बिलाईगढ़ खाद्य अधिकारी के रवैये से ग्रामीणों का टूटा सब्र,कलेक्टर से की गई शिकायत

  बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़ महिमा)। 15 अक्तूबर 2022,
एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ सरकार जन चौपाल लगा कर आम जनता की समस्या का तुरंत समाधान कर रहे है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ विभागीय अधिकारी गरीब जनता की कोई बात सुनने को तैयार नहीं गरीबो को परेशान करने से वे बाज नहीं आ रहे हैं।
दरासल मामला नवीन जिले सारंगढ़- बिलाईगढ़ के ग्राम पंचायत सलिहा के आश्रित ग्राम छपेरी का है। 
जहाँ उचित मूल्य की राशन दुकान संचालित हो रहे थे जिसमे ग्राम छपेरी के लोग राशन लेते रहे थे। लेकिन पिछले 4 महीने पूर्व छपेरी गांव के लोगो का नाम मलुहा सोसाइटी में जोड़ दिया गया हैं जिससे ग्राम छपेरी के लोगो को अब जंगल के रास्ते हो कर 7 किलोमीटर दूरस्थ दुर्गम सड़क से हो कर उचित मूल्य की दुकान राशन लेने जाना पड़ रहा। जिससे ग्रामीण अंचल और जंगल होने के कारण आवागमन की सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीण जन कई बार राशन लेने भी नहीं जा पाते वही कई परिवार जो कुछ महीने से राशन नहीं लिए और फिर से ग्रामीणों को ग्राम पंचायत सलिहा सोसाइटी में नाम जोड़ने के लिए विकास खंड बिलाईगढ़ के खाद्य अधिकारी प्रहलाद राठौर को पिछले 4 माह से आवेदन देते आ रहे हैं,लेकिन खाद्य अधिकारी साहब अपने आप को किसी बड़े अधिकारी से कम नई समझते। इसलिए ग्रामीणों के दुख दर्द नहीं समझते और 4 माह से आश्वासन देते आ रहे,लेकिन अब ग्रामीणों का सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा। वही जब ग्रामीणों को बिलाईगढ़ जनपद पंचायत में सारंगढ़ कलेक्टर के आने की खबर होने पर छपेरी गांव के लोग सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व पुरुष कलेक्टर से मिल कर अपनी समस्या बताई और आवेदन दिया। जिस पर कलेक्टर द्वारा संज्ञान लेते हुए ग्रामीणों की समस्या सुन कर जल्द निराकरण करने की बात कही। वही देखने वाली बात ये है कि किसी समूह को हटाने के लिए खाद्य अधिकारी को सप्ताह भर नहीं लग रहा न दिन न रात वही आखिर ग्रामीणों को 4 माह से क्यों घुमाया जा रहा है। जबकि बिलाईगढ़ में फूड स्पेक्टर के रवैये से ज्यादातर समूह नाराज हैं।