बलिदानी राजागुरु बालक दास द्वारा किए गए मानव समाज के भलाई शौर्यवीरता को कभी भूलाया नहीं जा सकता: अशवन्त तुषार साहू

 छत्तीसगढ़ महिमा महासमुंद। 21 अगस्त 2022, परम पूज्य संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी के द्वितीय पुत्र बलिदानी राजागुरु बालक दास जी का जयंती पर्व गत दिनों 19 अगस्त को महासमुंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत झलप से 5 कि.मी.दुर गुरेला भाटा डोंगरी पहाड़ी में मनाया गया। जिसमें  विशेष अतिथि के रूप में किसान नेता अशवन्त तुषार साहू शामिल हुए। 
उन्होंने गुरूगद्दी की पूजा अर्चना कर श्रीफल भेंट व माथा टेक कर आशीर्वाद प्राप्त कर क्षेत्र की सुख समृद्धि का कामना किया।
 अशवन्त तुषार साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि
राजागुरु बालक दास जी का जन्म भादो कृष्ण पक्ष के कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सन 1801 ईं.को दक्षिण एशिया  भारत के मध्यप्रांत के छत्तीसगढ में स्थित सोनाखान रियासत के गिरौदपुरी गांव में महान क्रांतिकारी समाज सुधारक युग पुरुष और मानवाधिकार के लिए सतनाम आंदोलन के प्रणेता व सतनाम धर्म के संस्थापक संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी और सफूरा माता जी के पुत्र के रूप में हुआ था। उन्होंने अपने कम उम्र में ही इन्होने सन 1820 ई. से चले सतनाम आंदोलन में बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिए और नेत्रृत्वकारी भूमिका निभाई। इनका सोनाखान के राजा रामराय के पुत्र वीर नारायण सिंह और आदिवासियों से मित्रता पूर्ण संबंध था।
संत गुरु घासीदास जी के बाद सन 1850 ई.में समाधिस्थ ले अन्तर्ध्यान के बाद राजागुरू बालक दास जी सतनामियों के प्रमुख मार्गदर्शक गुरु बने।
 इन्होने संत गुरु घासीदास बाबा जी द्वारा शुरु किए गए सतनाम आंदोलन को पूरे गति से आगे बढ़ाने का कार्य किया। उनके सामाजिक धार्मिक विकास उत्थान कार्यों से प्रभावित होकर अंग्रेज़ शासन द्वारा उन्हे राजा की उपाधि देकर सन 1820 में हाथी घोड़े सोन जड़ित तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया था। संत गुरु घासीदास जी के समय विभिन्न तथा कथित जाति समूह के लोगों ने अपने पूर्व जातिय पहचान को छोड़ कर इस आंदोलन में शामिल हो कर समतावादी समाज की स्थापना की थी। जिनकी जनसंख्या लाखों से अधिक में पहुंच गई थी, जो मैदानी क्षेत्र की कुल जन संख्या की आधी थी और लगातार बढ़ रही थी। उसके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किया गए मानव समाज के भलाई की शौर्यवीरता को याद करते हुए अशवन्त तुषार साहू ने
 राजागुरू बालक दास जी को सत सत नमन किया। अंतरराष्ट्रीय पंथी गायिका श्रीमती उषा बारले की सतनाम सत्संग भजन पार्टी द्वारा संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की सतोपदेश अमृत वाणी को गीत संगीत सत्संग प्रवचन के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सरपंच शत्रोहन, बबलू कुर्रे, नारायण पटेल,राजा कोशले, धनंजय साहू,बृजमोहन पटेल सहित सतनामी समाज के विभिन्न स्थानों से पहुंचे ग्रामीण जन संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटक गण अधिक संख्या में  उपस्थित रहे थे।