छत्तीसगढ़ महिमा रायपुर। 29 मार्च 2022,
छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी व सफूरा माता जी की उत्तराधिकारी द्वितीय सुपुत्र महान प्रतापी राजागुरु बालक दास बाबा जी की 162 वीं बलिदान दिवस पर राजधानी रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर में 28 मार्च 2022 को सतनामी समाज के लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प ली। गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी आयोजक समिति द्वारा बताया कि 28 मार्च 1860 को मुंगेली जिला के औराबांधा में षडयंत्र पूर्वक राजागुरू बालक दास बाबा जी की हत्या किए गए थे। उनकी शहादत दिवस पर उन्हें नमन करते हुए सतनामी समाज के लोगों ने न्यू राजेंद्र नगर में कार्यक्रम आयोजित कर उनके सदकर्मों सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक विकास उत्थान कार्यों को याद किया गया।
इस दौरान श्रीमती उषा बारले एवं पं.अंजोर दास बंजारे तथा उनके कलाकारों ने मंगल भजनों के माध्यम से सत गुरु की महिमा व संदेशों उपदेशों अमृत वाणी का बखान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया का अचानक दिल्ली प्रवास होने कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। इस अवसर पर उपस्थित पूर्व जिला न्यायाधीश एम.डी.माहिलकर ने कहा कि राजागुरू बालकदास जी की ख्याति एक शक्तिशाली राजा के समान थे,उनकी शूरवीर अदम्य साहस को समाज सदैव याद करता रहेगा। गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष के.पी.खण्डे ने समाज की भावनाओं व मांग पर शासन से आग्रह किया कि राजागुरू बालक दास जी की जिस स्थल पर मुंगेली के औराबांधा में हत्या हुई थी उसी स्थल पर उनकी याद में एक स्मारक बनाई जाए। इस मांग पर उपस्थित सतनामी समाज के जन समूहों ने तालियां बजाकर समर्थन किया।
कार्यक्रम को गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी आयोजक समिति के महासचिव डा.जे.आर. सोनी,पूर्व विधायक अहिवारा डोमन लाल कोर्सेवाड़ा एवं बाल विकास संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती पुष्पा पाटले ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर डी.एस. पात्रे,सुंदरलाल जोगी,सुंदर लहरे, चेतन चंदेल,अगम दास अनंत,लक्ष्मीकांत गायकवाड, खेदु बंजारे,प्रकाश बांधे,बंशीलाल कुर्रे,सुखनंदन बंजारे,टिकेंद्र बघेल,बाबा डहरिया,घनश्याम घिंदौडे,डॉ. दिनेश लाल जांगड़े,प्रो.डी.एन.खुटे,डॉ.शकुंतला डेहरे,भुनेश्वरी डहरिया,मोनू बंजारे,ममता कुर्रे,सुलेखा बसंत,सेवाराम कुर्रे,मेलाराम डांडे,कृपाराम चतुर्वेदी, अरुण मंडल,जीतू बारले,घासीदास कोसले,मानसिंह गिलहरें,डॉ.शत्रुघन रात्रे,नंदू मारकंडे,प्रेम बघेल,रघुनाथ भारद्वाज,शोभाराम डायमंड,भूपेंद्र बंजारे,आसाराम लहरे, गुलाब महिलांग,सुभाष कुर्रे,ऋषि बारले,कमल कुर्रे सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग उपस्थित रहे थे।