस्था करते रहे हैं इसके अलावा प्रति सप्ताह के प्रथम दिवस सोमवार को गुरू वंदना आरती कार्यक्रम आयोजन कर सतनाम प्रसादी बांटी जाती हैं। नगर निगम रायपुर में नल जल में नोहर,जगेश घृतलहरे ठेकेदारी कार्य करते रहे है और अर्धवार्षिक और वार्षिक गुरू दर्शन मेला गिरौदपुरी धाम में निशुल्क भोजन भंडारा प्याऊ जल व्यवस्था भी करते रहे हैं। सतनाम गुरूद्वारा भवन बस्ती और महादेव घाट में स्थित सतनाम गुरूद्वारा भवन का संरक्षण विकास कार्यों को नव युवक सतनाम समिति रायपुरा के द्वारा भी सार्थक प्रयास किया जाता रहा हैं।
     "श्रवण कुमार घृतलहरे ने दिलाई रायपुरा
         सतनामी समाज को विशेष पहचान"
श्रवण कुमार घृतलहरे संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी जन्म कर्म भूमि गिरौदपुरी धाम के तपो भूमि में दिल्ली के कुतुंब मीनार से भी ऊंचा नव निर्मित जैतखाम निर्माण कार्य में 01.04.2009 से दिसंबर 2010 तक कार्यरत थे। मार्च 2012 में गिरौदपुरी धाम से प्रकाशित मासिक पत्रिका सतनाम सार,सतनाम कैलेण्डर के 2018 तक और जनवरी 2013 से सतयुग संसार पत्रिका रायपुर के सह संपादक पद में कार्यरत हो रायपुरा में निवासरत होते हुए रायपुरा सतनामी समाज के सभी सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक विभिन्न कार्यक्रम गतिविधियों को प्रत्येक विशेषांक में प्रकाशित कर प्रदेश भर में प्रचार प्रसार करते रहे। उन्ही के मांग प्रयास से रायपुरा सतनामी समाज के पुराने सतनाम गुरूद्वारा भवन को नव निर्मित करने प्रभारी मंत्री मद से सांस्कृतिक मंच,सतनाम गुरूद्वारा भवन राज्यसभा सांसद और मंत्री घोषणा मद से भव्य निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया गया। जिसमे रायपुरा सतनामी समाज का सार्थक प्रयास योगदान रहा हैं। सन 2017 से निरंतर आज तक सतनाम धर्म के धरोहर वार्षिक सतगुरू कैलेण्डर तथा जनवरी 2019 से पत्रिका छत्तीसगढ़ महिमा और अखबार सुघर गांव का संपादक श्रवण कुमार के द्वारा नियमित प्रकाशन किया जा रहा हैं। जिसका प्रधान कार्यालय सतनाम गुरूद्वारा भवन रायपुरा हैं जो पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर में सतनामी समाज रायपुरा का नाम प्रसिद्ध हो गया हैं। जीवन लाल घृतलहरे के गिरौदपुरी धाम में निशुल्क प्याऊ जल व्यवस्था समाज जन सेवा कार्यों से श्रवण कुमार प्रेरित रहे और उनके बाद समाज सेवा पत्रकारिता की मिशाल कायम रख समर्पित भाव से तत्पर हैं। उक्त जानकारी श्री जीवन लाल घृतलहरे के सुपुत्र होराज घृतलहरे युवा समाज सेवक ने स्थानीय प्रेस को दी।