नागपंचमी में बिरितिया बाबा मंदिर रोहिना में उमड़ी भक्तों की भीड़

 छत्तीसगढ़ महिमा भटगांव। 05 अगस्त 2022, विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ के नगर पंचायत भटगांव से लगे ग्राम रोहिना में स्थित बिरतिया बाबा मंदिर में गत दिनों 02 अगस्त नागपंचमी को पूजा के लिये संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों का भीड़ देखने को मिला। नागपंचमी में यहां होता है विशेष पूजा-अर्चना विभिन्न स्थानों से दर्शन करते आते हैं लोग,जहाँ सुबह से ही लोगों का आवागमन प्रारंभ हो गया था। बताया जाता है नागपंचमी को यहाँ विशेष पूजा अर्चना प्रति वर्ष किया जाता है। जहाँ आस पास के विभिन्न गांव और दूरस्थ स्थानों से लोग अपनी आस्था विश्वास के साथ ग्राम रोहीना के मन्दिर में नाग देवता को दूध फल फूल श्रीफल और जल चढ़ाते है।
दरासल इस बिरतिया बाबा मंदिर ग्राम रोहिना की स्थापना और रहस्य की बात करें तो आज से तकरीबन 18 वर्ष पहले यहां गांव में सर्प और बिच्छू का गढ़ बन रहा था, तभी गांव के एक व्यक्ति सर्पदंश का शिकार हो गया।
 जिसे यहां से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कैथा विकास खंड जैजैपुर जिला जांजगीर चांपा के प्रसिद्ध जय बिरतिया बाबा मन्दिर ले जाया गया,
 जहाँ के मंदिर में सर्पदंश का शिकार हुआ व्यक्ति को बिरतिया बाबा का नाम लेकर उनके स्थापित मंदिर जमीन का चुटकी भर मिट्टी खिलाया गया और मिट्टी को खाते ही सर्पदंश व्यक्ति के शरीर से विष खत्म हो गया और उस व्यक्ति को नया जीवन दान मिल गई। जिसके बाद जिले बलौदाबाजार के विधान सभा क्षेत्र बिलाईगढ़ अंतर्गत नगर पंचायत मुख्यालय भटगांव से लगे ग्राम रोहिना के ग्रामीणों ने आस्था विश्वास रखते हुए सन 2004 में बिरतिया बाबा का एक मंदिर बनवाया और मन्दिर में नागदेवता की मूर्ति स्थापना किया गया। 
क्षेत्र में भी रोहिना गाँव में स्थित बिरतिया बाबा मन्दिर को भी जानने पहचानने लगे और विभिन्न स्थानों से विषैले सांप बिच्छू जीव जंतु की काटने पर पीड़ित व्यक्ति को लेकर यहां आते हैं। एक दिवसीय नाग पंचमी को प्रति वर्ष भव्य नाग देवता की दर्शन मेला भरता आ रहा हैं जिसमें विभिन्न स्थानों से पहुंचे संत श्रद्धालुओं दर्शनार्थियों पर्यटकों द्वारा दूध श्रीफल फल फूल और जल चढ़ाते हैं। सर्पदंश,बिच्छू सहित जहरीले कीड़ो के शिकार हुए व्यक्ति आस्था विश्वास से यहाँ ग्राम रोहिना की मिट्टी खा कर ठीक होने लगे तब से लेकर आज तक हर वर्ष सावन माह के पंचमी यानी नागपंचमी के दिन रोहिना में स्थित बिरतिया बाबा मंदिर के नागदेवता का विशेष पूजा अर्चना किया जाता रहा हैं। इस तरह बिलाईगढ़ मुख्यालय से लगभग 12 किलो मीटर दूरी पर स्थित ग्राम मुड़पार में भी जय बिरतिया बाबा की मिट्टी ला कर यहां भी उनकी पूजा अर्चना हेतु मंदिर स्थापना बलद जांगड़े के निवास पर किया गया हैं।
यहां के लोगों ने बताया कि बलद जांगड़े का ससुराल ग्राम कैथा हैं जहां बिरतिया बाबा की भव्य मंदिर स्थापना किया गया हैं। जहां की मिट्टी ला कर ग्राम मुड़पार में बलद जांगड़े द्वारा अपने निवास पर चबूतरा मंदिर निर्माण कर स्थापित किया गया हैं। जहां विभिन्न स्थानों से विषैले सांप बिच्छू जीव जंतु के काटने से पीड़ित व्यक्ति को लेकर आते हैं उन्हे एक चुटकी मिट्टी जय बिरतिया बाबा के नाम से खिलाने से नया जीवन दान मिलता हैं।
पथरिया मोड़ मुख्य मार्ग पर मुड़पार पहुंच दूरी प्रदर्शित कर संकेत चिन्ह बोर्ड लगाएं जाने चाहिए।
ताकि यहां आस पास क्षेत्र के लोगों को विषैले सांप बिच्छू जीव जंतु के काटने से पीड़ित व्यक्ति का उपचार नजदीकी होने से दूरस्थ स्थल जाने भटकने की जरूरत नहीं होगी। मुख्य मार्ग पथरिया मोड़ से लगभग 5 किलो मीटर दूरी अंदर में ग्राम मुड़पार स्थित हैं जबकि ग्राम रोहिना मुख्य मार्ग से लगा हुआ हैं जहां लोग आसानी से पहुंच जाते हैं।