गिरौदपुरी अर्धवार्षिक गुरू दर्शन मेला संपन्न,जर्जर सड़क आवागमन,बारिश में छाया नहीं दर्शनार्थियों का बनी परेशानी

 छत्तीसगढ़ महिमा गिरौदपुरी। 22 अगस्त 2022, छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो भूमि गिरौदपुरी धाम में प्रति वर्ष के भांति इस वर्ष भी त्रिदिवसीय अर्धवार्षिक गुरू दर्शन मेला भादों कृष्ण पक्ष के सप्तमी से नवमी 18 से 20 अगस्त तक आयोजन किया गया।
जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर से विभिन्न स्थानों से पहुंचे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों गणों ने गुरूगद्दी की पूजा अर्चना और जोड़ा जैतखाम में मांथा टेक कर संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी से आशीर्वाद ली।
इस दौरान गुरू गद्दी नशीन गिरौदपुरी धाम कैबिनेट मंत्री गुरू रूद्रकुमार,कौशल गुरू माता गुरू वंसज परिवार गुरू निवास मेला प्रांगण में उपस्थित संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों गणों ने उनसे सौजन्य भेंट कर आशीर्वाद ली और सामाजिक धार्मिक विकास उत्थान विभिन्न गतिविधियों कार्यों को लेकर विस्तृत चर्चा कर समस्याओं को अवगत कराया गया।
जिस पर गुरू रूद्र कुमार और कौशल गुरू माता द्वारा शासन प्रशासन को गिरौदपुरी धाम की मूलभूत सुविधाओं को लेकर संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों की सर्व सुविधा युक्त पर्यटन स्थल गिरौदपुरी धाम को विकसित करने पहल पर सहमति जताई गई।
प्रदेश भर में लगातार तेज बारिश के बीच 18 से 20 अगस्त तक पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर के विभिन्न स्थानों से पहुंचे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों ने गिरौदपुरी धाम के सभी दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर गुरू दर्शन मेला का लाभ ले सतगुरू घासीदास बाबा जी से सुख समृद्धि की मनोकामना मांग कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
  "बारिश से जर्जर मार्ग में आवागमन बना परेशानी"
लगातार वर्षा होने से जर्जर गड्डे के साथ कीचड़ पानी भरे होने से मुख्य मार्ग महासमुंद जिले के सीमा पिथौरा से बलौदा बाजार जिले के बया होते हुए अर्जूनी महराजी जोंक नदी गिरौदपुरी धाम पहुंच मार्ग और जोंक नदी तट मुख्य मार्ग अमोंदी से और बरपाली से मडवा और विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ मुख्यालय से लगे पवनी से गिरौदपुरी धाम तक आवागमन करने वाले संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ा। देश के आजादी के 75 वर्ष बाद छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो तक पहुंच मार्ग सुगम नहीं बनने से उपेक्षा का शिकार होते देखा जा रहा हैं। 
 "छाता पहाड़,पांच कुण्ड,चरण कुण्ड,अमृत कुण्ड में नहीं छाया की व्यवस्था बारिश में बनी लोगों की समस्या"
 मुख्य दर्शनीय स्थल छाता पहाड़,पांच कुण्ड,चरण कुण्ड,अमृत कुण्ड पास संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों के लिए ग्रीष्मकालीन समय में धूप से बचाने और बारिश के दौरान पानी से बचने छाया विश्राम के लिए धर्मशाला छतदार चबूतरा मंच और संत समागम के लिए सत्संग भवन की निर्माण नहीं होने से हमेशा असुविधाओं समस्याओं को सामना करना पड़ता रहता हैं।
तपो भूमि की ओर छायादार चबूतरा भवन धर्मशाला संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों के लिए बनाएं गए हैं उसी तरह छाता पहाड़,पांच कुण्ड,चरण कुण्ड,अमृत कुण्ड पास निर्माण कराने की अत्यंत आवश्यकता हैं।
"अन्य पर्यटन स्थल से विकास में उपेक्षित हैं गिरौदपुरी धाम" प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न जिलों और विकास खंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे बड़े विभिन्न समुदायों की प्रसिद्ध दर्शनीय जन आस्था विश्वास का केंद्र बिंदु मंदिर देवालय को सुसज्जित विकसित कर पर्यटन स्थल बनाएं गए हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि गुरू घासीदास बाबा जी की जन्म कर्म तपो भूमि गिरौदपुरी धाम प्रमुख केन्द्र बिन्दु पर्यटन स्थल शामिल हैं।
सतनाम पंथ के अनुयाई का आस्था विश्वास का केंद्र है जहां प्रति दिन हजारों की संख्या में और वर्ष में 2 बार वार्षिक और अर्द्ध वार्षिक त्रिदिवसीय भव्य संत समागम गुरू दर्शन मेला भरता आ रहा हैं जिसमें कई लाखों से अधिक संख्या में सर्व समाज के संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों का आवागमन होता हैं।
यहां दिल्ली की कूतुंबमीनार से भी ऊंचा भव्य जैतखाम का निर्माण किया गया हैं जिसे देखने देश विदेश छत्तीसगढ़ प्रदेश भर के विभिन्न स्थानों से संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटक गण आवागमन करते रहते हैं।
इन सभी को देखते हुए शासन प्रशासन द्वारा यहां की मूलभूत सुविधाओं को लेकर विशेष ध्यान दे कर सर्व सुविधा युक्त विकसित किया जाना चाहिए।