अचानक हुए बारिश पानी जमाव के कारण स्थगित ,धनगांव (च) में गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम 30 को सम्पन्न..


मुंगेली / 18 दिसंबर 1756 को गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में ऊंच-नीच, छुआछूत, झूठ और कपट का बोलबाला था। उनका जन्मस्थान छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में गिरौद नामक ग्राम में हुआ पिता मंहगू दास, माता अमरौतिन के घर जन्मे गुरु घासीदास ने समाज को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उनकी सत्य के प्रति अटूट आस्था थी, उसी कारण उन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा। 
घासीदास जी ने जहां समाज में एकता बढ़ाने का कार्य किया, वहीं भाईचारे और समरसता का संदेश भी दिया। उन्होंने सत्य की आराधना की, समाज में नई जागृति पैदा की, अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग उन्होंने मानवता के सेवा कार्य के लिए किया।
सतनामी समाज के अनुयायियों द्वारा 18 दिसम्बर से जयंती पर्व का आयोजन करते है,वही पिछले दिनों वर्षा के कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा जिससे गुरुवार 30 दिसंबर धनगांव (च) में सतनामी समाज के अनुयायियों के द्वारा ध्वज चढ़ा एवं सामाजिक रिति अनुरूप पूजा अर्चना की गई ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में सामाजिक महिलाएं युवा बुजुर्ग जन शामिल हुए गुरु घासीदास जयंती समारोह में मुख्य अतिथि कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष दिलीप बंजारा ने संत शिरोमणि गुरु घासीदास के संतवाणी को लोगों को बताएं सामाजिक, समरसता भाईचारा पर संबोधित किये, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश महामंत्री रूपलाल कोसरे ने गुरुघासीदास के जीवन और समाज के शिक्षा पर प्रकाश डाले, वही वरिष्ठ अतिथि कांग्रेस कमेटी जिला उपाध्यक्ष संजय सोनवानी युवाओं सहित सत्य और झूठ पर संबोधित किये, ग्राम पंचायत धनगांव (च) के सरपंच रघुराज श्रीनेत ने संत शिरोमणि गुरु घासीदास के संतवाणी को लोगों को बताएं,इस मौके पर  टाइल्स के मालिक,सहित प्रेस छत्तीसगढ़ महिमा स्टेट प्रमुख अरविंद कुमार कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।